हेलमेट पहनकर बाइट लेकर लोकतांत्रिक तरीके से विरोध जता रहे छत्तीसगढ़ के पत्रकार…. मशाल रैली और हस्ताक्षर अभियान के ज़रिये जताया विरोध….
छत्तीसगढ़ में काम करने वाले पत्रकार इन दिनों हेलमेट पहनकर फील्ड में अपनी रिपोर्टिंग की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। दरअसल बीते दिनों शनिवार को भाजपा के जिला कार्यालय में पत्रकार सुमन पांडे के साथ मारपीट के बाद जिस तरह से भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने अब तक अपने नेताओं पर कार्यवाही नहीं की है। उसके बाद लोकतांत्रिक तरीके से प्रदर्शन और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए रायपुर के पत्रकार एक अनोखे प्रदर्शन के रास्ते पर उतर आए हैं।
वहीं जांजगीर में भी पत्रकारों के साथ हुई बदतमीजी पर जगह-जगह निंदा हो रही है। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में काम करने वाले पत्रकारों ने अब विरोध का एक अनूठा रास्ता अख्तियार कर लिया है। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के साथी इस दौरान भाजपा नेताओं के कार्यक्रम में कवरेज करने और उसके बाद बाइट देने के दौरान अब हेलमेट पहने हुए नजर आ रहे हैं। अपने आप में अनूठे विरोध की चर्चा देशभर में हो रही है और पत्रकारों का कहना है कि खबर बनाना पत्रकारों की जिम्मेदारी है. एक सामाजिक दायित्व है। इसीलिए न्यूज़ कवरेज तो जारी है लेकिन गुंडे तत्व की खाल ओढ़कर नेता बने लोगों को सबक सिखाने के लिए प्रदर्शन यह तरीका इजाद किया गया है।
शनिवार को भाजपा कार्यालय में हुए इस पूरी घटना के बाद रविवार को पत्रकारों ने रायपुर पुलिस के सामने जोरदार प्रदर्शन किया। वहीं सोमवार की शाम रायपुर में पत्रकारों ने मशाल रैली निकाली। जिसके बाद मंगलवार को पत्रकारों ने रायपुर प्रेस क्लब के ठीक सामने हस्ताक्षर अभियान चलाया और इस पूरी घटना का विरोध किया। इस मामले में विशेष बात यह भी है कि अभी तक भाजपा ने अपने उन पीटने वाले भाजपा नेताओं पर कार्यवाही नहीं की है। ऐसे में सत्ता की कुर्सी पर बैठी कांग्रेस ने इस पूरे मामले में अपनी परेशानियों को समझते हुए जल्द ही पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने का आश्वासन पत्रकारों को दिया है।
छत्तीसगढ़ से योगेश मिश्रा की रिपोर्ट.
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