भड़ास की मुहिम लाई रंग, कर्मचारियों के आगे नवतेज टीवी मैनेजमेंट ने टेके घुटने…
भड़ास, भड़ास की टीम और भड़ास के पाठकों का तहे दिल से आभार व्यक्त करते हैं।
भड़ास की टीम ने हमारी परेशानी को सुना, हमारी खबरों को सिलसिलेवार तरीके से छापा, नवतेज टीवी की काली करतूतों का पर्दाफाश किया और नवतेज टीवी द्वारा सताए पत्रकारों के लिए एक मुहिम की तरह काम किया।
इसका नतीजा ये निकला कि नवतेज टीवी के नए मैनेजमेंट को पत्रकारों की सच्चाई और ईमानदारी के आगे झुकना पड़ा।
हम भड़ास के पाठकों को बताना चाहते हैं कि इस बार नवतेज टीवी के नए मैनेजमेंट, जिसका मालिक गौरव है, ने पूर्व कर्मचारियों में से ज्यादातर लोगों की 2 महीने की सैलरी का चेक दे दिया है। जल्द ही बचे हुए कर्मचारियों को चेक देने का वादा किया है।
हालांकि पत्रकारों की सैलरी 2 महीने 10 दिन की बकाया थी लेकिन इसके बदले में 2 महीने की सैलरी का चेक देकर सबको सेटलमेंट के लिए मनाया गया। पीड़ित कर्मचारियों को अपने भविष्य के बारे में भी सोचना है इसलिए सबने अपनी 10 दिन की सैलरी नवतेज टीवी को दान में दे दी और 2 महीने की सैलरी का चेक ले लिया।
नवतेज टीवी के नए मैनेजमेंट ने सभी कर्मचारी पत्रकारों को लंबी-लंबी तारीखों के चेक दिए हैं। किसी का चेक 27 जुलाई का है, किसी का 29 जुलाई का। हालांकि कुछ एक-दो लोगों को जल्दी डेट के चेक दिए गए हैं।
चेक मिलने के बाद पीड़ित पत्रकार भड़ास के माध्यम से नवतेज टीवी मैनेजमेंट को ये चेतावनी देना चाहते हैं कि अगर ये चेक भी पिछली बार की तरह नकली निकले तो हम फिर से प्रदर्शन और हल्ला बोल को मजबूर हो जाएंगे। चाहे जो हो जाये, चाहे नवतेज टीवी अपना नाम भी बदल ले, हम कोरोना काल में किये हुए काम की अप्रैल और मई की सैलरी नवतेज टीवी मैनेजमेंट से लेकर रहेंगे। भूमिगत हो चुके रोहित तिवारी और धोखेबाज़ अनुराग पांडेय को सबक सिखा कर रहेंगे।
धन्यवाद
पीड़ित पत्रकार नवतेज टीवी
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ndia Against Curruption
July 14, 2020 at 6:37 pm
मीडिया के नाम पर नवतेज़ न्यूज़ चैनल का फर्ज़ीवाड़ा लगातार जारी ।
कहते है पूत के पाँव पालने में ही नज़र आते है. यह कहावत फ्रॉड टीवी चैनल नवतेज़ वालो पर बिलकुल सटीक बैठती है. पैसों के अभाव में एक महीने के लिए बंद हुए चैनल को प्रबंधन द्वारा शुरू तो ज़रूर किया गया. लेकिन दावे और हकीकत पूरी तरह से खोखले है. चोर प्रबंधन रोहित तिवारी, अनुराग पाण्डेय और एचआर हेड नवीन जैन द्वारा कर्मचारियों को बार बार ठगने के अलावा कोई दूसरी बात नहीं नहीं कर रहा है. पहले फर्जीवाड़े की खबर को रोकने के लिए फर्ज़ी चेक दी गयी. उसके बाद बताया गया कि सभी कर्मचारियों को कैश पैसे दिए जाएंगे. लेकिन हुआ कुछ नहीं. सबके सब फ्रॉड और लैमार निकले.
ठगे हुए सभी कर्मचारी अब पुलिस के ज़रिये कोर्ट जाने का रास्ता खोज रहे है. सभी का कहना है कि फ्रॉड प्रबंधन को किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ा जाएगा. रोहित तिवारी और अनुराग पाण्डेय के फरारी के बाद चैनल और बुरे गर्त में जा चुका है. कुछ लोगों का कहना है कि नवतेज़ चैनल को यूपी के सुल्तानपुर के एक टुटपुन्जिये ठेकेदार के लाडले ने खरीदा है. लेकिन भड़ास के विश्वस्त सूत्रों की माने तो चैनल को पहले की ही तरह ठेके पर चलाने के लिए दिया गया है. क्योंकि नए कथित मालिकान गौरव सिंह चैनल में बैठ रहा है. लेकिन इन सबसे द्वारा भी किसी तरह का किसी भी कर्मचारी को भुगतना नहीं किया गया है.
बताया जा रहा है कि चैनल को लखनऊ के एक विवादित व्यक्ति अब्बास हैदर ने मध्यस्थता करके और पहले से चैनल में काम कर रहे इन्पुट हेड प्रशांत सक्सेना ने दिलवाया है. इसके साथ ही रोहित तिवारी और अनुराग के साथ फर्जीवाड़े में काम कर चुके एचआर हेड नवीन जैन और इनपुट हेड प्रशांत सक्सेना भी नई टीम के साथ जुड़े हुए है. बताया जा रहा है नवीन जैन अपनी पुरानी पोज़ीशन पर बरकरार है और इनपुट हेड प्रशांत सक्सेना को एडिटर इन चीफ बना दिया गया है. इसके साथ ही अब्बास हैदर को चैनल का नया सीईओ का दर्जा दिया गया है. अभी चैनल का नाम भी बदलने को लेकर चर्चा चल रही है लेकिन पैसों के अभाव में कुछ नया नहीं हो पा रहा है.
चैनल के बारे में चर्चा यह भी है कि चैनल में पैसा आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह का लगा हुआ है. सिर्फ़ नाम के लिए उसने अपने रिश्तेदार गौरव सिंह को आगे कर दिया है. गौरतलब है कि संजय सिंह भी उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर के रहने वाले है और गौरव सिंह के अनुसार उनकी सनाज्य सिंह से रिश्तेदारी भी है. शुरुआती रुझान में चैनल का डब्बागोल होता ही नज़र आ रहा है. क्योंकि चैनल से जुड़े तकरीबन दस राज्यों के प्रभारी का लाखों रू० बकाया है. और प्रबंधन देने में शुरुआत में आनाकानी करता रहा और अब कोई बकाए पैसों को लेकर कोई जानकारी नहीं दी जा रही है.
पैसा मांगने पर लोगो को बताया जा रहा है कि नवतेज टीवी चैनल को कपिल सिब्बल द्वारा कथित नए मालिक गौरव सिंह को बेच दिया गया है . हालाँकि चैनल में पुराने लोगों को बकाया सैलरी के नाम कुछ चक ज़रूर दी गयी थी लेकिन अभी तक न तो चेक क्लियर हो पाया और न ही किसी को कैश बांटा गया.