शमशेर सिंह ने नायाब उदाहरण पेश किया है। वे चाहते तो ख़ुद की नौकरी बचा सकते थे। लेकिन इसके बजाय, ज़ी हिंदुस्तान के मीडियाकर्मियों की नौकरी बचाने में लगे हुए थे। जब प्रबंधन ने उनकी एक ना सुनी तो ख़ुद भी इस्तीफ़ा दे दिया। इस तरह संपादक से लेकर ट्रेनी तक, पूरे ज़ी हिंदुस्तान का स्टाफ कार्यमुक्त हो गया है।
सूत्रों का कहना है कि ज़ी ग्रुप ने ज़ी हिंदुस्तान को चलाये रखने के लिए अपने अन्य चैनलों के एंकर और स्टाफ को ज़ी हिंदुस्तान में भेजा है। कल इस्तीफ़े के वक्त ज़ी हिंदुस्तान का माहौल बड़ा गमगीन था। कई लोग रो पड़े। एक चैनल का यूँ बंद होना और सबको निकाल बाहर करना बहुत पीड़ादाई रहा।
संपादक शमशेर सिंह ने कुछ ट्वीट्स के ज़रिए अपनी बात कही है। देखें स्क्रीनशॉट-
ट्वीट्स के लिंक ये हैं-
https://twitter.com/shamsherslive/status/1596397976293085184?s=48&t=8fhqg4rsCasGQTUFBHX_3w
https://twitter.com/shamsherslive/status/1596045432421220353?s=48&t=8fhqg4rsCasGQTUFBHX_3w
https://twitter.com/shamsherslive/status/1596158664460881923?s=48&t=8fhqg4rsCasGQTUFBHX_3w
उल्लेखनीय है कि आजतक समेत कई चैनलों में काम कर चुके शमशेर सिंह एक शानदार रिपोर्टर के अलावा अपनी टीम के साथ खड़े होने वाले जानदार संपादक माने जाते हैं। अपनी टीम के समर्थन में ख़ुद का भी इस्तीफ़ा दे देना बड़ी परिघटना है। कल आख़िरी वक्त तक शमशेर अपनी टीम के साथ खड़े रहे जिससे साथियों का मनोबल बना रहा। ये तस्वीर इस बात की गवाह है। लोग शमशेर के साथ खड़े होकर फोटो खिंचाते रहे।