शीतल पी सिंह-
टुकड़ा टुकड़ा न्याय…. गुप्तेश्वर पांडे ने बिहार का डीजीपी रहते हुए मुंबई के सुसाइड मामले की सुसाइड के लिये उकसाने की रिपोर्ट पटना में दर्ज की थी और जाँच के लिये FIR मुंबई पुलिस को ट्रांसफ़र करने की बजाय अपनी पुलिस टीम मुंबई भेज दी थी।
ज्ञात इतिहास में यह अनूठा मामला था कि किसी दूसरे राज्य की पुलिस किसी दूसरे राज्य में वहाँ घटी किसी आपराधिक घटना की जाँच का ज़िम्मा ट्रांसफ़र करने की जगह खुद जाँच करने लग जाय ।
ख़ैर यह समझ में आने के बाद कि यह मुमकिन नहीं था मामला तुरंत सीबीआई की ओर बढ़ा दिया गया था । चूँकि हस्तक्षेप राजनैतिक था और केंद्र में डबल इंजन की सरकार थी सीबीआई खट से मान गई , फिर अजूबा हुआ कि सुप्रीम कोर्ट भी मान गया ।
तमाम पुलिस अफ़सर जो पैंतीस चालीस साल तक नौकरी कर कर के रिटायर हुए थे चकित रह गए कि ऐसा भी हो सकता है?
अब उस कलाबाज़ी का नतीजा आ गया है । बिहार के राबिनहुड (उनके प्रचार में वायरल गीत में यही कहा गया है) गुप्तेश्वर पांडेय जी आज नितीश जी के दल में शामिल हो रहे हैं । वे पहले विधायक और फिर मंत्री बनेंगे!
कुछ लोग कहेंगे कि सुशांत सिंह राजपूत को न्याय का एक टुकड़ा और मिला ! रिपब्लिक टीवी टी आर पी में नंबर वन होकर काफ़ी बड़ा टुकड़ा पहले ही ले चुका है। कंगना जी भी सुशांत को न्याय के नारे के समर्थन की क़ीमत में Yclass सिक्योरिटी झटक कर अपना टुकड़ा ले चुकी हैं और अन्य बड़े टुकड़ों की क़तार में हैं । मरहूम सुशांत की बहनें अब सोशल मीडिया / मीडिया पर सहानुभूति की प्रचंड लहर से उपजी स्टार हैं उनके हर ट्वीट / कमेंट / बयान पर वाह वाह आह आह की बाढ़ आ जाती है ।
नितीश कुमार भी चुनाव की वैतरणी पार कर जायेंगे ऐसा ABPन्यूज़ का सर्वे कल ही ऐलान कर चुका है यह सुशांत सिंह राजपूत को न्याय दिलाने के अभियान से पैदा हुआ सबसे बड़ा टुकड़ा होगा । सुशांत परिवार के लिये इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील विकास सिंह जी भी अब सुपर स्टार हैं,सारे टीवी चैनलों पर उनका कोट लेने की होड़ मची रहती है । जब वे प्रेस कॉन्फ़्रेंस करते हैं तो कैमरों में युद्ध मच जाता है कि किस चैनल का कैमरा उनके सबसे क़रीब हो !
नितीश कुमार को चुनाव जीतने के बाद सुशांत सिंह राजपूत के पिता और मामले के शिकायतकर्ता के के सिंह साहेब को सम्मान का कोई पद देना चाहिए । उनकी कम्प्लेंट की कृपा से बिहार में पंद्रह साल की एंटी इनकम्बेंसी दरी के नीचे चली गई ।
सुशांत सचमुच में सुपर स्टार था , उसके जाने के ग़म से भी कितनों का कितना कितना भला हो गया !
उसकी स्मृति बेचने वालों को तो त्वरित न्याय मिल गया है पर उसके साथ यह न्याय हुआ कि अन्याय यह फ़िलहाल एक रहस्य है !