1992 में हर्षद मेहता कांड के बाद पी चिदंबरम ने इस्तीफ़ा दे दिया था, देखें अख़बार

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अविनाश विद्रोही-

ज्ञात हो, अदानी कांड के बाद अभी तक किसी ने इस्तीफ़ा नहीं दिया है.

अडानी ने कैसे नम्बर 2 की पोजिशन हासिल की, कैसे वो एक हफ्ते में 20 नम्बर से भी नीचे आ गया , मुझे कुछ नही पता। मैंने हर्षद मेहता की न्यूज़ भी देखी थी उस पर बनी वेब सिरीज़ भी देखी लेकिन पता ही नहीं चला हो क्या रहा है।

शैल कम्पनियां बनाकर कैसे अपनी कम्पनी को प्रॉफिट में शो किया , कैसे शैल कम्पनी बनाकर एनडीटीवी को खरीदा, कैसे एक छोटी से घर मे रहने वाला हर्षद मेहता और अडानी विश्व मे अपना बहुत बड़ा नाम बना गए। शेयर मार्किट कभी समझ नहीं आता। बस इतना पता है कि जब शेयर मार्किट ऊपर जाता है लोग खुश होते हैं। शेयर मार्किट नीचे आने पर लोगों का नुकसान होता है।

निचोड़ बस इतना है कि गलत रास्ते से आप तरक्की कर सकते हैं लेकिन वो तरक्की ज्यादा दिन की नहीं होता। उद्योगपति देश के रीढ़ की हड्डी हैं। देश के विकास में अहम योगदान देते हैं। एक घर बनाना हो तो करीब 42 इंडस्ट्री डायरेक्ट या इनडायरेक्ट रूप से उसमें जुड़ते हैं।

मुझे इतना मालूम है किसी भी उद्योग के नुकसान से देश को नुकसान होता है और जब देश का सबसे बड़ा उद्योगपति घाटे में जा रहा तो निश्चित रूप से देश एक बड़े संकट की तरफ बढ़ रहा है।



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