माई लॉर्ड ने वरिष्ठ पत्रकार को अवमानना में तिहाड़ भेजा पर मीडिया मालिकों के लिए शुभ मुहुर्त का इंतजार!

…सहारा का होटल न खरीद पाने वाले चेन्नई के एक वरिष्ठ पत्रकार को सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना का दोषी मान कर आनन-फानन में जेल भेज दिया… यह वरिष्ठ पत्रकार गिड़गिड़ाता रहा लेकिन जज नहीं पसीजे… पर मीडिया मालिक तो खुद एक बार सुप्रीम कोर्ट के सामने उपस्थित तक नहीं हुए और कोर्ट को चकरघिन्नी की …

अखबारों-मैग्जीनों में काम कर रहे / काम कर चुके मीडियाकर्मियों के लिए जरूरी संदेश

Yashwant Singh : दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर, पंजाब केसरी, अमर उजाला, प्रभात खबर, हिंदुस्तान, नवभारत टाइम्स, लोकमत, टाइम्स आफ इंडिया, हिंदुस्तान टाइम्स, राष्ट्रीय सहारा… जैसे दर्जनों छोटे बड़े अखबारों-पत्रिकाओं में कार्यरत / पूर्व कार्यरत मीडियाकर्मियों के ध्यानार्थ…

मीडिया मालिकों ने मुख्यमंत्री से लगायत अदालत तक को ख़रीद रखा है, सुप्रीम कोर्ट तक इससे बरी नहीं है

Dayanand Pandey : आज की तारीख़ में लगभग सभी मीडिया संस्थानों में ज़्यादातर पत्रकार या तो अनुबंध पर हैं या बाऊचर पेमेंट पर। कोई दस लाख, बीस लाख महीना पा रहा है तो कोई तीन हज़ार, पांच हज़ार, बीस हज़ार, पचास हज़ार भी। जैसा जो बार्गेन कर ले। बिना किसी पारिश्रमिक के भी काम करने वालों की लंबी कतार है। लेकिन बाकायदा नियुक्ति पत्र अब लगभग नदारद है, जिस पर मजीठिया सिफ़ारिश की वैधानिक दावेदारी बने। फिर भी कुछ भाई लोग सोशल साईट से लगायत सुप्रीम कोर्ट में मजीठिया की लड़ाई लड़ रहे हैं। जाने किसके लिए।

महाराष्ट्र के श्रम मंत्री के पास पत्रकारों से मीटिंग का टाइम नहीं, मजीठिया मामले में दूसरी बैठक भी स्थगित

भड़ास के जरिये क्लेम फाइल करना ही एकमात्र विकल्प

मजीठिया मामले में महाराष्ट्र में लगता है पत्रकारों के अच्छे दिन नहीं आने वाले हैं। महाराष्ट्र के श्रम मंत्री प्रकाश मेहता को अपने ही राज्य के पत्रकारों से गुरेज हो गया है। राज्य के श्रम मंत्री प्रकाश मेहता ने पत्रकारों और गैर पत्रकारों के वेतन और सुविधाओ से जुड़े मजीठिया वेज बोर्ड को अमल में लाने के मामले में चुप्पी साध ली थी। विपक्ष ने जब इस मामले को विधान सभा में उठाया तो मंत्री महोदय ने आनन फानन में पत्रकारों और प्रबंधन तथा कामगार विभाग की 20 अप्रैल को बैठक बुलाने का एलान किया।

मजीठिया वेज बोर्ड से जुड़े प्रमोशन मामले की मुंबई में २५ को सुनवाई

मजीठिया वेज बोर्ड की अनुशंसा में गड़बड़ झाला कर माननीय सुप्रीम कोर्ट की आंखों में धूल झोकते हुये फर्जी रिपोर्ट भेजे जाने के मामले से जुड़े मुंबई के श्रम आयुक्त के यहां दायर एक आरटीआई का गोलमोल जवाब देना खुद श्रम आयुक्त मुंबई को भारी पड़ने वाला है। मुंबई के निर्भीक पत्रकार और आरटीआई एक्टीविस्ट शशिकांत सिंह ने आरटीआई से प्राप्त प्रमोशन मामले से जुड़े एक सूचना पर असंतुष्ट होकर श्रम आयुक्त कार्यालय में अपील दायर कर पूछा है कि अगर आपके पास मजीठिया मामले के लिये महत्वपूर्ण प्रमोशन लिस्ट नहीं है तो आपके विभाग द्वारा माननीय सुप्रीम कोर्ट को किस आधार पर मजिठिया वेज बोर्ड के क्रियान्यवयन की रिपोर्ट भेजी गयी है। इस अपील को स्वीकार कर लिया गया है और इस पर २५ अप्रैल को दोपहर मेंश्रम आयुक्त कार्यालय मुंबई शहर के प्रथम अपील अधिकारी के समक्ष सुनवाई होनी है।

मजीठिया वेज बोर्ड पर बोले सीएम अखिलेश- जल्द फाइल होगी मजीठिया को लेकर स्टेट्स रिपोर्ट

