मोहित खोसला-
बुजुर्गो को चूहा मत बनाइये… एक आश्चर्यजनक रीति चल पड़ी है, बुजुर्ग बीमार हुए, एम्बुलेंस बुलाओ, जेब के अनुसार 3 स्टार या 5 स्टार अस्पताल ले जाओ, ICU में भर्ती करो और फिर जैसा जैसा डाक्टर कहता जाए, मानते जाओ।
अस्पताल के हर डाक्टर, कर्मचारी के सामने आप कहते है कि “पैसे की चिंता मत करिए, बस इनको ठीक कर दीजिए”
डाक्टर एवं अस्पताल कर्मचारी लगे हाथ आपके मेडिकल ज्ञान को भी परख लेते है और फिर आपके भावनात्मक रुख को देखते हुए खेल आरम्भ होता है..
कई तरह की जांचे होने लगती हैं, फिर रोज रोज नई नई दवाइयां दी जाती है, रोग के नए नए नाम बताये जाते हैं और आप सोचते है कि बहुत अच्छा इलाज हो रहा है।
80 साल के बुजुर्ग के हाथों में सुइयां घुसी रहती है, बेचारे करवट तक नही ले पाते। ICU में मरीज के पास कोई रुक नही सकता या बार बार मिल नही सकते। भिन्न नई नई दवाइयों के परीक्षण की प्रयोगशाला बन जाता है 80 वर्षीय शरीर।
आप ये सब क्या कर रहे है एक शरीर के साथ ?
शरीर, आत्मा, मृत्युलोक, परलोक की अवधारणा बताने वाले धर्म की मान्यता है कि ज्ञात मृत्यु सदा सुखद परिस्थिति में होने, लाने का प्रयत्न करना चाहिए।
इसलिए वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्र में बुजुर्ग अंतिम अवस्था मे घर में हैं तो जिन लोगो को वो अंतिम समय में देखना चाहते हैं, अपना वंश, अपना परिवार, वो सब आसपास रहते हैं। बुजुर्ग की कुछ इच्छा है खाने की तो तुरन्त उनको दिया जाता है, भले ही वो एक कौर से अधिक नही खा पाएं। लेकिन मन की इच्छा पूरी होना आवश्यक है, आत्मा के शरीर छोड़ने से पहले। मन की अंतिम अवस्था शांत, तृप्त होगी तो अदृश्य परलोक में शांति रहेगी, बेचैनी नहीं।
अस्पताल के ICU में क्या ये संभव होता है? अस्पताल में कष्टदायक, सुइयां घुसे शरीर से क्या आत्मा प्रसन्न होकर निकलेगी? क्या अस्पताल के icu में बुजुर्ग की हर इच्छा पूरी होती है?
रोज नई नई दवाइयों का प्रयोग, कष्टदायक यांत्रिक उपचार, मनहूस जैसे दिनभर दिखते अपरिचित चेहरों के बीच बुजुर्ग के शरीर को बचाइए! अगर आप हिन्दू /मुस्लिम /जैन /ईसाई/ सिक्ख-कोई भी हो , तो बुजुर्ग को देवलोक गमन का शरीर मानकर सेवा करिये! सफेद कोट वालों के हाथों में चूहा बनाकर मत छोड़िए। अगर सेवा नहीं होती तो, अच्छी नर्स को घर मे रखिये, घर में सभी सुविधाएं देने का प्रयत्न कीजिये।
विचार अवश्य करें..!
Dee Jain
May 14, 2023 at 7:13 pm
मोहित खोसला जी ने बिल्कुल सही लिखा है हमने अपने पिता जी को ऐसे ही icu में डॉक्टर्स की लाहपरवाहि क्रूरता से खोया है।उनके दोनों हाथ पैरों को पशुओ की तरह बांध कर रखा जाता था।हमे ना तो icu में जाने दिया जाता था न ही क्या बीमारी है क्या ट्रीटमेंट दिया जा रहा है कुछ नही बताया।बस हमे तो दिन भर जो उनकी दवाई की दूकान से दवा लाने में दौड़ाते रहते थे महँगे महँगे टेस्ट कोई रिपोर्ट नही दी गई।वो दर्द में चिल्लाते थे तो उनको डरा धमका कर मारपीट करके चुप करवा दिया गया उनको इतना बुरी तरीके से terorrise किया गया कि उनकी आवाज बोलने की शक्ति चली गई उनको शायद ये महसूस था कि में इनके कब्जे में हूँ ओर ये मुजे मार देंगे।ना बोलने की वजह से एक दिन में चुपचाप एक कागज और पेन अपने साथ ले गया और उनसे पूछा पापा आपको किसी ने मारा आपको किसी ने कुछ कहा तो उन्होंने हाँ में सिर हिलाया।तो हमने उनका होंसला बढ़ाने के लिये कहा आपको डरने की जरूरत नही है हम बाहर ही बैठे है।और आपको एक दो दिन में घर ले चलेंगे पर इन क्रूर हरामजादे डॉक्टर्स ने वो एक दो दिन आने ही नही दिया । उनके सारे अंग किडनी, लिवर, हार्ट, मस्तिष्क सभी कुछ ठीक काम कर रहे थें फिर भी वेंटिलेटर पर दाल दिया कोई बलगम नही था फिर भी सक्शन पाइप लगा दिया जिसकी वजह से खून की उल्टी हुई और शायद उन्होंने प्राण त्याग दिए होंगे उनकी पानी पानी की आवाज हमे बाहर भी सुनाई दे रही थी पर डॉक्टर्स ने उन्हें पानी तक भी पीने को नही दिया। हमे तो तो बस ये बता दिया कि बॉडी BP नही उठा रही और बॉडी हमे दे दी और हमने उनका अंतिम संस्कार कर दिया हमे तो ये भी नही पता कि हमने उनका अंतिम संस्कार जिंदा ही कर दिया या या वो मृत थे 5-6 लाख का बिल बना दिया। ये थी हमारी दुख भरी कहानी।भगवान ना करे किसी को भी इन डॉक्टर्स के हाथों में ICU में सौंपना पड़े। ICU के इतने महँगे चार्जेज लेते है तो पेशेंट के एक अटेंडेंट को ICU में पेशेंट के साथ रहने की परमिशन होनी चाइये क्योकि जितना धयान अटेंडेंट रख सकता है उतना धयान हॉस्पिटल का स्टाफ नही रखता है वो या तो मोबाइल में लगे रहते है और रात को सो जाते है और iv fluid नसों से बाहर निकलना शुरू होकर मांस में भरना शुरू हो जाता है सबको मिलकर इस विषय मे आवाज उठानी होगी।सुप्रीम कोर्ट में PIL डालनी होगी। अब डॉक्टर्स को कानून ने इतने अधिकार दे दिए है कि आम आदमी चाह कर भी कुछ नही कर सकता डॉक्टर्स की इतनी स्ट्रांग लॉबी है कि एक डॉक्टर दूसरे डॉक्टर के खिलाफ गवाही नही देता। आप अगर कोई प्रोटेस्ट भी करोगे तो ये आपके खिलाफ FIR दर्ज करवा देते है। एक अकेला कोई कुछ नही कर सकता जनमानस को इकट्ठा होने पड़ेगा वार्ना टी ये सब यों ही चलता रहेगा।