Connect with us

Hi, what are you looking for?

प्रिंट

प्रभात खबर अवैध तरीके से छाप रहा मुंगेर संस्करण, पुलिस तक पहुंची लिखित शिकायत

मुंगेर : बिहार राज्य के मुंगेर जिले में वर्षों से केवल मुंगेर जिले के पाठकों के लिए मुद्रित, प्रकाशित और वितरित हो रहे बिना रजिस्ट्रेशन वाले दैनिक प्रभात खबर के अवैध मुंगेर संस्करण के विरूद्ध कानूनी कार्रवाई करने की प्रार्थना करते हुए मुंगेर के अधिवक्ता श्रीकृष्ण प्रसाद ने मुंगेर प्रमंडल के डीआईजी, मुंगेर जिले के पुलिस अधीक्षक और कोतवाली के एसएचओ के साथ-साथ बिहार के पुलिस महानिदेशक को अलग-अलग आवेदन स्पीड-पोस्ट से भेजा है।

बिहार सरकार और केन्द्र सरकार को पता है कि दैनिक अखबारों के जिलावार अवैध संस्करण छप रहे हैं और सरकारी विज्ञापन के प्रकाशन के माध्यम से सरकारी खजने की लूट जारी है. परन्तु, केन्द्र और राज्य सरकारें चुप हैं. यह खुला दस्तावेजी साक्ष्य है कि भागलपुर जिले के लिए छपने वाले भागलपुर संस्करण केवल भागलपुर जिले के पाठकों के लिए छपते हैं और मुंगेर जिले के लिए छपने वाले मुंगेर संस्करण केवल मुंगेर जिले के लिए ही छपते हैं. भागलपुर संस्करण के अखबार न तो मुंगेर जिले में बिकेंगे और न हीं मुंगेर जिले के संस्करण के अखबार भागलपुर जिले में बिक्रेंगे. केन्द्र और राज्य सरकार अगर चाहे तो पूरे राज्य के सभी जिलों के संस्करणों की दस-दस प्रतियां एक दिन जब्त कर मामले की तहकीकात कर सकती है और मीडिया हाउसों के घपलों के खेल को खत्म कर सरकारी खजाना को लूटने से बचा सकती है. मीडिया हाउसों के आर्थिक भ्रष्टाचार की खबरों को देश का कोई भी मीडिया संस्थान नहीं प्रकाशित करता है. यही कारण है कि मीडिया हाउस अपनी खुली मनमर्जी चलाते हैं और नियम-कानूनों को ठेंगा दिखाते हैं.

Advertisement. Scroll to continue reading.

ये है आवेदन….

07 जून, 2019

Advertisement. Scroll to continue reading.

सेवा में

श्रीमान् स्टेशन हाउस आफिसर,

Advertisement. Scroll to continue reading.

कोतवाली, मुंगेर

विषयः पीआरबी एक्ट 1867 का उल्लंघन कर दैनिक प्रभात खबर के अवैध मुंगेर संस्करण के मुद्रण, प्रकाशन और वितरण के जरिए सरकारी विज्ञापन छापने व सरकारी खजाने के लूटने के संबंध में।

Advertisement. Scroll to continue reading.

महाशय, मैं इस आवेदन के साथ मेसर्स न्यूट्रल पब्लिशिंग हाउस लिमिटेड, नामक कंपनी द्वारा 03 जनवरी, 2019 को मुंगेर जिले के पाठकों के लिए भागलपुर के प्लाट नंबर डी-27, इंडस्ट्रीयल इस्टेट, बरारी, भागलपुर से प्रकाशित दैनिक प्रभात खबर हिन्दी अखबार के मुंगेर संस्करण की एक मूल प्रति संलग्न कर रहा हूं. इस अंक के पृष्ठ 2 पर मोटे-मोटे अक्षरों में ‘मुंगेर जिला’, पृष्ठ 3 पर उपर में मोटे-मोटे अक्षरों में ‘मुंगेर प्रभात’, पृष्ठ 04 पर ‘जमालपुर आस-पास’, पृष्ठ 5 पर ‘मुंगेर जिला’ और पृष्ठ 6 पर ‘मुंगेर कैम्पस’ प्रकाशित किए गए हैं जो प्रमाणित करते हैं कि दैनिक प्रभात खबर का यह अखबार मुंगेर संस्करण है और यह केवल मुंगेर जिले के पाठकों के लिए भागलपुर जिले में मुद्रित हुआ है और केवल मुंगेर जिले के पाठकों के बीच वितरित हुआ है.

