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कोरोना से मरने वालों के परिजन पा सकते हैं चार लाख का मुआवजा!

-विजय विनीत-

वाराणसी। वैश्विक महामारी कोरोना के चलते जान गंवाने वाले लोगों के आश्रितों को सरकार चार लाख रुपये मुआवजा दे रही है। हैरत की बात यह है कि सरकार न तो इसका प्रचार कर रही है और न ही स्थानीय प्रशासन। हालांकि बीमा कंपनी सरकार ने बीमा राशि का भुगतान ले चुकी है। जानकारी के अभाव में कोरोना से मरने वाले लोगों के परिजन मुआवजे के लिए आवेदन नहीं कर रहे हैं। अधिकांश जिलों में जो लोगो आवेदन लेकर जा रहे हैं, कलेक्ट्रेट के आपदा विभाग के नुमाइंदे उन्हें अबूझ कहानियां सुनाकर लौटा दे रहे हैं।

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अगर आपका कोई अपना अथवा किसी अभिन्न व्यक्ति की कोरोना से जान गई है तो मुआवजे के लिए आसानी से आवेदन किया जा सकता है। जानिए क्या है आवेदन और भुगतान की प्रक्रिया।

भुगतान की यह है प्रक्रिया

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कोरोना पॉजिटिव की मौत के बाद सिविल सर्जन द्वारा संबंधित अंचलाधिकारी (सीओ) को मौत की रिपोर्ट भेजी जाती है। संबंधित पुलिस डिप्टी एसपी आपदा विभाग को इसकी सूचना देते हैं। मृतक के परिजन आपदा विभाग या संबंधित सीओ के यहां मुआवजा के लिए आवेदन जमा करते हैं। आवेदन के 24 घंटे के अंदर आपदा विभाग कागजी प्रक्रिया पूर्ण कर आश्रित को चार लाख का भुगतान कर देता है।

ये चाहिए दस्तावेज

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कोरोना पॉजिटिव की मौत होने पर मुआवजे के लिए आपदा विभाग या संबंधित पुलिस क्षेत्राधिकारी के यहां आवेदन किया जाता है। आवेदन दोनों में से किसी भी एक स्थान पर किया जा सकता है। आवेदन के साथ कुछ दस्तावेज की आवश्यकता है। आवेदन के साथ कोरोना से मौत का प्रमाण-पत्र के अलावा आवासीय प्रमाण-पत्र और मृतक आश्रित के पासबुक की फोटो कॉपी अनिवार्य रूप से जमा करनी पड़ती है। आवेदन के 24 घंटे के अंदर मुआवजा राशि का भुगतान आपदा विभाग द्वारा किए जाने का प्रावधान है।

यूपी के पूर्वांचल के किसी भी जिले में अभी कोरोना मृतक आश्रितों को बीमित राशि का भुगतान नहीं किया गया है। इसे जानकारी का अभाव कहें या जिला प्रशासन द्वारा प्रचार-प्रसार में की गई कोताही। इतना जरूर है कि राज्य सरकार और जिला प्रशासन बीमा कंपनियों के पक्षकार नजर आ रहे हैं। यही वहज है कि इस योजना का कई कोई प्रचार-प्रसार नहीं किया जा रहा है।

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जनसंदेश टाइम्स में प्रकाशित वरिष्ठ पत्रकार विजय विनीत की रिपोर्ट.

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