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उत्तर प्रदेश

जंगल राज के खिलाफ लखनऊ में प्रदर्शन करेगा रिहाई मंच

लखनऊ : रिहाई मंच ने कहा है कि पत्रकारों और उनके परिजनों पर हो रहे हमले साफ कर रहे हैं कि सूबे में कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो गई है। पत्रकार जगेन्द्र सिंह और आरटीआई कार्यकर्ता गुरू प्रसाद शुक्ला हत्याकांड, बांदा में किसान देवी दयाल को जिंदा जला देने, राज्य मंत्री कैलाश चैरसिया द्वारा आरटीओ चुन्नी लाल प्रजापति पर थप्पड़ तानने व गंगा में मारकर फेकवा देने की धमकी, झांसी में अवैध खनन को रोकने वाले तहसीलदार को सपा राज्य सभा सांसद चन्द्र पाल सिंह यादव द्वारा धमकी, सीतापुर में गैंग रेप में सपा नेता, बीडीओ और जेई की संलिप्तता, बरेली में अफरोज का अपहरण, पीलीभीत के पत्रकार हैदर, कानपुर के पत्रकार दीपक मिश्रा समेत बस्ती, मिर्जापुर, रायबरेली में पत्रकारों को निशाना बनाना सपा सरकार की विफलता है। सूबे को मंत्री, विधायक और नेताओं ने आपातकाल से भी बदतर स्थिति में पहुंचा दिया है, जहां खुलेआम मुख्यमंत्री तक हत्यारोपियों का संरक्षण कर रहे हैं। मंच सपा सरकार के खिलाफ आपातकाल की बरसी पर जीपीओ, लखनऊ में धरना-प्रदर्शन करेगा ।

<p>लखनऊ : रिहाई मंच ने कहा है कि पत्रकारों और उनके परिजनों पर हो रहे हमले साफ कर रहे हैं कि सूबे में कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो गई है। पत्रकार जगेन्द्र सिंह और आरटीआई कार्यकर्ता गुरू प्रसाद शुक्ला हत्याकांड, बांदा में किसान देवी दयाल को जिंदा जला देने, राज्य मंत्री कैलाश चैरसिया द्वारा आरटीओ चुन्नी लाल प्रजापति पर थप्पड़ तानने व गंगा में मारकर फेकवा देने की धमकी, झांसी में अवैध खनन को रोकने वाले तहसीलदार को सपा राज्य सभा सांसद चन्द्र पाल सिंह यादव द्वारा धमकी, सीतापुर में गैंग रेप में सपा नेता, बीडीओ और जेई की संलिप्तता, बरेली में अफरोज का अपहरण, पीलीभीत के पत्रकार हैदर, कानपुर के पत्रकार दीपक मिश्रा समेत बस्ती, मिर्जापुर, रायबरेली में पत्रकारों को निशाना बनाना सपा सरकार की विफलता है। सूबे को मंत्री, विधायक और नेताओं ने आपातकाल से भी बदतर स्थिति में पहुंचा दिया है, जहां खुलेआम मुख्यमंत्री तक हत्यारोपियों का संरक्षण कर रहे हैं। मंच सपा सरकार के खिलाफ आपातकाल की बरसी पर जीपीओ, लखनऊ में धरना-प्रदर्शन करेगा ।</p>

लखनऊ : रिहाई मंच ने कहा है कि पत्रकारों और उनके परिजनों पर हो रहे हमले साफ कर रहे हैं कि सूबे में कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो गई है। पत्रकार जगेन्द्र सिंह और आरटीआई कार्यकर्ता गुरू प्रसाद शुक्ला हत्याकांड, बांदा में किसान देवी दयाल को जिंदा जला देने, राज्य मंत्री कैलाश चैरसिया द्वारा आरटीओ चुन्नी लाल प्रजापति पर थप्पड़ तानने व गंगा में मारकर फेकवा देने की धमकी, झांसी में अवैध खनन को रोकने वाले तहसीलदार को सपा राज्य सभा सांसद चन्द्र पाल सिंह यादव द्वारा धमकी, सीतापुर में गैंग रेप में सपा नेता, बीडीओ और जेई की संलिप्तता, बरेली में अफरोज का अपहरण, पीलीभीत के पत्रकार हैदर, कानपुर के पत्रकार दीपक मिश्रा समेत बस्ती, मिर्जापुर, रायबरेली में पत्रकारों को निशाना बनाना सपा सरकार की विफलता है। सूबे को मंत्री, विधायक और नेताओं ने आपातकाल से भी बदतर स्थिति में पहुंचा दिया है, जहां खुलेआम मुख्यमंत्री तक हत्यारोपियों का संरक्षण कर रहे हैं। मंच सपा सरकार के खिलाफ आपातकाल की बरसी पर जीपीओ, लखनऊ में धरना-प्रदर्शन करेगा ।

रिहाई मंच के प्रवक्ता शाहनवाज आलम ने कहा कि जगेन्द्र सिंह की हत्या के बाद भी हत्यारोपी मंत्री की गिरफ्तारी न करके अपराधियों को खुली छूट दे दी है। इसीलिए जगेन्द्र की हत्या के बाद भी पूरे सूबे में पत्रकारों, आरटीआई कायकर्ताओं और आम जनता पर सपाई गुंडे हमलावर हो गए हैं। उन्होंने कहा कि कानपुर में पत्रकार दीपक मिश्र को जहां गोली मारी गई वहीं पीलीभीत में पत्रकार हैदर को पीटने के बाद मोटर साइकिल में बांधकर घसीटकर अधमरा कर देने की घटना ने साबित कर दिया है कि न सिर्फ हत्यारों के हौसले बुलंद हैं बल्कि वह समाज में दहशत का ऐसा माहौल बना देना चाहते हैं जहां ईमानदार-कर्तव्यनिष्ठ आदमी सच बोलने से भी कतराए। 

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जिस तरीके से बांदा के सपहाई गुरौली निवासी किसान देवी दयाल को चारपाई में बांधकर जिंदा जला दिया गया और सपा के बड़े नेता हत्यारोपियों का संरक्षण कर रहे हैं तो वहीं सीतापुर में छात्रा से सामूहिक बलात्कार में सपा के नेता शामिल हैं। जिससे इस बात का अंदाजा लग जाता है कि जिस सरकार पर जनता की सुरक्षा करने की जिम्मेदारी थी वही जनता पर हमलावर है। 

रिहाई मंच नेता राजीव यादव ने कहा कि वरिष्ठ पत्रकार और बरेली निवासी प्रशांत टंडन के घर पर सश़स्त्र गुण्डों द्वारा फायरिंग और उनकी वृद्ध मां को जान से मारने की धमकी और मिर्जापुर निवासी पत्रकार अनुज शुक्ला की पैतृक संपत्ति पर पुलिस की मौजूदगी में जबरन कब्जा करने की सपाई गुंडा तत्वों की कोशिश के खिलाफ कार्रवाई व पत्रकार व उनके परिजनों की जानमाल की सुरक्षा के लिए मुख्यमंत्री व डीजीपी को पत्र लिखा है। जिसमें पत्रकार और उनके परिजनों के साथ कुछ भी अप्रिय होने की स्थिति में प्रदेश के मुख्यमंत्री और डीजीपी जिम्मेदार होंगे, कहा गया है। रिहाई मचं ने पत्रकार जगेन्द्र समेत अन्य पत्रकारों पर हो रहे हमलों के खिलाफ दिल्ली में और पूरे देश में हुए विरोध प्रदशनों का समर्थन किया है।

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