इसी कंपनी द्वारा 3 जनवरी 2019 को भागलपुर जिले के पाठकों के लिए प्लाट नंबर डी-27, इंडस्ट्रियल इस्टेट, बरारी, भागलपुर में मुद्रित दैनिक प्रभात खबर हिन्दी अखबार के भागलपुर संस्करण केवल भागलपुर जिले में प्रकाशित और बिक्री किए गए हैं। भागलपुर संस्करण के इस अंक के पृष्ठ 2 पर ‘सिटी भागलपुर’, पृष्ठ 3 पर उपर में मोटे-मोटे अक्षरों में ‘भागलपुर प्रभात’, पृष्ठ 4 पर ‘क्राइम भागलपुर’, पृष्ठ 5 पर ‘सिटी भागलपुर’, पृष्ठ 6 पर ‘कैंपस भागलपुर’, पृष्ठ 7 पर ‘नवगछिया आसपास’ और पृष्ठ 8 पर ‘कहलगांव- सुलतानगंज- नवगछिया’ प्रकाशित हैं जो प्रमाणित करता है कि यह दैनिक प्रभात खबर का भागलपुर संस्करण है जो केवल भागलपुर जिले के पाठकों के लिए मुद्रित, प्रकाशित और वितरित किए गए हैं।

Advertisement. Scroll to continue reading.

भागलपुर और मुंगेर जिलों के अलग-अलग जिलावार संस्करणों के प्रथम पृष्ठों के शीर्षक भी अलग-अलग हैं। मुंगेर संस्करण में प्रथम पृष्ठ पर प्रथम समाचार है- ‘मुंगेरः एके-47 मामले में फरार गुलेन भाई के साथ गिरफ्तार’, जबकि भागलपुर संस्करण में प्रथम पृष्ठ का प्रथम समाचार है- ‘ट्रैक के दोनों ओर से हटेगा अतिक्रमण’.

दैनिक प्रभात खबर के भागलपुर और मुंगेर के अलग-अलग संस्करणें में पृष्ठ 16 (अंतिम पृष्ठ) के नीचे प्रिंट-लाइन प्रकाशित है जिसमें अखबार के प्रधान संपादक के रूप में आशुतोष चतुर्वेदी, संपादक (बिहार) के रूप में अजय कुमार, संपादक (भागलपुर संस्करण) के रूप में जीवेश रंजन सिंह और मुद्रक और प्रकाशक के रूप में आशुतोष चौबे के नाम प्रकाशित हैं।

Advertisement. Scroll to continue reading.

भागलपुर और मुंगेर के अलग-अलग जिलावार दैनिक प्रभात खबर के संस्करणों में पृष्ठ 16 के नीचे प्रकाशित प्रिंट लाइन मे दोनों संस्करणों की निबंधन संख्या- आरएनआई नंबर ‘बीआईएचएचआईएन (वर्ष 2011) 37188’ प्रकाशित है। दोनों अलग-अलग संस्करणों में प्रधान संपादक, संपादक (बिहार), संपादक (भागलपुर संस्करण) तथा मुद्रक और प्रकाशक एक ही व्यक्ति हैं। दोनों संस्करणों का एक ही टेलीफोन नम्बर है। प्रकाशन करने वाली कंपनी भी एक ही है। परन्तु दोनों संस्करणों में अलग-अलग समाचार हैं जो कानून की नजर में अलग-अलग अखबार हैं।

