Connect with us

Hi, what are you looking for?

राजस्थान

एफआईआर दर्ज होने के नाम पर सम्मान निधि रोकने वाले सूचना एवं जनसंपर्क निदेशक को वरिष्ठ पत्रकार ने दिया करारा जवाब

जयपुर के वरिष्ठ पत्रकार महेश झालानी का जवाब पढ़िए-

श्री पुरूषोत्तम शर्मा, 
निदेशक,
सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग,
राजस्थान, जयपुर । 

Advertisement. Scroll to continue reading.

विषय : बदनीयति और षड्यंत्रपूर्वक तरीके से सम्मान निधि राशि रोकने बाबत । 

संदर्भ : आपका व्हाट्सएप्प संदेश दिनांक : 5.12.2022

Advertisement. Scroll to continue reading.

महोदय, 

आपके उक्त सन्दर्भित व्हाट्सएप्प संदेश के जरिये मुझे ज्ञात हुआ है कि मेरी सम्मान निधि राशि इसलिए रोकी गई है क्योंकि मेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है । इस संदर्भ में मेरा कथन निम्न प्रकार है –

1- मान्यवर, किसी के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने से कोई व्यक्ति अपराधी नही कहलाता है । देश मे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री श्री अमित शाह, लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिड़ला, श्री राहुल गांधी, श्रीमती सोनिया गांधी, श्री रॉबर्ट वाड्रा सहित अनेक गणमान्य व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमे दर्ज है या थे । यहां तक कि श्रीमती सोनिया गांधी और श्री राहुल गांधी जमानत पर है । गृह मंत्री अमित शाह को तड़ी पार भी किया गया था । इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री श्री सचिन पायलट के खिलाफ भी धारा 124 ए में मामला लंबित है ।

Advertisement. Scroll to continue reading.

2 – मान्यवर, आपकी जानकारी के लिए बता देना चाहता हूँ कि राजस्थान के 67 जनप्रतिनिधियों के खिलाफ विभिन्न थानों में मुकदमे दर्ज है । क्या ये सभी गणमान्य लोग वेतन, भत्तों और अन्य सुविधाओं से वंचित है ? आपका सामान्य ज्ञान बढाने के लिए यह भी बताना चाहता हूँ कि आपके विभाग के पूर्व आयुक्त नीरज के पवन और आईएएस अधिकारी प्रदीप गावड़े के विरुद्ध भी मुकदमा लंबित है । यूडीएच सेक्रेटरी रहे जीएस संधू और अशोक सिंघवी तो जेल की हवा भी खा चुके है ।

3 – मान्यवर, क्या उपरोक्त सभी व्यक्ति या वे लोग अपराधी की श्रेणी में शुमार है जिनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हो जाती है ? क्या ऐसे सभी व्यक्तियों को उनको लाभ से वंचित करने का कानून है ? यदि है तो सर्वश्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह, ओम बिड़ला, राहुल गांधी, अशोक गहलोत, सचिन पायलट, श्रीमती सोनिया गांधी सहित वे वर्तमान/निवर्तमान सांसद, विधायक और अन्य लोग वेतन, भत्ते तथा पेंशन आदि कैसे प्राप्त कर रहे है, अवगत कराने का श्रम करें ।

Advertisement. Scroll to continue reading.

3 – मान्यवर, हिंदुस्तान में ऐसा कोई कानून वर्तमान में विद्यमान नही है जिसके आधार पर एफआईआर के आधार पर किसी व्यक्ति को दंडित किया जा सके । अदालत द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद भी सम्बंधित व्यक्ति को अपील का अवसर मिलता है । अगर एफआईआर के आधार पर दण्डित करने या सम्मान निधि राशि रोकने का प्रावधान है तो वह पूर्णतया अवैध और ग़ैरकानूनी है । कोई भी नियम, प्रावधान, शर्त, आदेश, निर्देश, परिपत्र, अधिसूचना, विज्ञप्ति संविधान और कानून की मूल भावना के खिलाफ नही हो सकती है । अगर सम्मान निधि राशि के नियमों में इस तरह का प्रावधान है तो उसे अविलम्ब निरस्त किया जाए । क्योकि ऐसा प्रावधान बाबा साहब अम्बेडकर के बनाए संविधान के विपरीत है ।

