मोहसिन खान के नेतृत्व वाला प्राइम न्यूज दिन प्रतिदिन नए नए ‘कीर्तिमान’ बना रहा है। प्राइम न्यूज चैनल की खास बात यह है कि यह उन कर्मचारियों की सैलरी नहीं देता जो रिजाइन कर के चले जाते हैं। यानि चैनल अब अपने कर्मचारियों की सैलरी मारकर अपना एकाउंट भर रहा है।
दूसरी तरफ बड़ी खबर यह है कि पिछले तीन महीने से ज्यादा का वेतन कर्मचारियों को अभी तक प्राइम न्यूज द्वारा नहीं दिया गया है। जब इस मामले में एचआर से कर्मचारी बात करते हैं तो वह अगले सप्ताह, दो दिन या चार दिन रुकने की बात कहते हैं। कर्मचारी मार्च महीने से ही रुके हुए हैं। यानि मार्च, अप्रैल, मई तीन महीने से कर्मचारी बिना वेतन के काम कर रहे हैं।
मोहसीन रजा जो कि प्राइम न्यूज के एडिटर हैं उन्हें शायद कर्मचारियों की मेहनत नहीं दिखती। प्राइम न्यूज की स्क्रीन को वह देश के टॉप लेवल के चैनलों की तरह देखना चाहते हैं लेकिन जब कर्मचारियों को वेतन देने की बात आती है तो अपने केबिन से बाहर नहीं निकलते।
आलम यह हो गया है कि आउटपुट में 2-3 लोग ही काम पर आ रहे हैं। यानि अधिकांश कर्मचारी सैलरी ना मिलने की वजह से काम पर आने में बहानेबाजी कर रहे हैं और चैनल फालतू की खबरें और पुराने बनाए गए प्रोग्राम की वजह से रन हो रहा है। बीच बीच में एकाध बुलेटिन चल जाए तो वह राम भरोसे है।
कर्मचारी बिना वेतन के भी अपना पूरा योगदान चैनल को संभालने में दे रहे हैं लेकिन मोहसीन रजा और कंपनी के सीईओ को शायद कर्मचारियों की पीड़ा समझ नहीं आ रही है। लॉकडाउन जैसी स्थिति में भी कर्मचारी अपना पेट्रोल आदि फूंककर पिछले तीन महीने से चैनल को सींचने का काम कर रहे हैं।
यह भी खबर है कि प्राइम न्यूज उन कर्मचारियों को सैलरी नहीं देता जो रिजायन करके जाते हैं। यानि अगर आप प्राइम न्यूज चैनल में नौकरी करना चाहते हैं तो यह बात अच्छी तरह समझ लें कि जिस समय आप अपनी जॉब से रिजायन देंगे तो आपको अपनी बची हुई सैलरी भूलनी पड़ेगी। कर्मचारियों को अपने फ्यूचर की परवाह रहती है इसलिए कोई प्राइम न्यूज के खिलाफ कार्रवाई नहीं करता और प्राइम न्यूज प्रबंधन व मोहसीन रजा इसे अपनी जीत मानते हैं।
इसे बिडंबना ही कह सकते हैं कि अपनी कुर्सी बचाने के लिए कोई भी सीधे तौर पर मैनेजमेंट से भिड़ना नहीं चाहता। कुछ को अपने करियर की परवाह होती है तो कुछ अपनी सैलरी को प्राइम न्यूज को दान दिया हुआ मान लेते हैं और खुद को ठगा हुआ समझते हैं।
बहरहाल, प्राइम न्यूज के कर्मचारी रोजगार में होते हुए भी खुद को बेरोजार समझते हैं।
प्राइम न्यूज में कार्यरत एक कर्मी द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.
Raj singh
June 2, 2020 at 6:36 am
Global. Bharat ka kya status hi batane ka kast kare bhadash
hari krishna
June 7, 2020 at 7:21 pm
प्राइम न्यूज में फटा कोरोना बम!
प्राइम न्यूज में एक ओर मार्च से लोगों को सैलरी नहीं मिली है तो वहीं इस ऑफिस में कोरोना बम भी फट गया है. यहां चैनल के एग्जीक्यूटिव एडिटर राजीव रघुनन्दन, शिफ्ट इंचार्ज सुधीर, इनपुट हेड अंकित महेश्वरी समेत चैनल के कई लोग पिछले 10 दिनों से ऑफिस नहीं आ रहे हैं. एमडी रोज ऑफिस आता है लेकिन उसको अपने एम्पलॉय से कोई लेना देना नहीं है. पिछले 10 दिनों से ये लोग घर हैं लेकिन अभी तक ऑफिस को एक बार भी सैनिटाइज नहीं करवाया है. और ना ही किसी का टेस्ट.. उसको एम्पलॉय से कोई मतलब नहीं है चाहे जैसे भी हो ऑफिस आना ही आना है और रोज 12 घंटे काम करवा रहा है. लेकिन सैलरी कोई मांगने जाए तो आजकल आजकल करता है और एक बार से ज्यादा बार बोलने पर ऑफिस से निकाल देता है. लेकिन इस खबर के बाद भी मोहसिन खान को कोई फर्क नहीं पड़ने वाला… वो वैसा ही रहेगा जैसा वो है… ये चैनल का हमेशा विवादों से गहरा नाता रहा है.. स्टिंग कर उगाई करने में तो मास्टर है