किसी भी दैनिक अखबार का मुद्रण, प्रकाशन और वितरण द प्रेस एण्ड रजिस्ट्र्ेशन आफ बुक्स एक्ट, 1867 और संशोधित कानून रजिस्ट्रेशन आफ न्यूजपेपर्स (सेन्ट्रल) रूल्स्, 1956 के अन्तर्गत विनियमित होता है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

भारत सरकार के प्रेस-रजिस्ट्रार (नई दिल्ली) एकमात्र कानूनी अधिकृत व्यक्ति हैं जो कानूनी प्रक्रियाधीन से गुजरने के बाद प्राप्त डिक्लेरेशन (आवेदन) पर द प्रेस एण्ड रजिस्ट्रेशन आफ बुक्स एक्ट, 1867 के अन्तर्गत संबंधित अखबार को धारा 19 (सी) के तहत रजिस्ट्रेशन-सर्टिफिकेट और रजिस्ट्रेशन आफ न्यूजपेपर्स सेन्ट्रल रूल्स्, 1956 की धारा 7 (2) के तहत अखबार को निबंधन-संख्या (रजिस्ट्रेशन-नम्बर) आवंटित करते हैं।

मेसर्स न्यूट्र्ल पब्लिशिंग हाउस लिमिटेड, जिसके प्रधान कार्यालय के पते को साजिश के तहत कानून से बचने के लिए प्रकाशित नहीं किया गया है, के प्रधान संपादक आशुतोष चतुर्वेदी, संपादक(बिहार) अजय कुमार, संपादक (भागलपुर संस्करण) जीवेश रंजन सिंह और मुद्रक और प्रकाशक आशुतोष चौबे और अन्य, जिन्हें कानून में कंपनी के मालिक होने की जिम्मेबारी सौंपी गई है, ने मिलकर सोची-समझी साजिश के अन्तर्गत दैनिक प्रभात खबर के भागलपुर संस्करण के लिए प्रेस-रजिस्ट्रार (नई दिल्ली) से आवंटित सर्टिफिकेट आफ रजिस्ट्रेशन और रजिस्ट्रेशन नम्बर आरएनआई नंबर बीआईएचएचआईएन (वर्ष 2011) 37188 को गलत नीयत से धोखाधड़ी और जालसाजी का सहारा लेकर दैनिक प्रभात खबर के मुंगेर संस्करण की प्रिंट-लाइन में वर्ष 2011 से अब तक लगातार मुद्रित और प्रकाशित करते आ रहे हैं।

Advertisement. Scroll to continue reading.

कंपनी के सभी वर्णित नामजद व्यक्तिगण दैनिक प्रभात खबर के भागलपुर संस्करण के लिए आवंटित निबंधन संख्या को मुंगेर संस्करण में विगत आठ वर्षों से मुद्रित और प्रकाशित कर बिना निबंधित मुंगेर संस्करण को जिला प्रशासन, बिहार सरकार और केन्द्र सरकार के समक्ष निबंधित अखबार के रूप में प्रस्तुत कर अवैध ढंग से जालसाजी और धोखाधड़ी के जरिए सरकारी-विज्ञापन प्राप्त कर उसे बिना निबंधित मुंगेर संस्करण में प्रकाशित कर राज्य सरकार और केन्द्र सरकार के सरकारी खजानों को अबतक करोड़ों में चूना लगाते आ रहे हैं।