4 – मान्यवर, यह सही है कि सम्मान निधि का आवेदन करते वक्त वरिष्ठ पत्रकार को इस बात की सूचना अंकित करना अनिवार्य है कि वर्तमान में उसके खिलाफ कोई मुकदमा तो दर्ज नही है । भविष्य में दर्ज होने वाले मुकदमे/एफआईआर की सूचना देने का कोई प्रावधान नही है । कृपया आप स्वयं उस प्रावधान का अवलोकन करने का श्रम करें । जब भविष्य में दर्ज होने वाले मुकदमे या एफआईआर का नियमो में कोई उल्लेख है ही नही तो कोई पत्रकार सूचना क्यों देगा ? यह बात मैं दावे के साथ कह सकता हूँ कि सम्मान निधि का आवेदन करते वक्त मेरे खिलाफ कोई मुकदमा/एफआईआर लंबित नही थी ।

Advertisement. Scroll to continue reading.

5 – मान्यवर, एक बात मैं आपसे अवश्य जानना चाहता हूँ कि यदि कोई व्यक्ति, पड़ोसी, पत्नी, पुत्र-पुत्री, रिश्तेदार आदि आपके खिलाफ एफआईआर दर्ज करा देता है तो क्या आपको वेतन, भत्तों आदि से वंचित किया जा सकता है ? यदि नही तो मुझे सम्मान निधि से महरूम क्यों रखा गया है ? सम्मान निधि देने के पीछे माननीय मुख्यमंत्री जी की भावना वरिष्ठ और बुजुर्ग पत्रकारों का सम्मान करना है । लेकिन आप मुख्यमंत्री जी भावना और उनकी सदायशता को ध्वस्त कर न केवल पत्रकारों का बल्कि कानून, अदालत और संविधान का भी मखौल उड़ा रहे है । आपका यह कृत्य अक्षम्य, अनैतिक और आपराधिक है ।

6 – मान्यवर, मेरा आप पर यह भी स्पस्ट आरोप है कि आपने बदनीयतिपूर्ण तरीके से सम्मान निधि की राशि रोकी है । मेरा यह भी आरोप है कि एफआईआर दर्ज कराने में भी आपकी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष भूमिका रही है । यह आरोप मैं इसलिए लगा रहा हूँ कि मुझे एफआईआर के बारे में मालूम भी नही था जबकि आपको एफआईआर के बारे में कैसे पता लगा, यह निश्चय ही जांच का विषय है । जबकि एफआईआर आज तक पुलिस पोर्टल पर प्रदर्शित नही हो रही है । इससे जाहिर होता है कि एफआईआर दर्ज कराने के पीछे निश्चय आपकी या आपके किसी सहयोगी की साजिश थी । 

Advertisement. Scroll to continue reading.

7 – मान्यवर, मैं दावे के साथ कहता हूँ कि मेरे खिलाफ अंदर ही अंदर अवश्य कोई खिचड़ी पक रही थी । क्योंकि मैं निरन्तर विभाग के भ्रस्ट क्रियाकलापों को न केवल उजागर करता रहा हूँ बल्कि मैंने लिखित शिकायत भी कतिपय अधिकारियों को की है जिसका सिलसिला आगे भी जारी रहेगा । इन शिकायतों को गंभीर मानते हुए भ्रस्टाचार निरोधक ब्यूरों ने सक्षम अधिकारी से जांच की अनुमति मांगी है । इसके अतिरिक्त मेरी शिकायत के आधार पर स्पेशल ऑडिट के आदेश प्रमुख शासन सचिव (वित्त एवं जन सम्पर्क) द्वारा दिये गए है । यह स्पेशल ऑडिट अभी भी जारी है ।

