Shyam Meera Singh : एक जरूरी बात.. जी न्यूज का एंकर पूरी दिल्ली की जनता को नल्ला कह रहा है, ये ताकत मीडिया के एक एंकर को कहां से मिलती है? याद रखिए केवल नेता से नहीं मिलती है. बाकी देश की जनता जो दिल्ली में वोट नहीं कर सकती. उसे ऐसा एंकर अपने नायक की तरह दिख रहा है. उन्हें पत्रकार नहीं चाहिए, उन्हें उनके अंदर के जहर के लिए एक कुशल प्रवक्ता चाहिए, जो सुधीर चौधरी अपने आप में है. यही वो बैटल फील्ड जो आप और हम हार चुके हैं. मीडिया की बराबरी हम नहीं कर सकते. न ही समानांतर मीडिया खड़े करने की स्थिति में हम हैं.
इसलिए ये वक्त, स्वमैथुन की मारी लेखनी के दम्भ और मठाधीशी को छोड़ने का वक्त है. मेरी, आपकी लिस्ट में ऐसे बहुत से लोग हैं जो बेहद प्रभावी लिखते हैं, अच्छा लिखते हैं। सबसे पहले इन सबका आपस में जुड़ना बेहद जरूरी है। फिलहाल इन्हें पढ़ने वाले बस पांच सौ से हजार के बीच में लोग होते हैं. ये संख्या बढ़ानी है, ताकि टीवी के जहर को सोशल मीडिया के माध्यम से हर रोज न्यूट्रलाइज किया जा सके.
इसलिए हमें अपनी मठाधीशियां त्यागनी होगीं, अपनी आत्ममुग्धता थोड़ी ढीली करनी होगी, ताकि अन्य राइटर्स, स्टूडेंट्स, पोएट्स, एक्टिविस्ट, आर्टिस्ट को भी लोग, आपके-हमारे जरिए जान सकें. इत्तेफाक से मुझे यहां ऐसे अच्छे लोग मिलें हैं जिनकी मदद से मेरी पोस्ट लोगों तक पहुंच सकीं.
मुझसे भी अच्छे बहुत से ऐसे नए नए लड़के-लड़कियां हैं जिनकी समझ व्यापक है, प्रगतिशील है. जिनका कंटेंट लोगों तक पहुंचना चाहिए. इसके लिए उन सबका आपस में जुड़ा होना पहली शर्त है.
आज से मैं अपनी वॉल पर हर रोज किसी अन्य राइटर, पोएट, एक्टिविस्ट, खासकर नए स्टूडेंट्स की पोस्ट शेयर किया करूँगा जो अभी अभी सोशल मीडिया पर नए हैं. ताकि उनकी पहुंच कुछ बढ़ सके. जिससे कि एकहद तक टीवी के प्रभाव को न्यूनतम किया जा सके..
युवा विश्लेषक श्याम मीरा सिंह की एफबी वॉल से.
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Manoj pankaj singh
February 9, 2020 at 12:04 pm
दलाल पत्रकार अब स्टूडियो में बैठकर दिल्ली की जनता को कोस रहे हैं
दिल्ली की जनता के जनादेश पर ही प्रश्नचिन्ह लगा रहे हैं,पत्रकारिता पर बदनुमा धब्बा हैं ऐसे चूतिया एंकर
अबे दिल्ली ,दिलवालों की है,जो दिल जीतना जानता है दिल्ली का,उसे दिल में रखती है दिल्ली
केंद्र में मोदी जी और दिल्ली में केजरीवाल को दिल्ली ने दिल में रखा हुआ है
जनादेश का सम्मान करना सीखो