गुटखा किंग किशोर वाधवानी का अखबार ‘दबंग दुनिया’ हमेशा ख़बरों की दुनिया में खबर बनता रहा है। इस अखबार के पांच साल में कई संस्करण निकले। लेकिन, सारी कोशिशों के बाद भी इस अखबार की गंभीर पत्रकारिता में कोई साख नहीं बन सकी! तरह-तरह के प्रयोग भी कई बार किए गए। बार-बार स्टॉफ बदला गया, पर कोई नतीजा नहीं निकला! इस अखबार को मध्यप्रदेश में अब तक कोई पहचान नहीं मिली है! अब ‘दबंग दुनिया’ का प्रयोग आर्थिक संकट में फंसता नजर आ रहा है।
कई संस्करणों से संपादकीय समेत अन्य स्टॉफ को निकालने की तैयारी की जा रही है। मुंबई से हाल ही में 17 लोगों को निकाला गया। इंदौर, भोपाल, जबलपुर समेत सभी संस्करणों से किस-किस को निकाला जाना है, इसकी लिस्ट भी बन चुकी है। आर्थिक संकट की पुष्टि इस बात से भी होती है कि इस महीने कई विभागों में वेतन बंटने तक के लाले पड़ गए! ये स्थिति इसलिए भी आई कि किशोर वाधवानी को सफ़ेद हाथी पालने का शौक है। वे अपना सबसे बड़ा मुकाबला दैनिक भास्कर से मानते हैं। यही कारण है कि वे दैनिक भास्कर से स्टॉफ तोड़ने की कोशिश में लगे रहते हैं। किशोर वाधवानी इस नए संकट की खबर अब ख़बरों की दुनिया में सुर्खी बन रही है।