8 – आपका यह कथन पूर्णतया तथ्यों के विपरीत है कि एफआईआर के सम्बंध में मेरी प्रतिक्रिया अभी तक आपको प्रतीक्षित है । मुझे एफआईआर के बारे में सर्वप्रथम आपके पत्र से ही जानकारी मिली थी । विभागीय पत्र के अनुसार मेरे खिलाफ चितौड़गढ़ में 295 ए के अंतर्गत दिनांक 11 नवम्बर, 2022 को एफआईआर (नम्बर 0470) दर्ज हुई । दिनांक 17 नवम्बर, 22 को आपकी ओर से जरिये मेल मुझे एफआईआर के बारे में सूचित करते हुए 7 दिवस में मेरी प्रतिक्रिया/जवाब मांगा गया । 

Advertisement. Scroll to continue reading.

9 – मान्यवर । आपको बताना चाहता हूँ कि मेल खोलने के साथ ही मैंने अविलम्ब जवाब प्रेषित किया । जो इस प्रकार है – “महोदय, उपरोक्त विषयान्तर्गत लेख है कि बिना एफआईआर की कॉपी उपलब्ध कराए मैं कैसे मुकम्मल जवाब दे सकता हूँ । कृपया एफआईआर की प्रति उपलब्ध कराए ताकि तदनुसार जवाब दे सकू ।” खेद का विषय है कि आपकी ओर से आज दिनतक यानी 18 दिनों के भीतर एफआईआर की प्रति उपलब्ध नही कराना आपकी उदासीनता और लापरवाही को प्रदर्शित करता है । 

10 – मान्यवर, आप बहुत ही योग्य और कुशल प्रशासनिक अधिकारी है । आप बखूबी जानते है कि दुनिया मे ऐसा कोई व्यक्ति नही होगा जो बिना सम्बंधित दस्तावेज के अपना जवाब या प्रतिक्रिया दे सके । आपकी जानकारी के लिए बता देना चाहता हूँ कि विभाग द्वारा मुझे आज तक एफआईआर की प्रति उपलब्ध नही कराई गई है । मुझे जादू नही आता है जो बिना एफआईआर के अपना जवाब दे सकू । यह भी अवगत कराना चाहता हूँ कि सम्बंधित थाने के पोर्टल पर एफआईआर नम्बर 0470 प्रदर्शित ही नही है । जबकि पोर्टल पर 0468, 0469, 0471 और 0472 प्रदर्शित है । इस एफआईआर के पीछे षड्यंत्र की बू नही आ रही है ? आप एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी है । आपको ज्ञात होगा कि किसी भी कर्मचारी को दंडित करने से पूर्व आरोप पत्र दिया जाता है । यही प्रक्रिया न्यायालय द्वारा भी अपनाई जाती है । 

Advertisement. Scroll to continue reading.

11 – मान्यवर, मुझे तो आपकी ओर से यह अवसर प्रदान किये जाने के बजाय सीधे ही दंडित किया गया । आपका यह कृत्य नैसर्गिक न्याय सिद्धांतो के प्रतिकूल है । बिना पक्ष सुने किसी को दंडित करना तानाशाही की श्रेणी में शुमार है । अगर विभाग की ओर से मुझे कई पत्र भेजे जाते और मैं उनका जवाब नही देता तो यह मान लिया जाता कि मैं जानबूझकर जवाब देने से कतरा रहा हूँ । आपकी ओर से 17 नवम्बर को जवाब/प्रतिक्रिया मांगी गई थी जिसका जवाब मैंने बिना किसी देरी के उसी वक्त दे दिया था । बावजूद सम्मान निधि की राशि रोकने की हिमाकत आपने किसके इशारे पर की है, उसको उजागर करना ही श्रेयष्कर 
होगा ।

10 – मान्यवर, आज पहली बार आपका व्हाट्सएप्प प्राप्त हुआ । जिस तरह आपने मेरे पत्र पर आपत्ति जाहिर की है उसी प्रकार अगर आप मुझे सूचित कर देते कि एफआईआर दर्ज होने की वजह से मेरी सम्मान निधि की राशि का भुगतान रोका जा रहा है तो मुझे कोई तकलीफ नही होती । लेकिन आपकी ओर से मुझे पत्र, ईमेल, एसएमएस, व्हाट्सएप्प या फोन के जरिये सूचित करना तक मुनासिब नही समझा गया । हकीकत यह है कि येन-केन-प्रकारेण आप मुझे किसी भी तरह से क्षति पहुँचाने की फिराक में थे । 

Advertisement. Scroll to continue reading.

11 – मान्यवर, आपने षड्यंत्रपूर्वक एफआईआर दर्ज करवाकर मेरी गैर कानूनी तरीके से सम्मान निधि राशि रोक कर अपना ध्येय पूरा कर लिया है । इस हकीकत से कोई इनकार नही कर सकता है कि आपका एकमात्र ध्येय मुझे मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का रहा है । यदि भविष्य में कोई भी अप्रिय वारदात घटित होती है तो इसके लिए स्वयं आप और वे लोग जिम्मेदार होंगे जिन्होंने इस षड्यंत्र को अंजाम देने में अपनी सक्रिय भूमिका अदा की है ।

12 – मान्यवर, मैं आपको बताना चाहता हूँ कि जिस व्यक्ति ने एफआईआर दर्ज करवाई थी, उसने लिखित प्रार्थना पत्र सम्बंधित थाने देकर अपनी शिकायत को वापिस ले भी लिया है । पत्र की प्रति संलग्न है । इसकी सूचना भी विभाग को अवश्य मिल गई थी । फिर सम्मान निधि रोकने की वजह ?

Advertisement. Scroll to continue reading.

13 – मान्यवर, विभाग और पत्रकारिता के क्षेत्र में तेजी से यह खबर फैली हुई है कि मेरी सम्मान निधि राशि रोकने के पीछे मुख्यमंत्री, प्रमुख शासन सचिव (वित्त एवं जन सम्पर्क) और मुख्यमंत्री के एक ओएसडी का हाथ बताया जाता है । इस बात में कितनी सच्चाई है, मैं नही जानता । लेकिन प्रमुख शासन सचिव (वित्त एवं जन सम्पर्क) श्री अखिल अरोड़ा से जब इस बारे में बात हुई तो उन्होंने आश्चर्य व्यक्त किया । उनको इस बात का पता ही नही था कि मेरी सम्मान निधि रोक ली गई है । इससे जाहिर होता है कि पूरे षड्यंत्र के पीछे प्रमुख भूमिका आपकी रही है ।

14 – मान्यवर, हकीकत यह है कि आपके आने के बाद विभाग भ्रस्टाचार और षड्यंत्र का बहुत बड़ाअड्डा बनकर रह गया है । सुजस, राजस्थान संवाद और विज्ञापन शाखा भ्रस्टाचार की वजह से सडांध मार रही है । तभी तो एसीबी जांच करने को लालायित है और अंकेक्षण विभाग की टीम स्पेशल ऑडिट कर रही है । लेकिन भ्रस्टाचार में लिप्त अधिकारी टीम को वांछित रिकार्ड उपलब्ध कराने से कतरा रहे है । आप और एक अति उत्साही महिला अधिकारी पत्रकारों को “सबक” सिखाने का षड्यंत्र रचने और भ्रस्टाचार को अंजाम देने में ज्यादा सक्रिय रहते है बजाय विभागीय कार्य करने के । आपका और महिला अधिकारी का अधिकांश समय पत्रकारों के खिलाफ षड्यंत्र रचने और उसे अंजाम देने में बीत रहा है । 

Advertisement. Scroll to continue reading.

14 – मान्यवर, मेरा यह भी स्पस्ट आरोप है कि आपने मुख्यमंत्री जी के भरोसे, भावना और उम्मीदों का निर्मम तरीके से कत्ल किया है । मुख्यमंत्री जी आपको इस उम्मीद और विश्वास पर विभाग में लाए थे ताकि सरकार की लोकप्रिय योजना मुकम्मल तरीके से जनता तक पहुंच पाए । लेकिन आपकी उदासीनता, लापरवाही और भ्रस्टाचार में लिप्त रहने की वजह से योजना जनता तक पुख्ता तौर पर पहुंच नही पाई । नतीजतन पूरे प्रदेश की जनता में सरकार के प्रति जबरदस्त आक्रोश है । सुजस के भ्रस्ट क्रियाकलापों से आप पूर्ण रूप से वाकिफ होंगे । पांच लाख प्रतियां करीब 31 रुपये के हिसाब से प्रकाशित होना दर्शाया जाता है । जबकि हकीकत में 50 हजार से ज्यादा सुजस का प्रकाशन नही हो पाता है । इसी तरह विज्ञापन, बैनर, होर्डिंग और पुस्तिकाओं में जबरदस्त घोटाला किया जा रहा है । अदालत में ऑडिट रिपोर्ट बखूबी काम आएगी ।

15 – मान्यवर, कृपया आप मुझे पत्रकारिता का पाठ पढ़ाने की बजाय अपने कर्तव्यों पर ध्यान देंगे तो ज्यादा उचित रहेगा । पिछले 47 वर्षों से मैं झक नही मार रहा हूँ । वर्तमान मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के हाथों मैं 1988 में उत्कृष्ट और खोजपूर्ण पत्रकारिता के लिए सम्मानित भी हो चुका हूँ । उस समय आप सरकारी नौकरी में भी नही आए थे । इसलिए ज्ञान बांटने के बजाय अपने काम पर ध्यान देना ज्यादा मुनासिब होगा ।

Advertisement. Scroll to continue reading.

16 – मान्यवर, मैं आपको यह भी बताना चाहता हूँ कि जिस सरकार में आप जैसे घोंचे और अड़ंगेबाज अफसर हो, उस सरकार को बदनाम और गिराने के लिए किसी विपक्ष की कोई आवश्यकता नही है । पूरे विपक्ष का काम अकेले करने की सामर्थ्य है आपमे । क्या विपक्ष की ओर से सरकार को बदनाम करने की आपने सुपारी ले रखी है ? आपकी करतूतों से तो यही लगता है कि अपने काले कारनामो से सरकार को बदनाम करना आपका बुनियादी उद्देश्य है । 

17 – मान्यवर, अंत मे मैं आपसे कहना चाहूंगा कि आप अविलम्ब बदनीयती और बिना किसी सूचना के बन्द की गई मेरी सम्मान निधि का भुगतान करें अन्यथा…..?
आपने सोचा होगा कि शायद सम्मान निधि राशि के अभाव में मैं भूखा मर जाऊगा । भूखा तो कम से कम इसलिए नही मरूंगा क्योकि आप मेरी सम्मान राशि रोक सकते है, भीख मांगने से कैसे रोकेंगे ? भीख नही मिली तो क्या आप मुझे मरने भी नही दोगे ?

Advertisement. Scroll to continue reading.

मान्यवर, मुझे आपके बिंदुवार उत्तर की बेसब्री से प्रतीक्षा रहेगी । 

सद्भावी

Advertisement. Scroll to continue reading.

महेश झालानी

प्रतिलिपि निम्न को सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्रवाई हेतु प्रेषित है –

Advertisement. Scroll to continue reading.

श्री कलराज मिश्र, महामहिम राज्यपाल
श्री अशोक गहलोत, मुख्यमंत्री
श्रीमती उषा शर्मा, मुख्य सचिव
श्री अखिल अरोड़ा, प्रमुख शासन सचिव (वित्त एवं जन सम्पर्क)
श्री कुलदीप रांका, प्रमुख शासन सचिव (सीएम)
श्री उमेश मिश्रा, डीजीपी
श्री रवि प्रकाश मेहरड़ा, एडीजी (क्राइम)
श्री अनुराग वाजपेयी, ओएसडी (जन सम्पर्क) सीएम

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement