डॉक्टर अवि लोब की गिनती विश्व के अग्रणी खगोलविज्ञानियों में होती है. उन्होंने कई वैज्ञानिकों के साथ मिलकर हजारों शोध पत्र प्रकाशित किये हैं, जिनमें डॉक्टर स्टीफेन हाकिंग भी शामिल हैं. फिलवक्त वे हार्वर्ड विश्विद्यालय के एस्ट्रोनॉमी विभाग, जिसके वे पूर्व में विभागाध्यक्ष भी रह चुके हैं, में कार्यरत हैं.
डॉक्टर लोब अभी जो शोध कर रहे हैं, उसने इस जनरेशन के वैज्ञानिकों में काफी कौतूहल पैदा कर दिया है. गैलेक्सी के बाहरी छोर से आये एक पिंड को उन्होंने खोज निकाला है, जिसमें यह सम्भावना व्यक्त की जा रही है कि वह परग्रही यान का एक हिस्सा हो सकता है. धरती पर आकर वो पिंड सागर में समा गया, पर उससे ठीक पहले अमरीका की कुछ कृत्रिम सैटलाइटों ने उसका सिग्नल पकड़ लिया, जिससे यह सिद्ध हुआ कि यह हमारे सौर मंडल का नहीं है.
हमारा सौर मंडल, जिसमें करोड़ों उल्काएं घूमा करती हैं, उसमें किसी और सौर मंडल से कोई पिंड आ जाये, ये एक बड़ी घटना है. ऐसा इसलिए कि कोई भी पिंड अपने सूर्य की ग्रेविटी से बिंधा हुआ उसके चक्कर काटने को विवश होता है. अत्यधिक तेज गति होने पर ही वह अपने सूर्य की ग्रेविटी फील्ड को धता बता पाने में सक्षम होता है.
सिर्फ इतना ही नहीं, उन्होंने बाकायदा एक दल को समुद्र में वहीँ पर उतारा जहां वह पिंड गिरा हुआ था और उस पिंड के टुकड़े भी ढूंढ लिए. वह पिंड जिस मेटल से बना हुआ था, वैसा हमारे गृह पर अब तक नहीं पाया गया है. बहुत सारे हैवी एलेमेंट्स से बने हुए ये पिंड , आज वैज्ञानिकों के लिए अचरज का विषय हैं.
इस तरह से, डॉक्टर लोब यह सिद्ध करने की राह पर हैं कि यह पिंड एक परग्रही यान भी हो सकता है. डॉक्टर लोब की रिसर्च को पेंटागन और नासा ने प्रमाणित किया है. अतः इसको गंभीरता से लेना आवश्यक है. पर जैसा कि जीवन के हरेक क्षेत्र में होता है, आपके कुछ प्रतिद्वंदी होते हैं जो आपकी बात से कभी सहमत नहीं होते. तथ्य होते हुए भी आपकी बात को तोड़ मरोड़ कर प्रस्तुत करते हैं.
ऐसे ही एक वैज्ञानिक (भूकम्प्शास्त्री) ने न्यू यॉर्क टाइम्स को एक साक्षात्कार दिया जिसमें उन्होंने कुछ अनर्गल बातें बोलीं. हालांकि उनकी विद्वता भूकंप विज्ञान में है, परन्तु उन्होंने कृत्रिम सैटलाइटों के डाटा को और नासा तथा पेंटागन के डाटा को इगनोर करते हुए डॉक्टर लोब के शोध को बेसिरपैर का बता दिया.
देखा देखी कुछ अन्य वैज्ञानिक भी इस विवाद में कूद पड़े.जब भड़ास के विज्ञान विशेषज्ञों के प्रकाश में यह पूरा मसला आया, तो हमने इसकी विवेचना करने का निर्णय लिया. उसी क्रम में, दिवाकर प्रताप सिंह ने डॉक्टर लोब का इंटरव्यू लिया.
इसमें डॉक्टर लोब से हमने उनकी रिसर्च के बारे में कई सवाल किये. अंत में हमारे पाठकों (राजीव रंजन और चारुल शुक्ल) के सवाल भी डॉक्टर लोब ने लिए, और उनका विस्तार पूर्वक जवाब दिया.
देखें-सुनें इंटरव्यू :