-पुष्य मित्र-
बिहार चुनाव अपडेट
- एक महीने पहले तक एनडीए क्लीन स्वीप कर रही थी, मगर अब कांटे की टक्कर है।
- बीस दिन पहले तक प्लूरल्स एक सन्शेसन थी, अब अब वह क्रेज खो चुकी है।
- दस रोज पहले तक चिराग नीतीश के लिए खतरा थे, अब वे कहीं फाइट में नहीं हैं।
- अभी दो रोज पहले तक तेजस्वी का कोई क्रेज नहीं था, अब उनके क्रेज पर डिबेट हो रहा है।
मुद्दाविहीन, चुनौतिविहीन चुनाव अब कांटे की टक्कर में बदल गया है।
एक लोकगायिका ने बिहार चुनाव का एजेंडा सेट कर दिया है। अब सत्ता पक्ष उसकी काट ढूंढने में बिजी है।
क्या बिहार के वोटर कुछ नया करने वाले हैं? वेट कीजिये, बिहार का आकलन करना इतना आसान नहीं है।