देश भर के मीडियाकर्मियों के वेतन, एरियर और प्रमोशन तथा अन्य सुविधाओं के लिए गठित जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड मामले में महाराष्ट्र के नासिक जिले में सिर्फ 6 अखबार मालिकों ने माननीय सुप्रीमकोर्ट के दिशा निर्देश का पालन करते हुए अपनी कंपनी का वर्ष 2007 से 2010 तक का बैलेंससीट दिया है। ये अखबार हैं- दैनिक भ्रमर नासिक, श्रीरंग प्रकाशन, गावकरी प्रकाशन नासिक, आपला महाराष्ट्र धुले, दैनिक वार्ता धुले और दैनिक तरुण भारत जलगांव। अन्य अखबारों के मालिकों ने सुप्रीमकोर्ट के आदेश को गंभीरता से नहीं लिया।
यह खुलासा हुआ है आर टी आई के जरिये। मुम्बई के निर्भीक पत्रकार और आर टी आई एक्टिविस्ट तथा मजीठिया क्रांतिवीर शशिकांत सिंह ने आरटीआई के जरिये ये जानकारी निकाली है। शशिकांत सिंह ने आर टी आई के जरिये नासिक के सहायक कामगार आयुक्त कार्यालय से ये जानकारी मांगी थी कि नासिक के कितने अखबार मालिकों ने जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड के पालन के तहत अपनी कम्पनी का वर्ष 2007 से 2010 तक की बैलेंससीट दी है। इसके जवाब में नासिक के सहायक कामगार आयुक्त कार्यालय के राज्य जन माहिती अधिकारी डी एल नंदन ने बताया है कि नासिक के सिर्फ 6 अखबार मालिकों ने अपनी कंपनी की वर्ष 2007 से 2010 तक की बैलेंससीट दी है जिसमें दैनिक भ्रमर नासिक, श्रीरंग प्रकाशन नासिक, गावकरी प्रकाशन नासिक, आपला महाराष्ट्र धुले, दैनिक वार्ता धुले और दैनिक तरुण भारत जलगांव का नाम शामिल है।
आर टी आई से ये भी खुलासा हुआ है कि नासिक में एक भी अखबार मालिक ने अपने कर्मचारियों की प्रमोशन लिस्ट कामगार विभाग में जमा नहीं कराया है। इसी आर टी आई के जवाब में ये भी खुलासा हुआ है कि नासिक में किसी भी पत्रकार ने वर्किंग जर्नलिस्ट एक्ट की धारा 17 (1) के तहत रिकवरी क्लेम नहीं लगाया है, इसलिए रिकवरी सार्टिफिकेट नहीं जारी किया गया।
शशिकांत सिंह
पत्रकार और आरटीआई एक्टिविस्ट
मुंबई
9322411335