पत्रकारों और गैर पत्रकार कर्मचारियों के वेतन से जुड़े मजीठिया मामले में माननीय सुप्रीम कोर्ट के नए आदेश के बाद मध्यप्रदेश के श्रम आयुक्त कार्यालय ने एक सर्कुलर सभी सहायक श्रम आयुक्तों को और संभागीय श्रम कार्यालय को तथा श्रम निरीक्षकों और जिला श्रम कार्यालय को जारी कर तत्काल इस पर कदम उठाने का निर्देश दिया है। केसी गुप्ता श्रम आयुक्त मध्य प्रदेश इंदौर ने 30 मार्च 2016 को ये सर्कुलर जारी किया है जिसमें लिखा है कि भारत सरकार और सर्वोच्च न्यायालय द्वारा आदेश के बावजूद मजीठिया वेतनमान न लागू किए जाने की अनेक शिकायतें प्राप्त हो रही हैं।
पत्रकारों एवं अन्य कर्मचारियों को अनुचित तरीके से सेवा से पृथक किया जा रहा है। इन पर मजीठिया वेज बोर्ड की अनुशंसा को मान्य नहीं किये जाने के बारे में दबाव दिया जा रहा है। अतः इस सम्बन्ध में राज्यों के श्रम आयुक्तों को निर्देश दिया जाता है कि वे इस आदेश के अनुक्रम उक्ताशय की शिकायत प्राप्त होने पर उनका समुचित परीक्षण करें तथा इस सम्बन्ध में प्रतिवेदन माननीय सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष 12 जुलाई 2016 या उसके पूर्व प्रस्तुत करें। अब देखना है कि मध्य प्रदेश की तरह दूसरे राज्यों के श्रम आयुक्त ऐसा सर्कुलर कब जारी करते हैं, करते भी हैं या नहीं।
मुंबई के पत्रकार और आरटीआई कार्यकर्त्ता शशिकांत सिंह की रिपोर्ट.
छह पन्ने के सरकुलर में पहला पन्ना तो श्रम आयुक्त का आदेश है, बाकी पांच पन्नों में सुप्रीम कोर्ट के ताजे फैसले की कापी है. इसे पूरा पढ़ने देखने के लिए अगले पेज पर जाने हेतु नीचे क्लिक करें :