कल्याण सिंह की परम्परा योगी ने तोड़ी… पत्रकारों की सरकारी मिठाई खटाई में पड़ी… वरिष्ठ पत्रकार के घर दीपावली मिलने गया। लंच का वक्त था। दोपहर के खाने का इंतजाम था। खाने के बाद मैंने खुद बेगैरती से कुछ मीठा खाने की जिद करते हुए कहा कि आज दीपावली है मिठाई तो खिलाना ही पड़ेगी। वरिष्ठ पत्रकार महोदय बोले अभी तक आई नहीं। शाम तक आना शायद आ जाये। मैंने कहा किस नौकरानी से मिठाई मंगवाई है जो शाम को मिठाई लायेगी। निकाल बाहर करिये उसे। आप जैसे पत्रकार सरकारें भगा देते हैं नौकरानी नहीं भगा सकते।
बोले- कोई नौकरानी-वौकरानी मिठाई लेने नहीं गयी है। मुझे कल से इंतजार है कि हर साल की तरह घर पर दीपावली की सरकारी मिठाई आयेगी।
आगे ठंडी सांस लेकर बोले- अब शायद ना आये। आना होती तो हर बार की तरह धनतेरस के दिन ही आ जाती।कल्याण सिंह की परम्परा शायद योगी जी ने तोड़ दी। खैर ठीक ही किया। बीस-तीस वर्षों से पिछली सरकारों की मिठाई खा रहे पत्रकार भी बहुत मीठे हो गये थे। अब बस नमक ही खायें ताकि नमकहरामी ना कर सकें। इतने में केशव भाई की मिठाई आ गयी….
लखनऊ से वरिष्ठ पत्रकार नवेद शिकोह की रिपोर्ट. संपर्क : 8090180256, navedshikoh84@rediffmail.com
Comments on “लखनऊ के पत्रकारों को दीपावली पर प्रदेश सरकार ने नहीं भेजी मिठाई”
बड़ा बेगैरत आदमी था जो अपने मेहमान को दीवाली पर मिठाई खिलाने को भी किसीं के यहॉ से मिठाई मिलने के इंतज़ार में था।