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एबीपी न्यूज के एडिटर इन चीफ शाजी जमां अपने चैनल में न्याय क्यों नहीं कर रहे?

: कानाफूसी : एबीपी न्यूज चैनल से खबर है कि पीसीआर में कार्यरत एक वरिष्ठ महिला मीडियाकर्मी को इन दिनों न्याय की तलाश है. एडिटर इन चीफ शाजी जमां को सब कुछ पता है. लेकिन पीड़िता को न्याय नहीं मिल पा रहा. हुआ ये कि पीसीआर में कार्यरत वरिष्ठ महिला मीडियाकर्मी ने एक रोज अपने फेसबुक पेज पर बिना किसी का नाम लिए यह लिख दिया कि ‘एंकर ने कितना घटिया सवाल पूछा’.

<p>: <strong>कानाफूसी</strong> : एबीपी न्यूज चैनल से खबर है कि पीसीआर में कार्यरत एक वरिष्ठ महिला मीडियाकर्मी को इन दिनों न्याय की तलाश है. एडिटर इन चीफ शाजी जमां को सब कुछ पता है. लेकिन पीड़िता को न्याय नहीं मिल पा रहा. हुआ ये कि पीसीआर में कार्यरत वरिष्ठ महिला मीडियाकर्मी ने एक रोज अपने फेसबुक पेज पर बिना किसी का नाम लिए यह लिख दिया कि 'एंकर ने कितना घटिया सवाल पूछा'.</p>

: कानाफूसी : एबीपी न्यूज चैनल से खबर है कि पीसीआर में कार्यरत एक वरिष्ठ महिला मीडियाकर्मी को इन दिनों न्याय की तलाश है. एडिटर इन चीफ शाजी जमां को सब कुछ पता है. लेकिन पीड़िता को न्याय नहीं मिल पा रहा. हुआ ये कि पीसीआर में कार्यरत वरिष्ठ महिला मीडियाकर्मी ने एक रोज अपने फेसबुक पेज पर बिना किसी का नाम लिए यह लिख दिया कि ‘एंकर ने कितना घटिया सवाल पूछा’.

बस, इतना लिखते ही एबीपी न्यूज चैनल की एंकर महोदय इस स्टेटस के नीचे कमेंट बाक्स में अपनी भड़ास निकालने लगीं. सूत्रों का कहना है कि एंकर ने वाकई बहुत घटिया सवाल पूछा था और इस तरह के सवाल का कल्पना कम से कम एबीपी न्यूज के एंकर से तो नहीं की जा सकती थी. फेसबुक पर विवाद बढ़ता देख बाद में आफिस के लोगों ने बीच-बचाव कर एंकर का कमेंट और महिला मीडियाकर्मी का स्टेटस हटवाया व दोनों को शांत कराया. लेकिन इसके बाद बौखलाई एंकर ने एक ग्रुप मेल भेज दिया ढेर सारे लोगों को जिसमें महिला मीडियाकर्मी पर कई तरह के आरोप लांछन लगाए गए थे.

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इसे देख पीसीआर की महिला मीडियाकर्मी गुस्सा हो गईं और पुलिस में कंप्लेन कराने को तत्पर हो गईं. तब चैनल के सीनियर्स, जिसमें शाजी जमां भी शामिल हैं, ने महिला मीडियाकर्मी को शांत कराया और आफिस के अंदर ही कमेटी बनाकर पूरे मामले की जांच कराने और न्याय दिलाने का आश्वासन दिया. पर कई हफ्ते बीत गए, अब तक न तो आंतरिक जांच कमेटी बनी और न ही कोई कार्रवाई हुई. ऐसे में लोग कहने लगे हैं कि मीडिया के मसलों पर बढ़ चढ़ कर जांच कराने और न्याय दिलाने वाले शाजी जमां अपने चैनल के आंतरिक विवाद में न्याय दिलाने को क्यों तत्पर नहीं हो पा रहे हैं?

कानाफूसी कैटगरी की खबरें सुनी सुनाई बातों पर आधारित होती है. कृपया इस पर यकीन करने से पहले अपने स्तर पर तथ्यों को जांच ले. जिस किसी को उपरोक्त बातों में कोई गल्ती / असहमति नजर आती है तो वह अपनी बात नीचे कमेंट बाक्स के जरिए कह सकता है.

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0 Comments

  1. chandni

    February 6, 2015 at 10:36 am

    ABP ki Anchor ke baare me to nahi janti but itna Zaror hai…Output ya input ki har mahila karmi se jyada bhari aur asardaar ek mahila anchor ke aansoo hote hain… jo kisi ko b jobless karne ke liye kaafi hain… 😆

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