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मध्यप्रदेश में अख़बार बड़े-बड़े पर पत्रकारिता नदारद

मध्य प्रदेश में आपको देश में नंबर-1 और विश्वसनीयता का दावा ठोकने वाले अखबार तो जरूर मिल जाएंगे पर पत्रकारिता उनमे लुप्त होती जा रही है. अलबत्ता प्रापर्टी एक्सपो,ऑटो एक्सपो और डांडिया गरबा के आयोजनों तथा अपने स्कूल-यूनिवर्सिटी तथा कल-कारखानों के माल की प्रशस्ति की खबरों से ये अखबार पटे रहते हैं. पत्रकारिता का इन अखबारों से किस प्रकार लोप हो रहा है इसकी एक बानगी पेश है.

मध्य प्रदेश में आपको देश में नंबर-1 और विश्वसनीयता का दावा ठोकने वाले अखबार तो जरूर मिल जाएंगे पर पत्रकारिता उनमे लुप्त होती जा रही है. अलबत्ता प्रापर्टी एक्सपो,ऑटो एक्सपो और डांडिया गरबा के आयोजनों तथा अपने स्कूल-यूनिवर्सिटी तथा कल-कारखानों के माल की प्रशस्ति की खबरों से ये अखबार पटे रहते हैं. पत्रकारिता का इन अखबारों से किस प्रकार लोप हो रहा है इसकी एक बानगी पेश है.

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पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री उमा भारती ने आगरा की चुनावी सभा में बलात्कारियों को मौके पर ही सजा देने पर बेहद आक्रामक बयान दिया है. उन्होंने कहा की दुष्कर्म का अपराध करने वालों को पीड़िताओं के सामने ही उलटा लटका कर तब तक पीटा जाना चाहिए जब तक चमड़ी न निकल जाए और फिर घावों पर नमकमिर्च रगड़नी चाहिए. भाषण में इसके बाद मध्यप्रदेश आता है जब वो कहती हैं की मैं मुख्यमंत्री थी तब ऐसा ही करवाती थी.जब पुलिस अफसर मानवाधिकारों की याद दिलाते तो मैं कहती की दानवों का मानव अधिकार नहीं होता. महिलाओं से मैंने कहा की इन दानवों को थानों में खुले में उलटा लटका कर इतना पीटो जिससे उनकी चीखें पीड़ितों के कानों तक पहुंचे और उन्हें शांति मिले.

इंडियन एक्सप्रेस ने इस बयान को प्रमुखता से छापते हुए उमा भारती के समय डीजीपी रहे एस के दास से बातचीत कर उसका ब्यौरा भी छापा है. उनसे संभवतः अख़बार के भोपाल ब्यूरो चीफ मिलिंद घटवई ने बात की होगी. श्री दास ने इस प्रकार की सजा से इंकार करते हुए कहा की ऐसा होना तो दूर कोई ऐसा सोच भी नहीं सकता. यदि कोई पुलिस अफसर ऐसा करता तो मैं उसे तुरंत बर्खास्त या मुअत्तल कर देता. इस प्रकार के गैरकानूनी कामों में लिप्त रहने के बजाय हमारी ड्यूटी कानून-व्यवस्था बनाए रखने की है. श्री दास ने आगे कहा कि नेता कुछ भी कह सकते हैं पर जहाँ तक पुलिस का ताल्लुक है तो इस प्रकार के टार्चर को तो जाने दें, थप्पड़ मारना भी धारा-३२३ के तहत जुर्म है. उन्होंने कहा कि बलात्कारियों को कड़ी सजा के लिए क़ानून में संसोधन किया जा चुका है.

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होना तो यह चाहिए था की इंडियन एक्सप्रेस की ही तरह प्रदेश के अख़बारों को इस खबर को प्रमुखता से छापते हुए श्री दास की बात भी सामने रखनी थी. नईदुनिया ने उमाजी की फोटो के साथ बड़ी खबर जरूर छापी पर दास साहब से बात करने की जहमत नहीं उठाई जबकि वे इंदौर में ही रहते हैं. इसके बरक्स पत्रिका से खबर नदारद है जबकि दैनिक भास्कर ने सिंगल कालम में छोटी खबर छापी है. अलबत्ता उसके प्रापर्टी एक्सपो की खबर तीन फोटो सहित पांच कालम में जरूर विराजमान है. उपर इंडियन एक्सप्रेस, नईदुनिया और दैनिक भास्कर की कतरनें प्रकाशित हैं.

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भोपाल से श्रीप्रकाश दीक्षित की रिपोर्ट.

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