गुजरात को गजब राज्य बना दिया है भाजपाइयों ने. एक वेब पोर्टल के संपादक ने राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलबाजी को छाप दिया तो उन पर राजद्रोह का मुकदमा कर दिया गया है.
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने गुजराती समाचार पोर्टल के संपादक पर राजद्रोह का मामला दर्ज किये जाने की निंदा की है. गिल्ड ने कहा है कि राज्य और केंद्र सरकारों को स्वतंत्र मीडिया को धमकाने के लिए कानून का दुरुपयोग करने से बचना चाहिए.
गुजरात में एक समाचार पोर्टल ‘फेस ऑफ नेशन’ नाम से है. इसके संपादक और मालिक हैं धवल पटेल. इन पर राजद्रोह का इसलिए मुकदमा लिखा गया क्योंकि इन्होंने कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को लेकर हो रही आलोचनाओं के कारण राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की संभावना व्यक्त करते हुए एक लेख प्रकाशित कर दिया था.
बीते 11 मई को गुजरात पुलिस ने धवल पटेल को गिरफ्तार कर लिया. धवल पटेल पर आईपीसी की धारा 124ए के तहत देशद्रोह का मामला और आपदा प्रबंधन कानून की धारा 54 के तहत झूठी अफवाह फैलाने का मामला दर्ज किया गया है. जाहिर सी बात है कि सीएम की कुर्सी खिसकने की बात छापने पर देशद्रोह को मुकदमा ठोंक कर गिरफ्तार कराने का काम सीएम की कुर्सी पर बैठने वाले शख्स के निर्देश पर हुआ होगा.
आखिर राजनेता इतने संकीर्ण होने लगेंगे तो लोकतंत्र का क्या होगा? लंबे समय से भाजपा शासित गुजरात में मीडिया की स्थिति बेहद खराब है.
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