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आवाजाही

मृत्युंजय ठाकुर की छवि खराब करने के लिए छपवाया गया अखबार में नोटिस!

अनिल सिंह-

लाइव इंडिया हर पल के संपादकीय प्रमुख मृत्युंजय ठाकुर ने अपने ऊपर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए अखबारों में अपने खिलाफ छपे विज्ञापन को भ्रामक और जान बूझ कर छवि खराब करने की साजिश करार दिया है। 15 नवंबर को भड़ास 4मीडिया ने भी उस विज्ञापन की कॉपी छापी थी। मृत्युंजय ने कहा कि अखबार में उक्त विज्ञापन छपने से पहले ही उन्होंने पोर्टल के व्हाट्सएप ग्रुप में एक मैसेज लिखकर पोर्टल छोड़ देने का एलान कर दिया था। लेकिन बाद में उन्हें निकाल दिए जाने का अफवाह फैलाया जा रहा है। मृत्युंजय ने जो मैसेज लिखा था उसका स्क्रीन शॉट नीचे देखा जा सकता है।

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मृत्युंजय ने अपने मैसेज में लिखा था कि:

चलते चलते

आज 5 नवंबर है। आज से ठीक 4 महीना पहले 6 जुलाई को बतौर मुख्य संपादक मैने live India Har Pal की शुरुआत की थी। रांची में चैनल की relaunching हुई। कई लोगों के इंटरव्यू के बाद मैंने एक टीम बनाई। Team ने शानदार परफॉर्म किया और महज़ 27 दिनों के रिकॉर्ड समय में you tube की सभी कठिन शर्तों को 100% पूरा करते हुऐ चैनल मोनेटाइज हुआ। एक संपादक के तौर पर मैं संतुष्ट था और उत्साहित भी। मेरे द्वारा बनाई गई टीम के मेरे साथियों कामेश, पूजा, नौशाद, सोनू, समीर, नेहा, मुकेश और उत्तर प्रदेश से अवैतनिक सहयोग कर रहे मेरे मित्रवत अनुज मनोज सिंह ने अपनी योग्यता शत प्रतिशत साबित कर दी। मुझे यकीन हो गया कि आने वाले दिनों में हम कई और कीर्तिमान गढ़ने वाले हैं।

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लेकिन शुरुआत के दो महीने बाद से ही एक बदमिजाज शख्स की बदतमीजी शुरू हो गई। ज़मीन की दलाली कर उसने कुछ black money बना लिया और पैसा आते ही अहंकार भी दोस्त बन गया। चापलूसी पसंद और कान का कच्चा यह व्यक्ति अहंकार में अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मारता चला गया। अल्पज्ञान को अपना सर्वज्ञान मान कर उल जलूल हरकतें करना, किसी से भी किसी भी स्तर तक बेहूदा बहस कर लेना, जो मैंने कह दिया वही सही-इस mode में किसी भी employee को अभद्र तरीके से कुछ भी बोल देना, बात बात पर show-cause जारी कर देना, employees को एक दूसरे के खिलाफ भड़काना ये सब रोजमर्रा की बातें हो गई थीं। यहां काम करने वाले सभी लोग त्रस्त थे। खुद को अपनी औकात से बड़ा साबित करने के चक्कर मेंअल्ल बल्ल, झूठ मूठ, मायावी और अहंकारी बातें करता रहता है। ऐसे लोग किसी भी तरह खुद की supermacy साबित करने के लिए कुछ भी कर गुजरने में बेशर्म होते हैं। सुन और पढ़ रहा हूं कि वह व्यक्ति बेशर्मी की हद को भी पार कर गया है। ये उसके परवरिश और परिवेश का ही नतीज़ा हो सकता है। दोस्तों, आप सब जानते हैं कि संस्कार और स्वभाव खानदानी होते है। शायरा सबीना अदीब ने लिखा भी है कि

जो खानदानी रईस हैं वो नर्म रखते हैं मिज़ाज अपना,
तुम्हारा लहज़ा बता रहा है तुम्हारी दौलत नई नई है।

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मेरे बारे में भी सीधा तो नहीं (जिसकी औकात उसमे नहीं है) लेकिन कई बार उसने ग्रुप में सांकेतिक तौर पर लिखा। आप उसकी बेशर्मी की कल्पना कर सकते हैं कि जिस दर दर भटक रहे बेरोजगार नौजवान को 22 साल पहले मैं किसी जिले से अपने चैनल का स्ट्रिंगर बहाल कर सकता हूं, सनसनी और star news का उसी जिले से स्ट्रिंगर बना सकता हूं, पटना से शुरू होने वाले एक नए चैनल का फिर स्ट्रिंगर बना सकता हूं, और 8, 10 साल के कम्युनिकेशन गैप के बाद भी साल 2021 में वो मुझसे संपर्क कर अपने लिए एक अदद नौकरी की गुजारिश करे, ये कहते हुए कि सर मैं आपके लिए फलां फलां चैनल में फलां जगह से स्ट्रिंगर था कृपया याद कीजिए और pl मुझे पटना में रिपोर्टर रख लीजिए। मुझे उसकी शक्ल भी याद नहीं थी लेकिन उसके अधिकार भाव ने मजबूर कर दिया और मैंने उसे अप्वाइंट कर लिया। मेरे जानने वाले कई लोगों ने इसपर विरोध जताया और अंततः उससे सचेत रहने की सलाह दी। काश, कान का कच्चा रहता। तो उसी समय उससे दूरी बना लिया होता। खैर, 4 महीने वह वहां रहा और उसकी शिकायत पर चार माह में छह लोगों को मैंने चैनल से बाहर कर दिया। दो ट्रेनी लड़कियां, दो फीमेल रिपोर्टर और दो कैमरामैन। मैं क्षोभ व्यक्त करता हूं कि उसकी दकियानूसी और फरेब को मैं तब समझ नहीं पाया। शायद ये ज्यादा भरोसे की वज़ह से। इस बीच पता चला कि वह एक You tube channel भी चला रहा है। हालांकि उस channel का कोई recognition नहीं था और उसकी बदतमीजिओं की वज़ह से एक एक कर लोग उसे छोड़ कर निकलते रहे। बाद में उसने मुझपर भावनात्मक दवाब बनाकर बंद पड़े उस channel को रिलॉन्च करने का बार बार आग्रह करना शुरू किया। मैं भी उसके जाल में आ गया। उसके खेल और फरेब को समझने में मुझसे चूक हो गई।

आखिरकार भारी मन से मैंने तय किया कि अब यहां continue नहीं करूंगा। दिलसे गढ़े इस संस्थान को मैंने अलविदा कह दिया। मेरे इस एलान के बाद 99% साथियों ने भी मेरे मना करने के बावजूद वहां से निकल जाना ही बेहतर समझा।

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आप तमाम पत्रकार साथियों को रहे दिल से शुक्रिया जिन्होंने विपरीत परिस्थितियों में भी मेरा साथ दिया।

अपनी वफा की कुछ इस तरह मिसाल देता हूं
कोई कुछ पूछे तो टाल देता हूं
ठोकरें उसी की खाता हूं, जिसके पैरों से कांटा निकाल देता हूं
वो राहों में कांटे बिछाते रहे, हम खुदा की कसम मुस्कुराते रहे ।

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अब मैं इस ग्रुप से भी exit कर रहा हूं। अपलोगों से जल्द ही दोबारा मुलाकात होगी।

Good bye Friends.

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मूल खबर-

‘लाइव इंडिया हर-पल’ से मृत्युंजय ठाकुर को कई आरोप लगाकर निकाला गया, देखें ये नोटिस

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