बंसल न्यूज में कॉस्ट कटिंग के नाम पर लोगों को निकाला जा रहा है। पहले ब्यूरो में लोगों को निकाला गया। इंदौर ब्यूरो में अब रिपोर्टर और एक कैमरामैन बचा है। ग्वालियर ब्यूरो बंद किया चुका है। रायपुर में भी एक रिपोर्टर सुबह से रात तक रहता है। भोपाल ऑफिस में भी लोगों को बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है।
बंसल में ना कोई एचआर है ना कोई पॉलिसी। लोगों को बुला बुला कर उन्हें कल से ना आने का बोल रहे हैं। चुनाव से पहले लोगों को ज्वाइन कराया गया। अब जब सरकार बदली तो इनकी हालत खराब होने लगी। बनिया चैनल बीजेपी की पीआर कंपनी बनी थी, लेकिन कांग्रेस की सरकार आते ही इनकी हवाई उड़ गई। कोई सेटिंग नहीं बन पा रही।
सरकारी एड ज्यादा मिली नहीं। इसलिए अब लोगों को नौकरी से जाने का बोल रहे हैं। अभी अनंत विश्वकर्मा, जो कि बंसल न्यूज में शिफ्ट इंचार्ज के पद पर कार्यरत थे, उन्हें भी कॉस्ट कटिंग का बोल कर जाने का आदेश दिया गया है।
अनंत न्यूज स्टेट दिल्ली से बंसल में आए थे और उन्हें 10 साल से ज्यादा का अनुभव है। वो न्यूज18, इंडिया न्यूज, सीएनईबी, लाइव इंडिया में भी महत्वपूर्ण पदों पर थे। अनंत के साथ ही जूही वर्मा जो कि प्रोड्यूसर थीं और पिछले 6 सालों से चैनल के साथ थीं, उन्हें भी बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। प्रेम को भी निकाल दिया गया।
चैनल हेड शरद द्विवेदी के पास सियाव ज्ञान बांटने के कुछ नहीं है। मीटिंग के नाम पर कई कई घंटे अपने पुराने किस्से कहानियां सुनाते हैं। चर्चा है कि उनका भी पत्ता कटने वाला है क्यूंकि वे बीजेपी के करीबी माने जाते हैं। कांग्रेसी राज में उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है। चैनल मालिक सुनील बंसल को रंग बदलते कितना देर लगता है।
Comments on “बंसल न्यूज में भी छंटनी, कई आफिस बंद, दर्जन भर से ज्यादा लोग निकाले गए”
ये तो होना ही था… ज़बरदस्ती की भीड़ जमा कार लिये… और काम करने वाले लोगो को निकाल रहे है…. यहाँ कोई देखने वाला और सही मॉनिटरिंग करने वाला कोई नहीं है जिनकी सैलरी 50,000 है वो और लोगो का गलत रिपोर्ट देते है की और लोग काम नहीं कर रहे है यहाँ तक की…. खुद काम ही नहीं करते है और सस्थान के आँखों मे धूल झोक रहे है… और सस्थान को घाटा दिला रहे है…. पुरे बंसल न्यूज़ मे सिर्फ दो व्यक्ति ही जो चैनल मे काम करते है जिनके वजह से चैनल ना जाने कितने बार नम्बर 1 आया है वो है विजय मांडगे जी…. और जूही वर्मा जी…
ये तो होना ही था… बहुत ज़ादा भीड़ जमा कार लिये थे सस्थान मे… और जब निकलने की बारी आयी तो जो लोग काम करने वाले है उन्हें ही सस्थान से बाहर का रास्ता दिखया जा रहा है…. वहाँ कोई देखने वाला नहीं है जिनकी सैलरी 50,000 है वो काम कम और इधर उधर की बातें और गलत रिपोर्ट सरद सर को देते है… और लोगो के खिलफ भड़कते है… ना खुद कम करते है ना दूसरे को करने देते है.. और सस्थान के आँखों मे खुलेआम धूल झोक रहे है… हो सके तो इस तरह के लोगो पर कड़ी कार्यवाई होनी चाहिए और जिनकी सैलरी बहुत ज़ादा है उनके ऊप्पर सही मॉनटरिंग होनी चाहिए… वास्तिवक और सच खुद सामने आ जायेगा… सिर्फ दो लोगो का बहुत बडा योगदान है सस्थान को आगे ले जाने मे और जो पूरी मेहनत से अपना काम करते है वो है विजय मांडगे जी और जूही वर्मा जी..
हं सही बात है…
Sharad behad ghatiya aadmi hai