मनीष दुबे-
मौजूदा सत्ता के करीबी माने जाने वाले व्यवसायी गौतम अडानी की मुश्किलें कम होने की बजाय एक के बाद एक बरसात के कुकुरमुत्तों की तरह उग आ रही हैं. पर्यावरण मंत्रालय में उनके कर्मचारी की नियुक्ति का खुलासा होने के ठीक बाद अब उनपर कोयला मामले की जांच बैठने की बात सामने आई है.
यीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने भाजपा को घेरते हुए एक्स पर ट्वीट किया है कि, ‘यह देखने के लिए उत्सुकता से इंतजार कर रही हूं कि @cbic_india और DRI क्या करते हैं- 2016 की जांच अडानी के भाजपा शीर्ष भाइयों से संबंधों के कारण रुकी हुई है. अगले कुछ महीने अदाणी कोयला घोटाले का सिलसिलेवार खुलासा करने में बिताऊंगी।’
अडानी ग्रुप के खिलाफ डीआरआई ने कोयला इंपोर्ट के कथित अधिक मूल्यांकन के लिए फिर से जांच शुरू करने की अनुमति मांगी है. रॉयटर्स की तरफ से शुक्रवार 17 नवंबर को बताया गया है कि, जांच एजेंसी ने सिंगापुर से सबूत इकट्ठा करने की अनुमति के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. रिपोर्ट में यह भी है कि DRI सिंगापुर के अधिकारियों से अडानी के लेन-देन से संबंधित दस्तावेजों को प्राप्त करने की कोशिश साल 2016 से लगातार कर रहा है. डीआरआई को शक है कि इंडोनेशियाई सप्लायर्स से आयातित ग्रुप के कई कोयला शिपमेंट को पहले इसकी सिंगापुर यूनिट, अडानी ग्लोबल पीटीई और फिर इसकी भारतीय शाखाओं को कागज पर ज्यादा कीमत दिखाकर बिल किया गया था.
रॉयटर्स की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि गौतम अडानी के स्वामित्व वाली अडानी एंटरप्राइजेज और उसकी सहायक कंपनियों ने दस्तावेजों की रिलीज को रोकने के लिए भारत और सिंगापुर में बार-बार कानूनी चुनौतियों का सामना किया है. DRI ने 9 अक्टूबर की कानूनी फाइलिंग में, सुप्रीम कोर्ट से पिछले निचली अदालत के आदेश को रद्द करने के लिए कहा, जिसने अडानी ग्रुप की कंपनी को डीआरआई अधिकारियों को सिंगापुर से सबूत इकट्ठा करने से रोकने की परमिशन दी थी.
इधर, अडानी ग्रुप का कहना है कि भारतीय अधिकारियों ने बंदरगाहों से कोयला जारी करने से पहले उसके कोयला शिपमेंट का आकलन किया था. शुक्रवार सुबह 9.50 बजे अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर 1.01 फीसदी की तेजी के साथ 2,227.30 रुपये पर कारोबार कर रहे थे.
डीआरआई का दावा
भारतीय अधिकारियों ने अडानी ग्रुप की कंपनियों से जुड़े 1,300 शिपमेंट की समीक्षा की है. कोर्ट में अपनी सब्मीशन में आरोप लगाया है कि इसने इंडोनेशिया से एक्सपोर्ट प्राइस की तुलना में कोयले के इंपोर्ट प्राइस को हद से ज्यादा है. ताकि देश में बिजली की ऊंची कीमतें वसूला जा सके. डीआरआई ने दावा किया कि इसमें शामिल रकम अरबों रुपये में हो सकती है. एक अधिकारी ने रॉयटर्स को बताया कि जांचकर्ता सिंगापुर के अधिकारियों से जो सबूत मांग रहे हैं, उनमें अडानी के 20 बैंकों से लेनदेन के दस्तावेज शामिल हैं, जो मामले में फाइनेंशियल ट्रेल इस्टैब्लिश करने में मदद कर सकते हैं.