लखनऊ : मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिशों को लागू किए जाने के संबंध उत्तर प्रदेश के समाचार पत्रों की स्थिति और अब तक हुयी प्रगति को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से अब तक सुप्रीम कोर्ट में रिपोर्ट न पेश किए जाने पर इंडियन फेडरेशन आफ वर्किंग जर्नलिस्ट (आईएफडब्लूजे) का एक प्रतिनिमंडल राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हेमंत तिवारी के नेतृत्व में सोमवार को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मिला। प्रतिनिधि मंडल ने सोमवार सुबह इस मामले को लेकर मुख्य सचिव आलोक रंजन से भी मुलाकात की और उन्हें एक ज्ञापन सौंपा।

May Day call for newspaper and news agency employees in Maharashtra

LEADING organisations of Journalist and non-Journalist newspaper and news agency employees as well as prominent institutions of media persons in Maharashtra have formed a Joint Action Committee (JAC) to press for the implementation of the Justice Majithia Wage Boards Awards, as mandated by the Supreme Court of India. The JAC has decided to hold a May Day open interactive session on Sunday, 1st of May 2016 at either the Mumbai Press Club Hall or the Mumbai Marathi Patrakar Sangh Hall from 12 noon onwards. Efforts are underway to invite Maharashtra Government representatives to address the session.

मजीठिया वेज बोर्ड के वेतन, भत्ता और प्रमोशन के लिये अपने कार्मिक प्रबंधन को पत्र लिखकर ये दस्तावेज जरूर मांगें

मजीठिया वेज बोर्ड के वेतन, भत्ता और प्रमोशन के लिये कार्मिक प्रबंधन को पत्र लिखकर ये दस्तावेज जरूर मांगें। देखें सारा राज खुल जायेगा। प्रबंधन की धोखाधड़ी जानने के लिए यह पत्र रजिस्टर्ड डाक से भेजें तो बेहतर होगा।

मजीठिया मामले में महाराष्ट्र के श्रम मंत्रालय, समाचार पत्र प्रबंधन और पत्रकार यूनियनों की संयुक्त बैठक २० को मंत्रालय में

मुंबई : पत्रकारों और गैर पत्रकारों के वेतन, सुविधाओं तथा भत्ते से जुड़े मामले पर महाराष्ट्र सरकार के कामगार मंत्री प्रकाश मेहता ने २० अप्रैल को दोपहर दो बजे से मंत्रालय के दलान क्रमांक ६०७ में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया है।

महाराष्ट्र विधानसभा में गूंजी पत्रकार हित की आवाज, अखबार मालिकों को मजीठिया देने के लिए किया जाएगा मजबूर

मुंबई : सालों से चल रहे मीडिया समूहों के पत्रकारों के अधिकार और उनके वेतन तथा भत्ते को लेकर आज महाराष्ट्र विधानसभा से जोर-शोर से आवाज बुलंद की गई। पत्रकारों को मजीठिया आयोग के तहत वेतन और भत्ते दिये जायें इसके लिए सभी दलों के नेताओं ने अपनी सहमति दर्ज कराई। करीब आधा घंटे चले विचार-विमर्श के बाद राज्य के श्रम मंत्री प्रकाश मेहता ने आश्वासन दिया है कि वे जल्द ही एक बड़ी बैठक बुलाएंगे और उसमें पत्रकारों के हितों को लेकर उचित निर्णय लिया जाएगा।

महाराष्ट्र विधानसभा में मजीठिया वेतन आयोग पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के तहत चर्चा होगी

बंधुओं, आज महाराष्ट्र विधानसभा में मजीठिया वेतन आयोग पर अब तक अमल न होने के विषय पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के तहत चर्चा होगी। सभी पत्रकारों से अनुरोध है क़ि इससे जुड़े मुद्दे विभिन्न पार्टियों के विधायकों को बताएं ताकि अखबार मालिकों और सरकार के लेबर विभाग की मिलीभगत सामने आ सके। मुख्य मुद्दे इस प्रकार हैं..

सुप्रीम कोर्ट के नए आदेश के बाद श्रम आयुक्त कार्यालय मध्यप्रदेश ने मजीठिया मामले में जारी किया सर्कुलर

पत्रकारों और गैर पत्रकार कर्मचारियों के वेतन से जुड़े मजीठिया मामले में माननीय सुप्रीम कोर्ट के नए आदेश के बाद मध्यप्रदेश के श्रम आयुक्त कार्यालय ने एक सर्कुलर सभी सहायक श्रम आयुक्तों को और संभागीय श्रम कार्यालय को तथा श्रम निरीक्षकों और जिला श्रम कार्यालय को जारी कर तत्काल इस पर कदम उठाने का निर्देश दिया है। केसी गुप्ता श्रम आयुक्त मध्य प्रदेश इंदौर ने 30 मार्च 2016 को ये सर्कुलर जारी किया है जिसमें लिखा है कि भारत सरकार और सर्वोच्च न्यायालय द्वारा आदेश के बावजूद मजीठिया वेतनमान न लागू किए जाने की अनेक शिकायतें प्राप्त हो रही हैं।