Connect with us

Hi, what are you looking for?

प्रिंट

कर्मचारियों के द्वेषपूर्ण तबादला मामले में कोर्ट ने दैनिक भास्कर प्रबंधन को फटकारा

ट्रांसफर पर यथास्थिति आदेश के बावजूद कंपनी ने अप्रैल से बैठा दिया था घर… कोर्ट ने कहा- जब तक केस का फैसला नहीं हो जाता, कर्मचारियों को होशंगाबाद में ही पूर्ववत करने दें काम, अप्रैल से अब तक का पूरा वेतन भी दें तत्काल… मजीठिया रिकवरी केस की सुनवाई के दौरान द्वेषपूर्ण तरीके से रायपुर स्थानांतरित किए गए तीन कर्मचारियों के मामले में लेबर कोर्ट ने दैनिक भास्कर को कड़ी फटकार लगाई है। कर्मचारियों को मई से अब तक का पूरा वेतन देने और फैसला होने तक होशंगाबाद में ही कार्य करवाए जाने का आदेश कोर्ट ने दिया है। मामले में कर्मचारियों ने बिना विलंब किए जबलपुर हाईकोर्ट में कैवियट भी फाइल कर दी है। अब यदि भास्कर ने लेबर कोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील भी की तो कर्मचारियों का पक्ष सुने बिना भास्कर को कोर्ट से किसी प्रकार की अंतरिम राहत नहीं मिलेगी।

<script async src="//pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js"></script> <script> (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({ google_ad_client: "ca-pub-7095147807319647", enable_page_level_ads: true }); </script><p><span style="font-size: 14pt;">ट्रांसफर पर यथास्थिति आदेश के बावजूद कंपनी ने अप्रैल से बैठा दिया था घर... कोर्ट ने कहा- जब तक केस का फैसला नहीं हो जाता, कर्मचारियों को होशंगाबाद में ही पूर्ववत करने दें काम, अप्रैल से अब तक का पूरा वेतन भी दें तत्काल...</span> मजीठिया रिकवरी केस की सुनवाई के दौरान द्वेषपूर्ण तरीके से रायपुर स्थानांतरित किए गए तीन कर्मचारियों के मामले में लेबर कोर्ट ने दैनिक भास्कर को कड़ी फटकार लगाई है। कर्मचारियों को मई से अब तक का पूरा वेतन देने और फैसला होने तक होशंगाबाद में ही कार्य करवाए जाने का आदेश कोर्ट ने दिया है। मामले में कर्मचारियों ने बिना विलंब किए जबलपुर हाईकोर्ट में कैवियट भी फाइल कर दी है। अब यदि भास्कर ने लेबर कोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील भी की तो कर्मचारियों का पक्ष सुने बिना भास्कर को कोर्ट से किसी प्रकार की अंतरिम राहत नहीं मिलेगी।</p>

ट्रांसफर पर यथास्थिति आदेश के बावजूद कंपनी ने अप्रैल से बैठा दिया था घर… कोर्ट ने कहा- जब तक केस का फैसला नहीं हो जाता, कर्मचारियों को होशंगाबाद में ही पूर्ववत करने दें काम, अप्रैल से अब तक का पूरा वेतन भी दें तत्काल… मजीठिया रिकवरी केस की सुनवाई के दौरान द्वेषपूर्ण तरीके से रायपुर स्थानांतरित किए गए तीन कर्मचारियों के मामले में लेबर कोर्ट ने दैनिक भास्कर को कड़ी फटकार लगाई है। कर्मचारियों को मई से अब तक का पूरा वेतन देने और फैसला होने तक होशंगाबाद में ही कार्य करवाए जाने का आदेश कोर्ट ने दिया है। मामले में कर्मचारियों ने बिना विलंब किए जबलपुर हाईकोर्ट में कैवियट भी फाइल कर दी है। अब यदि भास्कर ने लेबर कोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील भी की तो कर्मचारियों का पक्ष सुने बिना भास्कर को कोर्ट से किसी प्रकार की अंतरिम राहत नहीं मिलेगी।

होशंगाबाद से एक बार फिर दैनिक भास्कर प्रबंधन के होश उड़ा देने वाली खबर आई है। मजीठिया वेजबोर्ड की रिकवरी केस लगाने पर यहां के तीन कर्मचारियों प्रणय मालवीय, नरेंद्र कुमार और वीरेंद्र सिंह को भास्कर प्रबंधन ने द्वेषपूर्वक रायपुर स्थानांतरित कर दिया था जिस पर लेबर कोर्ट ने रोक लगाते हुए यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए थे। चूंकि इन कर्मचारियों ने कोर्ट में शिकायत की हुई थी इसलिए रायपुर जाइन नहीं किया, वहीं भास्कर प्रबंधन ने एकतरफा रिलीव कर दिया और कोर्ट आदेश के बावजूद होशंगाबाद में जाइन नहीं करने दिया।

Advertisement. Scroll to continue reading.

इसके बाद प्रबंधन ने कर्मचारियों को आर्थिक रुप से प्रताड़ित करने के लिए काम नहीं तो वेतन नहीं सिद्धांत की आड़ लेकर मई से वेतन रोक लिया जिसे कर्मचारियों के अधिवक्ता श्री महेश शर्मा द्वारा कोर्ट के समक्ष दमदारी से उठाया गया। इसपर कोर्ट ने भास्कर प्रबंधन द्वारा कोर्ट आदेश की मनमानी व्याख्या पर प्रबंधन को कड़ी फटकार लगाते हुए आदेश दिया कि जब तक केस का फैसला नहीं हो जाता कर्मचारियों से होशंगाबाद में ही कार्य करवाया जाए। साथ ही तीनों कर्मचारियों को मई से रोके गए पूरे वेतन का भुगतान करने का भी आदेश दिया। मामले में जल्द फैसला हो इसके लिए कोर्ट ने अगली सुनवाई 15 दिसंबर को ही तय की है।

उधर, इस आदेश से भास्कर प्रबंधन उबर भी नहीं पाया था और कर्मचारियों ने स्टे और वेतन के मामले में ताबड़तोड़ तैयारी कर सोमवार को ही जबलपुर हाईकोर्ट में कैवियट भी फाइल कर दी ताकि भास्कर मैनेजमेंट इस मामले में कोई एकतरफा अंतरिम राहत न ले ले। इतनी जल्दी दो-दो बड़े झटके से दैनिक भास्कर प्रबंधन सकते में है। मामले में भास्कर की गलती स्पष्ट उजागर हो रही है इसलिए इस बात की संभावना कम ही है कि उसे हाई कोर्ट से कोई स्टे मिले; यदि ऐसा हुआ तो अगली सुनवाई से पहले भास्कर को इन तीनों कर्मचारियों को बकाया सैलरी देने के साथ ही होशंगाबाद में ही पूर्ववत कार्य पर रखना होगा अन्यथा प्रबंधन पर लेबर कोर्ट की अवमानना का भी मामला बन जाएगा।

Advertisement. Scroll to continue reading.

  

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement