Shyam Meera Singh : जी न्यूज में कोरोना संक्रमित कर्मचारियों की संख्या 29 से बढ़कर 66 पहुंच चुकी है। देश में कई ऐसे जिले और प्रदेश हैं जिनमें कोरोना मरीजों की संख्या जी न्यूज की संख्या से कम है।
कुल मिलाकर जी न्यूज कोरोना का नया हॉटस्पॉट बनता जा रहा है।
इन 66 लोगों से अन्य कितने लोग संक्रमित हुए होंगे अंदाजा मुश्किल है। लेकिन इसमें इन 66 लोगों की कोई अधिक गलती नहीं है, कोई जानबूझकर तो महामारी को न्यौता नहीं देगा, लेकिन एक कम्पनी में 66 कर्मचारियों का संक्रमित हो जाना कोई सामान्य घटना नहीं है।
66 की संख्या जी न्यूज के प्रबंधन में एक बड़ी लापरवाही की तरफ इशारा कर रही है। सुधीर चौधरी जी न्यूज में एंकर होने के अलावा चैनल में सबसे बड़ी जिम्मेदारी यानी एडिटर इन चीफ पोस्ट पर भी हैं। मैनेजमेंट में भी उनका बराबर का हिस्सा है। एक मीडिया वेबसाइट न्यूजलाउंड्री की रिपोर्ट के अनुसार सुधीर चौधरी को जब कुछ कर्मचारियों में संक्रमण के लक्षणों के बारे में पता चला तो उन्होंने कहा कि चाहे जो हो, शो चलते रहना चाहिए, शो बन्द नहीं होना चाहिए।
साफ है शुरुआती लक्षणों को ही नजरअंदाज कर दिया गया। धीरे धीरे बाकी लोग भी संक्रमण की गिरफ्त में आते गए। सिर्फ इसलिए कि सर जी का शो चलता रहना चाहिए। इसका परिणाम आज ये हुआ कि कोरोना मरीजों की संख्या 29 से बढ़कर 66 पहुंच चुकी है। आगे कितनी पहुंचेगी मालूम नहीं। अभी खबर ये भी है कि संख्या 4 और बढ़कर 70 पहुंच चुकी है। ताजा खबर के अनुसार 79 पहुंच चुकी है।
सुधीर चौधरी और जी न्यूज के मैनेजमेंट ने न केवल अपने कर्मचारियों की हेल्थ के साथ कम्प्रोमाइज किया है बल्कि देश के अन्य नागरिकों की हेल्थ के साथ भी कम्प्रोमाइज किया है। ऐसे असंवेदनशील मैनेजमेंट पर तुंरत कार्यवाई करते हुए कम्पनी सील कर देनी चाहिए। DNA जैसा जहरीला शो कोई इशेंशियल सर्विसेज में नहीं आता है जिसके कारण सैंकड़ों कर्मचारियों की जान को दाव पर लगा दिया जाए। कर्मचारियों की जान क्या इतनी सस्ती लगी कि पता चलने के बावजूद कर्मचारियों को ऑफिस आने के लिए बाध्य किया जाता रहा।
कायदे से जैसे ही दो-एक कर्मचारियों का पता चला था तभी उनके सम्पर्क में आने वाले सभी कर्मचारियों को क्वारंटाइन किया जाना चाहिए था। लेकिन वे कर्मचारी ही तो सर जी का शो लिखते थे, उन्हें ही क्वारंटाइन कर दिया जाता तो सर जी का जहर फैलाने वाला शो कैसे आता? सरकार को डिफेंड कैसे किया जाता? मुसलमानों को कोरोना के लिए जिम्मेदार कैसे ठहराया जाता?
एक बात सामान्य सी है, जो आदमी एक वर्ग विशेष के लिए जहर फैला सकता है उसके अंदर अपने कर्मचारियों के लिए संवेदनाएं होंगी इसकी कहीं कोई गुंजाइश नहीं है। यदि सरकार इस देश के नागरिकों, कर्मचारियों के स्वास्थ्य को लेकर सच में चिंतित है, तो ऐसे चैनल के मैनेजमेंट, एचआर और मालिक पर तुरंत कार्यवाई की जानी चाहिए।
आईआईएमसी से पढ़े-लिखे बेबाक पत्रकार श्याम मीरा सिंह की एफबी वॉल से.
surjeet joshi
May 22, 2020 at 8:28 am
अगर जी न्यूज वालों को मोदी जी की बातों पर भरोसा होता तो आरोग्य सेतु जरूर डाऊनलोड किये रहते और तब जैसे ही उनके बीच कोई कोरोना संक्रमित आता वैसे ही वो हल्ला मचाने लगता।
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हल्ला मचाना मतलब एलर्ट करना। यही दावा किया गया था न कि यह एप्प एलर्ट करेगा।
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मोदी जी से ज्यादा कोई विज्ञान नहीं जानता और Zee tv से ज्यादा कोई मोदी जी के गुणों को नहीं जानता।
फिर आखिर यह चूक हुई कैसे।
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दुर्भाग्य से बेशर्म सुधरेंगे नहीं और उनके मूर्ख समर्थक समझेंगे नहीं।