Connect with us

Hi, what are you looking for?

उत्तर प्रदेश

वर्दी में गुंडई (2) : बलिया के मनबढ़ थानेदार सत्येंद्र राय की करतूत दैनिक जागरण और 4पीएम अखबारों में छपी, देखें

पावर मिलने के बाद कम लोग ही अपना दिल दिमाग नियंत्रित रख पाते हैं. ज्यादातर तो वर्दी पहनने के बाद ही खुद को तीसमार खां समझने लगते हैं. बलिया के एक ऐसे ही इंस्पेक्टर ने अपनी करतूत से पूरे यूपी पुलिस का सिर शर्म से झुका दिया है. सत्येंद्र राय नामक इस थानेदार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग लड़ने वाले एक ईमानदार और साहसी सामाजिक कार्यकर्ता सिंहासन चौहान को फर्जी मुकदमें में जेल भेज दिया.

सिंहासन पर एक महिला को बरगला कर छेड़छाड़ का मुकदमा लिखवाया गया. जिस समय छेड़छाड़ किया जाना बताया गया, उस समय सिंहासन चौहान डेढ़ सौ किलोमीटर दूर ट्रेन में थे, जिसका प्रमाण उनके पास है. पर भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे थानेदार सत्येंद्र राय ने स्थानीय मनबढ़ दबंगों की शह पर न सिर्फ ग़लत मुकदमा लिख लेते हैं बल्कि दो दिन बाद थाने पर अपना पक्ष रखने पहुंचे सोशल एक्टिविस्ट सिंहासन चौहान को फौरन अरेस्ट कर पहले हवालात फिर जेल में डलवा देते हैं. बाद में छेड़छाड़ का आरोप लगाने वाली महिला से बयान बदलवा कर दुष्कर्म का कर दिया गया जिससे सिंहासन चौहान के परिजनों को जमानत कराने के लिए हाईकोर्ट जाना पड़ा. इस पूरे झंझट में सिंहासन चौहान के डेढ़ लाख से ज्यादा रुपये खर्च हो गए.

Advertisement. Scroll to continue reading.

ये है इस देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने का नतीजा. सारे भ्रष्टाचारी मिलकर एक ईमानदार और साहसी नागरिक को फर्जी मुकदमें में जेल भिजवा देते हैं और पूरे परिवार को आर्थिक, मानसिक यंत्रणा झेलने के लिए मजबूर कर देते हैं. जेल से छूटने के बाद सिंहासन चौहान ने भ्रष्ट पुलिसवालों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उनके इस अभियान को सोशल मीडिया, न्यूज पोर्टल्स और राजधानी लखनऊ में बैठे लोग भी खुलकर समर्थन दे रहे हैं ताकि इस देश में लोकतंत्र को पुलिसतंत्र में तब्दील होने से बचाया जा सके.

लखनऊ के चर्चित सांध्य दैनिक 4पीएम के संस्थापक और प्रधान संपादक संजय शर्मा ने कहा कि वे हर उस शख्स के साथ हैं जो ईमानदारी से अपना जीवन जीते हुए करप्ट सिस्टम के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है. संजय ने बताया कि सिंहासन चौहान का मामला क्लासिक है. कैसे स्थानीय स्तर का पूरा भ्रष्ट तंत्र (ग्राम प्रधान, इंस्पेक्टर आदि) मिलकर एक आरटीआई एक्टिविस्ट को फंसा देते हैं और लंबे वक्त के लिए जेल भिजवा देता है. इस मामले में 4पीएम ने सिंहासन की पूरी कहानी की न सिर्फ प्रमुखता से प्रकाशित किया है बल्कि उनकी इस स्टोरी को डीजीपी के लॉ एंड आर्डर वाले ह्वाट्सअप ग्रुप में भी डलवा दिया है ताकि फौरन इस मामले का संज्ञान लेकर दोषी थानेदार को बर्खास्त किया जाए.

Advertisement. Scroll to continue reading.

उधर, इसी मामले में बनारस से प्रकाशित दैनिक जागरण ने भी लंबी चौड़ी खबर का प्रकाशन किया है. देखें 4पीएम और दैनिक जागरण में प्रकाशित खबरें….

संबंधित अन्य खबरें पढ़ने के लिए नीचे क्लिक करें-

दल्ला थानेदार

Advertisement. Scroll to continue reading.
1 Comment

1 Comment

  1. Sanjay Rajput

    August 9, 2019 at 9:23 am

    चाहे कोई भी सरकार हो यूपी पुलिस तो अपने ही ढ़र्रे पर
    चलती है और चलती रहेगी…पीड़ित लोग तो इनके पास जाने से भी डरते हैं। भूमाफियाओं,शराब तस्करों,माफियाओं आदि के साथ इनका उठना बैठना रहता है। शरीफ और ईमानदार लोगों से तो इन्हें बहुत नफरत है क्योंकि उनसे पुलिसियों को न तो कुछ खाने को ही मिलता है और न ही शरीफ लोग इनके कोई काम ही आते हैं…यूपी पुलिस का एक छोटा सा कांस्टेबल भी जिस ठाट से आजकल रहता है उसे देखकर ही इनकी काली कमाई का अंदाज़ा लगाया जा सकता है। पुलिस विभाग में जो नीचे लेवल पर करप्शन है वो ही जड़ है सारी बुराई की। जिस दिन सिपाही दरोगा सही हो जाएंगे उसी दिन पुलिस विभाग भी सही हो जाएगा

Leave a Reply

Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement