न्यूज नेशन के एडिटर इन चीफ पद से इस्तीफा देने वाले वरिष्ठ पत्रकार शैलेश ने भड़ास4मीडिया से बातचीत में स्वीकार किया कि उन्होंने इस्तीफा दे दिया है. पर उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वे न्यूज नेशन समूह से जुड़े रहेंगे, लेकिन डे-टुडे के अफेयर्स नहीं देखेंगे. नया आगे क्या कुछ करेंगे, इस सवाल पर शैलेश का कहना है कि मैं अब इंडीपेंडेंट अपना कुछ करूंगा. टीवी नहीं करूंगा, यह तो तय है. मीडिया में करूंगा, यह भी तय है. क्या करूंगा, यह अभी नहीं बताऊंगा.
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उधर, न्यूज नेशन से जुड़े सूत्रों का कहना है कि चैनल का कामकाज अब इसके मालिकान ही देखेंगे. चैनल के एमडी अतुल कुलश्रेष्ठ ने आज न्यूज रूम में सबके सामने शैलेश के इस्तीफे की घोषणा की. बताया जा रहा है कि चैनल के सीईओ का कामकाज अब चैनल से एक्जीक्यूटिव प्रेसीडेंट के रूप में जुड़े अनिल कुलश्रेष्ठ देखेंगे. एडिटोरियल की जिम्मेदारी संजय कुलश्रेष्ठ देखेंगे. ये अनिल और संजय कुलश्रेष्ठ उसी फेमिली से बिलांग करते हैं जिस फेमिली का ये चैनल है. सूत्रों के मुताबिक चैनल के एमडी अतुल कुलश्रेष्ठ ने चैनल की पूरी कमान अपने परिजनों को दे दी है.
शैलेश करीब तीन वर्षों से इस चैनल के साथ जुड़े थे. शैलेश ने चैनल की बिल्डिंग बनवाने से लेकर चैनल के लोगो और चैनल में लोगों तक को फाइनल किया. शैलेश ने आजतक से इस्तीफा देने के बाद कहा था कि वह स्वस्थ और अच्छे कंटेंट के जरिए टीआरपी लाकर दिखाएंगे. उन्होंने अपने फेथ को ट्रुथ में कनवर्ट किया, और साबित किया कि नए तरीके से सोचने करने से भी शानदार सफलताएं पाई जाती हैं. पर जैसा कि अच्छे एडिटर्स की नियति होती है, वह एक वक्त के बाद प्रबंधन के लिए रोड़ा की तरह दिखने लगते हैं और प्रबंधन उनसे मुक्ति पाने को छटपटाने लगता है.
सूत्रों के मुताबिक पिछले कुछ समय से न्यूज नेशन प्रबंधन ने कई संपादकीय मसलों को लेकर शैलेश पर पाबंदी लगाने की कोशिश की जिसका शैलेश ने विरोध किया. इसी के बाद शैलेश और प्रबंधन, दोनों ने मिलकर स्मूथ एक्जिट का विकल्प तलाशना तैयार करना शुरू कर दिया था. कहने को भले ही शैलेश का न्यूज नेशन ग्रुप से जुड़ाव बना रहेगा लेकिन यह जुड़ाव नाममात्र वाला ही होगा. सच्चाई यही है कि जिस आर्किटेक्ट ने सब कुछ सोचा, रोपा, बढ़ाया, बड़ा किया, उसे अब अलग कर दिया गया है.
मूल खबर…
satyawan
September 3, 2014 at 6:12 am
S1 और न्यूज एक्सप्रेस के बाद ये तीसरा उदाहरण है । शुुरुआत में ही सफलता मिल जाती है तो मालिक बौरा जाते हैं । उन्हें लगता है कि सफलता आसानी से मिल जाती है । बाद मेें पछताते हैं ।
ए राम
September 3, 2014 at 7:53 am
सत्यवान भाई, अपना दस रुपया गायब हो जाए तो आप पागल हो जाते हैं, लेकिन चैनल का मालिक हिसाब मांग ले तो संपादक जी बौरा जाते हैं, शैलेश को भी एडिटर इन चीफ का पद लेना चाहिए था ना कि सीईओ का, लेकिन लालच के चलते 90 फीसदी संपादक बांस लेने को तैयार हैं, तो गलती मालिकों को नहीं दे सकते
Deepak
September 3, 2014 at 1:22 pm
I know Shaileshji since 1982. We always met at Paras Studio Near Bhagalpur Station(Bihar). Undoubtedly he is dynamic.His vision in the media field is galloping. What he will do will be limestone for media world. He is one of the product of Bhai Saheb (Late Surendra Pratap Singh). I wish his success in the media world.Shaileshji look forward.
jitendra Nath pandey
September 9, 2014 at 1:06 am
चैनल जब चल जाता है तब मालिक ऐसा ही करते हैं। शैलेश जी ने अपनी लगन व मेहनत तथा अपने वाक शैली व अच्छे प्रस्तुतीकरण के बल पर सफलता के मुकाम पर पहुंचाया था। सबसे निष्पक्ष खबर प्रस्तुत कर जनता के बीच उन्होने अपना स्थान बनाया इसके कारण चैनल मालिकों को यह बात लगने लगी।