ओम बिरला ने तो मकान को शोरूम बना दिया!

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पुष्प रंजन-

आप ध्यान से देखिये. बड्डा-बड्डा नाम लिखा है मकान के ऊपर. रात को इनके नाम का नियोन साइन जलता है. लोग नाम गेट पर लगवाते हैं, हमारे लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मकान के मत्थे पर लगा दिया.

इनसे पहले जो 17 लोग लोकसभा अध्यक्ष हुए, उनमें किसी ने अपने घर के शीर्ष ऐसा नाम पट्टिका नहीं लगाया होगा. सोमनाथ दा, बलराम जाखड़, मीरा कुमार की कोठियों पर मैंने कभी ऐसा बोर्ड नहीं देखा था. संस्कारों वाली बात है.

“कनक कनक ते सौ गुनी मादकता अधिकाय, वा खाये बौराये नर, वा पाए बौराये.”

(माननीय लोक सभा अध्यक्ष के जानने वालों का कहना है कि यह ओम बिरला जी का घर नहीं, कार्यालय है. उनका घर मैंने भी नहीं लिखा. केवल “मकान” लिखा है. लेकिन क्या पहले के किसी लोक सभा अध्यक्ष ने इस तरह का कार्यालय बनाया है, जिसके शीर्ष पर पूरा परिचय लिखा हो? यह अपने आपमें खोज का विषय है.)

वरिष्ठ पत्रकार पुष्प रंजन की एफबी वॉल से.

इस पोस्ट पर लोकसभा सचिवालय में मीडिया देखने वाले किसी शर्मा जी का वाट्सअप फ़ोन भड़ास के पास 9810189986 नंबर से आया। इन्होंने बताया कि जिस भवन का उल्लेख किया गया है वह लोकसभा अध्यक्ष का मकान नहीं बल्कि कार्यालय है।

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Comments on “ओम बिरला ने तो मकान को शोरूम बना दिया!

  • विजय सिंह says:

    पहली बार ऐसा “नेम प्लेट” देख रहा हूँ.

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  • शिवम गर्ग says:

    किसी और स्पीकर ने, मालिकों की सांसदी भी तो नहीं छीनी थी। बस यही दर्द है।

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    • गोदी मीडिया के चाटुकार.. पीड़ा ये है कि इक्का दुक्का निष्पक्ष चैनल/पोर्टल भी तुम लोकतंत्र के सुपारी किलर बलात्कारियों से हज़म नहीं होते, और तुम्हे बवासीर हो जाता है

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  • अमित says:

    गलती करी, आपसे इजाज़त लेनी चाहिए थी अपने घर मे काम करवाने की। बाकी लोक सभा अध्य्क्ष से कोई व्यक्तिगत परेशानी है आपको या किसी से पैसे लेकर खबर छापी है?

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  • गोदी मीडिया के चाटुकार(शिवम गर्ग, अमित).. पीड़ा ये है कि इक्का दुक्का निष्पक्ष चैनल/पोर्टल भी तुम लोकतंत्र के सुपारी किलर बलात्कारियों से हज़म नहीं होते, और तुम्हे बवासीर हो जाता है

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  • Ajay balani says:

    गोदी मीडिया के चाटुकार(शिवम गर्ग, अमित).. दर्द तो इस बात का है कि इक्का दुक्का निष्पक्ष चैनल/पोर्टल भी तुम लोकतंत्र के सुपारी किलर बलात्कारियों से हज़म नहीं होते, और तुम्हे बवासीर हो जाता है

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  • Ajay balani says:

    गोदी मीडिया के दैनिक उपभोक्ता शिवम गर्ग, अमित.. दर्द तो इस बात का है कि इक्का दुक्का निष्पक्ष चैनल/पोर्टल भी तुम लोकतंत्र के सुपारी लियों से हज़म नहीं होते, और तुम्हे बवासीर हो जाता है

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  • Ajay balani says:

    गोदी मीडिया के दैनिक उपभोक्ता शिवम गर्ग, अमित.. दर्द तो इस बात का है कि इक्का दुक्का निष्पक्ष चैनल/पोर्टल भी तुम लोकतंत्र के सुपारी लिए हुओं से हज़म नहीं होते, और तुम्हे अपच हो जाता है

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