मुंबई। यशंवतराव चव्हाण महाराष्ट्र मुक्त विद्यापीठ (YCMOU) ने बेचलर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन की अगली परीक्षा 25 मई से लेने की घोषणा की है। जबकि, बेचलर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन की पिछली परीक्षा का नतीजा 8 अप्रैल को आया था। इस विद्यापीठ में परीक्षा सैमेस्टर पद्धति से ली जाती है। यानि हर अगली परीक्षा छह महीने के अंतराल पर होती है जबकि इस बार डेढ़ महीने से भी कम समय के अंतराल पर अगली परीक्षा ली जा रही है। विद्यापीठ के बेचलर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन के स्टेडी सेंटर पर ऐकेडमिक एवं प्रैक्टिकल पढ़ाई पूरी नहीं हो पाई है जिससे हजारों छात्र एवं उनके अभिभावक इस बात से चिंतित हैं कि कैसे परीक्षा दी जाए।
छात्रों का कहना है कि अभी तक स्टडी सेंटर्स पर उनका कोर्स ही पूरा नहीं हो पाया है एवं जो परीक्षाएं हर साल जुलाई में आयोजित होती है वह मई में शुरु हो रही है। छात्रों का कहना है कि परीक्षाएं जुलाई में ही लेनी चाहिए ताकि उन्हें तैयारी करने का पूरा समय मिल सके एवं स्टडी सेंटर्स पर कोर्स भी पूरा हो सके। छात्रों ने नाम प्रकट न करने की शर्त पर बताया कि इस तरह विद्यापीठ परीक्षा लेने लगी तो उनका भविष्य अंधकारमय हो जाएगा एवं वे परीक्षा में कैसे अच्छे नंबर ला पाएंगे। विद्यापीठ को पहले की तरह छात्रों को पढाई के लिए पर्याप्त समय देना चाहिए एवं परीक्षा जुलाई में लेने पर विचार करना चाहिए। कुछ अभिभावकों का कहना है कि वे यूनिवर्सिटी के निर्णय को उनके बच्चों के साथ खिलवाड़ मानते हैं।
यशंवतराव चव्हाण महाराष्ट्र मुक्त विद्यापीठ की कोर्स देखरेख करने वाली श्रीमती मोनाली बोराडे ने बताया कि वे केवल बीसीए स्टेडी मटीरियल के मामले देखती है। छात्रों और अभिभावकों की बात को वे कोर्स डाइरेक्टर को पहुंचाने का प्रयास करेगी लेकिन वे एक्जाम को लेकर कुछ भी नहीं बोल सकती। विद्यापीठ के स्टेडी सेंटर्स में पूरा पाठयक्रम न पढ़ाए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वे इस पर निगरानी रखने का प्रयास करेगी।
विद्यापीठ के स्कूल ऑफ कंप्यूटर साइंस के डायरेक्टर एवं एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. प्रमोद खंडारे का कहना है कि सैमेस्टर में छह महीने की पद्धति होती है, लेकिन जब उनसे पूछा गया कि पिछला नतीजा 8 अप्रैल को आया तो 25 मई से फिर से परीक्षा कैसे हो सकती है। क्या इन दोनों सैमेस्टर के बीच नियम के अनुसार अंतर रखा गया है तो उन्होंने कहा आप इस बारे में एसिस्टेंट रजिस्ट्रार परीक्षा नियंत्रक सतीश पाटिल से बात करें।
असिस्टेंट रजिस्ट्रार परीक्षा नियंत्रक सतीश पाटिल का कहना था कि इस संबंध में विद्यापीठ के रजिस्ट्रार डॉ. दिनेश भोंडे से ही बात करें। डॉ. भोंडे का कहना था कि परीक्षा का नतीजा कब आया और अगली परीक्षा के समय का आपस में कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि किसी कारणवश पिछले सैमेस्टर की परीक्षा जनवरी के बजाय फरवरी में हुई थी लेकिन बच्चों को तैयारी इस परीक्षा के बाद शुरु कर देनी चाहिए थी। उन्होंने नतीजा आने तक इंतजार क्यों किया। उन्होंने कहा कि यह मुक्त विद्यापीठ है और हम रेगुलर क्लास नहीं चलाते। हमारे जिन स्टेडी सेंटरों में समय पर क्लास शुरू नहीं हुई या प्रैक्टिकल नहीं कराए गए, हम उनके बारे में जानकारी लेंगे। भोंडे का कहना था कि बीसीए के एक्जाम की तारीख नहीं बढ़ाई जाएगी क्योंकि हमें जून से नए सत्र के तहत प्रवेश शुरु करने हैं।