स्वतंत्र मिश्रा ने 29 मार्च 2018 को सहारा इंडिया परिवार में पुनःवापसी की थी। 19 सितंबर 2022 को उन्होंने इस संस्थान को फिर से अलविदा कह दिया।
स्वतंत्र मिश्रा ने भड़ास4मीडिया को बताया कि उन्होंने आख़िरी क्षण तक संस्था में बहुत ही निष्ठा और ईमानदारी व पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य करने की पूरी कोशिश की और संस्था द्वारा सौंपे गए कठिन कार्यों को बखूबी सफलता पूर्वक किया जिसके लिए समय समय पर आदरणीय सहारा श्री जी द्वारा मौखिक और प्रशस्ति पात्र के माध्यम से भूरि भूरि प्रशंसा भी की गयी। किंतु वर्तमान में सहारा मीडिया का माहौल अब काफ़ी बदल चुका है। यहाँ पर कुछ वरिष्ठ और कनिष्ठ मिलकर इस पर अपना वर्चस्व स्थापित कर पदों और अधिकारों की होड़ में मीडिया को तहस -नहस करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं जिसकी वजह से संस्था के समर्पित वरिष्ठों को अपना सम्मान बचाना भी मुश्किल होने लगा था। ऐसे में संस्था में रह पाना बहुत ही मुश्किल हो गया था जिसके कारण अंतरात्मा और अंतर्मन की सहन शक्ति ने अब जवाब दे दिया।
स्वतंत्र मिश्रा बताते हैं- किसी भी कर्मचारी /कर्तव्ययोगी को संस्था में तभी तक रहना चाहिए जब तक उच्च प्रबंधन के लिए उसकी उपयोगिता हो और उस पर विश्वास हो अन्यथा चुपचाप अपना सम्मान बचाते हुए उसे संस्था में सभी वरिष्ठों को सम्मान/अभिवादन करते हुए अपने को विरत कर लेना चाहिए।
स्वतंत्र कहते हैं- जिस संस्था से आपका 31 साल का एसोशियेसन बड़ा ही लगाव भरा, समर्पण और निष्ठा का रहा हो उसे छोड़ पाना एक बहुत बड़ा निर्णय है। लेकिन अपमान की पराकाष्ठा को इस बार अंतर्मन और ज़मीर बर्दाश्त नहीं कर पाया जिसकी वजह से पहले से ही उच्च प्रबंधन से अनुरोध कर ये निर्णय लेना पड़ा । ये मेरा पूर्ण रूप से सौ प्रतिशत त्याग पत्र हैं। इसके अलावा कुछ भी नहीं और इस बात की पुष्टि इस बार सहारा मीडिया का उच्च प्रबंधन भी करेगा।