बुरी नीयत से धोखाधड़ी और जालसाजी कर सरकारी विज्ञापन मद में सरकारी खजाने को लूटने की राशि का पूर्ण ब्योरा सूचना एवं जनसम्पर्क निदेशालय पटना के विज्ञापन शाखा में उपलब्घ है। विगत साठ वर्षों में मुंगेर जिले में अवस्थित राज्य सरकार और केन्द्र सरकार के सभी सरकारी विभागों के सभी सरकारी-विज्ञापन सूचना एवं जनसम्पर्क निदेशालय पटना के माध्यम से दैनिक प्रभात खबर के मुंगेर संस्करण में प्रकाशित हुए हैं और इस विधि से कंपनी ने राज्य सरकार के खजाने को करोड़ों में लूटने का काम किया है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

पीआरबी एक्ट् 1867 की धारा 5 में स्पष्ट कानूनी प्रावधान है कि भारत वर्ष में एक्ट में दिए गए कानूनी प्रावधानों के पालन के बिना कोई भी अखबार किसी भी कीमत पर प्रकाशित नहीं होंगे। इस एक्ट की धारा -5।3। में अखबार के नए संस्करण का भी स्पष्ट प्रावधान है । धारा -05। 3। में प्रावधान है कि ‘जितनी भी बार मुद्रण और प्रकाशन का स्थान परिवर्तित होता है, उतनी बार नवीन घोषणाएं (डिक्लेरेशन) आवश्यक होंगी’। यहां यह बताना जरूरी है कि डिक्लेरेशन का तात्पर्य उस आवेदन से है जिस आवेदन पर प्रेस रजिस्ट्रार नई दिल्ली संबंधित अखबार के मुद्रक और प्रकाशक को अखबार का रजिस्ट्रेशन नम्बर और सर्टिफिकेट आफ रजिस्ट्रेशन प्रदान करता है।

एक्ट में जिस डिक्लेरेशन की चर्चा है, उस डिकलेरेशन में कालम नंबर 11 में नए संस्करणों के लिए विशेष कालम की व्याख्या निम्नवत की गई है :–

Advertisement. Scroll to continue reading.

कृप्या बतावें कि क्या घोषणा निम्न के संबंध में है

।क। नया समाचार-पत्र, या

Advertisement. Scroll to continue reading.

।ख। विद्यमान समाचार-पत्र,

।ग। यदि घोषणा ।ख। के अधीन आती है, तो नयी घोषणा दाखिल करने का कारण बतावें ।

Advertisement. Scroll to continue reading.

द रजिस्ट्रेशन आफ न्यूजपेपर्स । सेन्ट्रल। रूल्स् 1956 में अखबार के संस्करण की स्पष्ट चर्चा शीर्षक प्रेस-रजिस्ट्रार को समाचार पत्र की प्रतियों का परिदान में की गयी है। यहां स्पष्ट लिखा है कि प्रत्येक प्रकाशक अपने समाचार -पत्र के अंक के प्रकाशन के 48 घंटों के भीतर प्रेस-रजिस्ट्रार को डाक द्वारा या किसी संदेशवाहक के द्वारा उस अंक की एक प्रति भेजेगा। परन्तु यह कि जहां किसी समाचार-पत्र के एक ही घोषणा के अधीन एक से अधिक संस्करण प्रकाशित होते हैं और ऐसे किसी संस्करण के अंक के लिए लिया गया फुटकर विक्रय-मूल्य, अथवा उसमें अन्तर्विष्ट पृष्ठों की संख्या अन्य किसी संस्करण के अंक से भिन्न हों, तो ऐसे प्रत्येक संस्करण के अंक की भी एक प्रति उसी प्रकार से प्रेस रजिस्ट्रार को भेजी जायेगी।

प्रेस रजिस्ट्रार नई दिल्ली ने अपने कार्यालय की सरकारी वेबसाइट पर मूल अखबार और अखबार के संस्करण की परिभाषा के साथ संस्करण के रजिस्ट्रेशन संबंधित गाईडलाइन्स् जारी कर रखा है प्रेस-रजिस्ट्रार नई दिल्ली ने रजिस्ट्रेशन के लिए गाइडलाइन्स में स्टेप-02 के तीसरे और चौथे पारा में प्रेस-रजिस्ट्रार नई दिल्ली ने स्पष्ट उल्लेख किया है कि ‘यदि अखबार के मुद्रण और प्रकाशन का स्थान अलग-अलग जिलों में है, तो दोनों जिलों से अलग-अलग डिक्लेरेशन रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन देना होगा। मुद्रक को अखबार के मुद्रण-स्थान वाले जिले से और प्रकाशक को अखबार के प्रकाशन वाले जिले से डिक्लेरेशन देना पड़ेगा।’

Advertisement. Scroll to continue reading.

प्रेस-रजिस्ट्रार नई दिल्ली ने अपने कार्यालय के सरकारी वेबसाइट पर टाइट्ल्स-वेरिफिकेशन के लिए जारी गाइड्लाइन्स् में भी मूल अखबार और अखबार के जिलाबार संस्करणों को परिभाषित करते हुए गाइडलाइन्स् के कालम नं0-05 के पारा नं0- 6।4। में स्पष्ट उल्लेख किया है कि एक ही राज्य में यदि पहले से प्रकाशित अखबार का दूसरे जिलों में नया संस्करण का प्रकाशन करना है,तो टाइटल-वेरिफिकेशन की जरूरत नहीं है। प्रकाशक सीधे प्रेस रजिस्ट्रार नई दिल्ली को आवश्यक कागजात के साथ नए संस्करण के निबंधन-प्रमाण-पत्र और निबंधन-संख्या के लिए आवेदन कर सकता है।

कंपनी के वर्णित सभी नामजद व्यक्तियों ने द रजिस्ट्रेशन आफ् न्यूजपेपर्स सेन्ट्रल रूल्स्, 1956 की धारा 8।2। का भी वर्ष 2011 से लगातार आजतक उल्लंघन करते आ रहे हैं और दैनिक प्रभात खबर के मुंगेर संस्करण में प्रिंट लाइन पृष्ठ-16 (अंतिम पृष्ठ) में कंपनी के मालिक का नाम साजिश की तहत नहीं प्रकाशित करते आ रहे हैं। धारा 8।2। में कंपनी के मालिक / मलकिन का नाम अखबार में प्रतिदिन छापना कानूनी बाध्यता है। इस कानून के उल्लंघन में भी सजा और जुर्माना का प्रावधान है। दैनिक प्रभात खबर के बिना निबंधनवाले मुंगेर संस्करण का मालिक कौन व्यक्ति कानूनी रूप से होंगे, उसकी भी व्याख्या द रजिस्ट्रेशन आफ् न्यूजपेपर्स ।सेन्ट्रल। रूल्स्, 1956 में स्पष्ट रूप में की गई है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

द रजिस्ट्रेशन आफ न्यूजपेपर्स सेन्ट्रल रूल्स, 1956 के एनुअल स्टेटमेन्ट चैप्टर की पृष्ठ संख्या-31 पर ‘‘ओनरशिप‘‘ शीर्षक में पारा नं0- 17।बी। ।2। में समाचार-पत्र के मालिक कानूनी रूप में कौन व्यक्ति हांगें, की व्याख्या की गई है। एक्ट के कालम नं0-17।बी।।2। में स्पष्ट व्याख्या है कि ‘यदि किसी समाचार-पत्र का मालिक ज्वाइंट स्टाक कंपनी है, चाहे वह कोई पब्लिक लिमिटेड कंपनी है या प्राइवेट लिमिटेड कंपनी है, में समाचार-पत्र का मालिक कंपनी का चेयरपर्सन और कंपनी के बोर्ड आफ डायरेक्टर्स का वह सभी सदस्य और शेयरहोल्डर्स होंगें जिन्होंने कंपनी में एक प्रतिशत से अधिक की पूंजी लगाई हैं।’

इस प्रकार, मेसर्स न्यूट्र्ल पब्लिशिंग हाउस लिमिटेड के प्रधान संपादक आशुतोष चतुर्वेदी, संपादक ।बिहार। अजय कुमार, संपादक ।भागलपुर संस्करण। जीवेश रंजन सिंह और मुद्रक और प्रकाशक आशुतोष चौबे और कंपनी के मालिक । चेयरपर्सन और कंपनी के बोर्ड आफ डायरेक्टर्स के वे सभी सदस्य और शेयरहोल्डर्स जिन्होंने कंपनी में एक से अधिक प्रतिशत की पूंजी लगाई है। ने मिलकर विगत 8 वर्षों से अबतक दैनिक प्रभात खबर के बिना निबंधन वाले मुंगेर संस्करण को मुद्रित, प्रकाशित और वितरित मुंगेर जिले के पाठकों के बीच करते आ रहे हैं , भागलपुर संस्करण को आवंटित निबंधन संख्या को मुंगेर संस्करण में प्रतिदिन प्रकाशित कर अवैध संस्करण को वैध संस्करण बनाकर सरकार और जनता से जालसाजी, ठगी और धोखाधड़ी के जरिए मुंगेर जिले के सरकारी और गैर-सरकारी विज्ञापनो ं को प्राप्त कर उन विज्ञापनों को प्रकिशत कर सरकारी खजाने को करोड़ों में लूटने का काम बेरोकटोक करते आ रहे हैं ।

Advertisement. Scroll to continue reading.

इस आवेदन में वर्णित कंपनी के सभी व्यक्तियों ने भारतीय दंड संहिता की धाराएं 420। 471।476 और प्रेस एण्ड रजिस्ट्र्ेशन आफ् बुक्स् एक्ट, 1867 की धाराएं 5, 5।1।, 5।2। , 5।2-ए।, 5।2-बी0।, 5।2-सी0।, 5।3।, 6, 8।बी।, 12, 14, 15 और 19-सी0 और द रजिस्ट्र्ेशन आफ् न्यूजपेपर्स ।सेन्ट्र्र्ल।रूल्स्, 1956 की धाराएं 7।2।, 8।बी। और अन्य का लगातार उल्लंघन करते आ रहे हैं ।

अंत में आपसे नम्र निवेदन है कि आप आवेदन में प्रस्तुत दस्तावेजी साक्ष्यों, 03 जनवरी, 2019 के प्रकाशित भागलपुर और मुंगेर संस्करणों की मूल-प्रतियां, प्रेस-रजिस्ट्र्ार।नई दिल्ली। के अखबार और अखबार के संस्करणों के संबंध में जारी विभागीय निर्देशों ,पी0आर0बी0एक्ट, 1967, द रजिस्ट्र्ेशन आफ् सेन्ट्र्ल रूल्स् , 1956 और इंडियन पेनल कोड की संबंधित धाराओं के उल्लंघन के आलोक में जांचकर दोषियों के विरूद्ध कानूनी काररवाई करने की कृपा करेंगें ।

Advertisement. Scroll to continue reading.

श्रीमान् को सूचित करना चाहता हूं कि इस मामले में भविष्य में यदि अतिरिक्त दस्तावेजी साक्ष्यों की प्राप्ति होती है, मैं उसे भी श्रीमान् के समक्ष दस्तावेजी-साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत करूंगा ।

विश्वासभाजन
श्रीकृष्ण प्रसाद,
अधिवक्ता,
पे0 स्व0 श्रीकाशी प्रसाद,
जिला-मुंगेर,

Advertisement. Scroll to continue reading.

प्रतिलिपि :
1 पुलिस अधीक्षक मुंगेर
2 आरक्षी उप महानिरीक्षक मुंगेर रेंज
3 आरक्षी महानिरीक्षक भागलपुर
4 पुलिस महानिदेशक बिहार को सूचनार्थ एवं आवश्यक काररवाई हेतु प्रेषित

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement