उत्तर प्रदेश में दौरान कोरोना पेशेंट्स के साथ भेदभाव की खबरें आ रही हैं. बताया जा रहा है कि स्वास्थ्य विभाग व प्रशासनिक सेवा से जुड़े लोगों को कोरोना पाजिटिव होने के बाद होम क्वारंटाइन किया जा रहा है. वहीं जब कोई गैर-विभागीय व्यक्ति कोरोना पाजिटिव पाया जाता है तो उसे उठाकर ऐसी जगह रख दिया जाता है जो गंदगी, बदबू और अव्यवस्था के केंद्र हैं. मामला यूपी के गाजीपुर जिले से जुड़ा है.
गाजीपुर में रहने वाले भड़ास4मीडिया डाट काम के खोजी पत्रकार सुजीत कुमार सिंह उर्फ प्रिंस पिछले दिनों कोरोना पाजिटिव पाए गए. उन्हें स्वास्थ्य विभाग ने घर से ले जाकर सहेड़ी स्थित एक आयुर्वेदिक कालेज में डाल दिया. पहले दिन सुजीत कुमार सिंह प्रिंस ने जो वीडियोज क्वारंटाइन सेंटर के भेजे, वे दिल दहला देने वाले थे. हर ओर गंदगी का साम्राज्य. थोड़ा हो हल्ला मचा और सत्ता-सिस्टम में बैठे कुछ लोगों से कहा गया तो उन्हें एक अन्य व्यक्ति के साथ अलग कमरे में शिफ्ट कर दिया गया. पर वहां भी कमोबेश स्थिति वही है.
वहीं जानकारी मिली है कि गाजीपुर के स्वास्थ्य विभाग के एक अफसर के बेटे व एक बाबू को कोरोना पाजिटिव होने के बाद बजाय सरकारी क्वारंटाइन सेंटर में भर्ती कराने के, इन्हें चुपचाप होम क्वारंटाइन में रख दिया गया. इससे साफ पता चलता है कि शासन की नीतियों की धज्जियां खुद सरकारी लोग ही उड़ा रहे हैं. इसके चलते ऐसा संदेश जा रहा है कि योगी राज में कोरोना पाजिटिव पेशेंट्स को लेकर दो नीतियां चल रही हैं. जो लोग पावरफुल हैं, सत्ता-सिस्टम से जुड़े हैं, उनके लिए अलग नीति है. जो आम आदमी है, उसे अलग तरीके से ट्रीट किया जा रहा है.
वहीं जानकारी मिली है कि प्राइवेट अस्पताल भी इन दिनों कोरोना काल में जमकर लूट रहे हैं. सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं दे रहे हैं. आजतक न्यूज चैनल में कार्यरत वरिष्ठ पत्रकार विकास मिश्रा ने एक घटनाक्रम के बारे में विस्तार से फेसबुक पर लिखा है. इसको पढ़ने के बाद रोंगटे खड़े हो जाते हैं. लोग कहने लगे हैं कि यूपी में कोरोना पेशंट के तौर पर ट्रीट कराना बेहद खतरनाक है. सरकारी या प्राइवेट, दोनों ही जगहों पर हालत बेहद खराब है. लखनऊ में योगी सरकार की नाक के नीचे चंदन अस्पताल कैसे लूट रहा है और क्या सुविधाएं वो दे रहा हैं, आप भी जानें.
पढ़ें विकास मिश्र की पोस्ट-
Vikas Mishra : हमारे जिले के वासी और हमारे छोटे भाई सरीखे एसएन त्रिपाठी उर्फ गुड्डू त्रिपाठी लखनऊ के चंदन अस्पताल में भर्ती हैं। कोरोना पॉजिटिव हैं। शुगर और ब्लड प्रेशर की शिकायत पहले से ही है, इसी वजह से दिक्कत ज्यादा है। गुड्डू पहले सिद्धार्थनगर के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती थे। कल उन्हें सिद्धार्थनगर से लखनऊ के फैजाबाद रोड पर स्थित चंदन अस्पताल लाया गया है।
लखनऊ में प्राइवेट अस्पताल में इस नाते भर्ती करवाया गया था, जिससे सुविधाएं बढ़िया मिलें, लेकिन गुड्डू से आज बात हुई तो हैरान रह गया। अस्पताल में भयानक अव्यवस्था है। हर दिन का एक लाख रुपये लेने वाले चंदन अस्पताल में मरीज को कोई देखने वाला नहीं है। एक गिलास गरम पानी के लिए तरसा दिया। फ्रिज का पानी और फ्रिज में रखी दाल खाने के लिए दी, जिससे गला और जाम हो गया। जिलाधिकारी से फोन करवाने के बाद कहीं जाकर गरम पानी मिला है। ना तो काढ़ा और ना ही कोई और दवाई। हमारे कुछ साथी लगे हुए हैं होम्योपैथ की दवा भिजवाने में।
गुड्डू के बारे में बता दें कि उन्होंने जिंदगी में सिर्फ रिश्ते कमाए हैं। ऐसा कोई नहीं होगा, जिसने कोई मदद मांगी हो या जिसे मदद की कोई दरकार हो और गुड्डू ने मदद नहीं की हो। हर फील्ड में उनके जानने वाले हैं। गुड्डू किसी भी हद तक जाकर लोगों की मदद करते हैं। अब ऐसा व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव होकर लखनऊ में पड़ा है।
ये बीमारी भी कमबख्त ऐसी है, जिसमें लोगों से मुलाकात नहीं हो पाती। वरना लखनऊ में तो गुड्डू के वार्ड में ही महफिल सजती। अगर गुड्डू कहीं मुंबई में होता तो अस्पताल मातोश्री के इशारे पर उसकी देखभाल करता, लेकिन घर के पास ही लखनऊ में असहाय वाली स्थिति हो गई है।
मैं लखनऊ के सभी पत्रकार साथियों से अपील करना चाहता हूं कि चंदन अस्पताल प्रबंधन को सचेत करें कि वो कमाई तो करे, लेकिन जिंदगी बचाने के लिए भी काम करें। कम से कम प्रबंधन के पास इतने फोन चले जाएं कि उसे अपना दायित्व निभाने की प्रेरणा मिले। अस्पताल में सारी सुविधाएं मिलें। वैसे भी ये अस्पताल पहले सील हो चुका है।लखनऊ में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के तमाम ब्यूरोचीफ मेरे छोटे भाई की तरह हैं। वो इस दिशा में प्रयास करें, ताकि गुड्डू को बेहतर इलाज मिल सके।
अस्पताल रोजाना लाखों की कमाई में लगा है तो इससे गुरेज नहीं है। परवाह पैसे की नहीं, जिंदगी की है।
लखनऊ के कुछ बेहद जिम्मेदार शख्सियत गुड्डू की देखभाल में लगे हैं। बड़े भाई बीके मिश्रा जी गुड्डू के पल-पल की खबर रख रहे हैं। गुड्डू का अपना फोन नंबर चालू है, लेकिन बहुत कम बात कर पाने की स्थिति में हैं। गुड्डू की देखभाल का जिम्मा आनंद यादव के कंधे पर है। जिनसे गुड्डू का हालचाल इस नंबर पर लिया जा सकता है – 9919611111
आप सभी से अपील है कि जो सक्षम हैं वो चंदन अस्पताल में व्यवस्था सही करने में अपना योगदान दें। बाकी आप सब गुड्डू के लिए दुआ करें, जल्दी ही वो कोरोना को हराकर विजयी बनकर वापस लौटें।