लगता है उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र रावत की करप्शन के प्रति जीरो टालरेंस नीति टांय टांय फिस्स हो गई. यही नहीं, वे करप्शन के आरोपों की जांच कराने तक से भागने लगे हैं. तभी तो खुद सीएम अपने उपर लगे गंभीर आरोपों की जांच कराने की मांग पर चुप्पी साधते हुए बगलें झांक रहे हैं. टीवी संपादक उमेश कुमार ने दिल्ली में प्रेस क्लब आफ इंडिया में पिछले दिनों खुल कर सीएम त्रिवेंद्र रावत के इर्दगिर्द पसरे भ्रष्टाचार के बारे में मय सुबूत मीडिया वालों से बातचीत की और कई गंभीर आरोप लगाए. इन्हीं आरोपों को लेकर आज उत्तराखंड के सबसे बड़े नीति नियंता मंच विधानसभा में जमकर सीएम की घेराबंदी हुई. सीएम के करीबी करप्ट लोगों के स्टिंग का उल्लेख करते हुए सीएम को जांच करा कर दूध का दूध पानी का पानी कर लेने की चुनौती निर्वाचित जनप्रतिनिधियों ने दी.
उत्तराखंड विधानसभा में गूंजा स्टिंग कांड. विपक्ष की चुनौती, सरकार जांच कराए, सीडी हम देंगे. कांग्रेस विधायक हरीश धामी का कहना था कि हरीश रावत के स्टिंग की सीबीआई जांच हुई है, इसीलिए वर्तमान में जो स्टिंग सामने आए हैं, उनकी भी सीबीआई जांच हो. उत्तराखंड विधानसभा के बजट सत्र के आठवें दिन विपक्ष भ्रष्टाचार के मुद्दे पर बेहद आक्रामक नज़र आया. कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर नियम 310 के तहत चर्चा करने की मांग की और हंगामा शुरू कर दिया. विपक्ष के सदस्य वेल में पहुंच गए और भ्रष्टाचार पर चर्चा करने की मांग की. कांग्रेसी विधायक हाल ही में चर्चा में रहे स्टिंग की सीबीआई से जांच करवाने की मांग कर रहे थे.
विपक्ष के सदस्यों ने कहा कि राज्य में भ्रष्टाचार बढ़ रहा है. कांग्रेस विधायक हरीश धामी ने तो खुलकर कहा- सरकार जांच करवाए, स्टिंग की सीडी हम देंगे. धामी ने कहा कि पूर्व मुखयमंत्री हरीश रावत के स्टिंग की सीबीआई जांच हुई है. उन्होंने मांग की कि वर्तमान में जो स्टिंग सामने आए हैं, उनकी भी सीबीआई जांच हो. उन्होंने पूछा कि इस मामले में अब तक सरकार ने क्या कदम उठाए हैं. इस मामले को लेकर विपक्ष के सदस्यों और संसदीय कार्य मंत्री प्रकाश पंत के बीच तीखी बहस हुई. हंगामे के बीच 10 मिनट से ज़्यादा समय तक प्रश्नकाल रुका रहा. विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्ष की भ्रष्टाचार पर नियम 310 के तहत की मांग को ठुकरा दिया और नियम 58 के तहत सुनने पर सहमति दी. इसके बाद प्रश्नकाल शुरू हो पाया.
उत्तराखंड विधानसभा में बजट सत्र की 8वें दिन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने जमकर हंगामा करना शुरू कर दिया. विपक्ष ने नियम 310 के तहत चर्चा और मुख्यमंत्री के करीबियों के स्टिंग की सीबीआई जांच की मांग की. जिस पर संसदीय कार्यमंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि अखबारों की कटिंग से स्टिंग की सत्यता पर चर्चा संभव नहीं है. शुक्रवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष के सभी विधायकों ने वेल में पहुंचकर जमकर हंगामा किया. विधायकों ने स्पीकर से समक्ष मांग रखी कि नियम 310 के तहत मुख्यमंत्री के करीबियों के स्टिंग पर चर्चा की जाए. वहीं, संसदीय कार्यमंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि अखबारों की कटिंग की सत्यता पर स्टिंग पर चर्चा संभव नहीं है. जिसके बाद विपक्ष के सभी विधायक वेल में पहुंच गए और इस विषय पर चर्चा की मांग करने लगे. सदन में विपक्ष का हंगामा न थमता देख विधानसभा अध्यक्ष ने स्टिंग को लेकर नियम 58 के तहत चर्चा कराने का फैसला लिया. जिसके बाद विपक्ष शांत हुआ और प्रश्नकाल की कार्यवाही शुरू हो गई.