कन्हैया शुक्ला-
आम्रपाली की एक सोसाइटी का नाम है लेजर पार्क. यहां भी कोर्ट रिसीवर आफिस वही खेल करा रहा है जो अपने अधीन आम्रपाली की अन्य सोसाइटियों में बीज बोया हुआ है. कोर्ट रिसीवर आफिस बजाय रेजीडेंट्स के बीच से चुनाव करा के साफ सुथरे लोगों के हवाले एढाक एओए करने के, प्रापर्टी डीलर्स, परिवारवाद, सोसाइटी से बाहर रहने, सोसाइटी में कोई फ्लैट न होने के आरोपों से घिरे लोगों को संरक्षण और बढ़ावा दे रहा है. इसे देखकर लग रहा है कि जैसे सीआर आफिस का मकसद सोसाइट को अच्छे तरीके से चलाना नहीं बल्कि एक उगाही और लठैत तंत्र विकसित करना है.
लेजर पार्क में शुरुआती एढाक एओए को सीआर आफिस ने गुपचुप तरीके से चुनकर थोपा था. इस एढाक एओए ने सीआर आफिस के रवैये को देखकर इस्तीफा दे दिया तो अब दुबारा से गुपचुप रिटर्न्स एढाक एओए बना दिया है. इस एढाक एओए की लिस्ट में बहुत सारी विसंगतियां हैं जिसके खिलाफ रेजर पार्क के रेजीडेंट्स ने आज मुख्य द्वार पर प्रदर्शन किया.
लेजर पार्क रेजीडेंट्स के लार्जर और डेमोक्रेटिक ग्रुप ने एक संदेश को बायर्स के बीच आज सुबह प्रसारित किया जिसका कंटेंट कुछ यूं है-
दोस्तों, एक बार फिर से सीआर आफिस ने एढाक बना दिया है. बना क्या दिया है, थोप दिया है. बिना चुने. बिना जाने. गुपचुप. सोसाइटी की हालत दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही है. ऐसे में अब मानसिकता हम लोगों की ये है कि किसी भी किस्म की एढाक आए, लेकिन आए और जल्दी से मेंटेनेंस व सेक्युरिटी का काम शुरू करे. तो इस एढाक का बहुत विरोध करने का मतलब नहीं है. पर कुछ एक गंभीर मुद्दे हैं जिस पर आप सबकी तवज्जो चाहेंगे.
आज सुबह वॉक के लिए लेजर पार्क में निकला तो कई साथी मिल गए. सोसाइटी के लिए लगातार सक्रिय अनिल पांडेय जी, अनुज मलिक, विजय झा, मनीष झा, संजीव, आदित्य, कमल कुमार सिंह, जोगिंदर.. इनमें से कोई वाक कर रहा था, कोई बैडमिंटन खेल रहा था और कोई क्रिकेट. सब लोग कुछ वक्त के लिए एकसाथ बैठे और बातचीत हुई. नतीजा जो निकला वो शेयर कर रहा हूं.
इस एढाक टीम में तीन बहुत बड़ी गड़बड़ियां हैं जो दुनिया भर में प्रचलित न्याय के सिद्धांत के खिलाफ है. अगर किसी का निजी हित सोसाइटी के व्यापक हित से टकराए तो उसे सोसाइटी के प्रबंधन से जुड़े कार्यों से दूर रखना चाहिए. ये प्वाइंट लीगली भी मान्य है. कानफ्लिक्ट आफ इंट्रेस्ट्स. एढाक की नई कमेटी में हीरालाल जी ऐसे शख्स हैं जो एक बिजनेस ग्रुप चलाते हैं और प्रापर्टी डीलिंग का काम करते हैं. उन्हें चाभी तक नहीं दी गई है, फ्लैट हैंडओवर नहीं है और न ही वे रहते हैं. संभव है उन्हें आनन फानन में सीआर एऩबीसीसी चाभी देकर गृह प्रवेश करा दे. तो इस मुद्दे को छोड़ देते हैं. वे प्रापर्टी डीलिंग करते हैं, इसे सब जानते हैं. उनका बिजनेस ग्रुप है. ये सब जानते हैं. उन्हें नैतिक आधार पर एढाक में नहीं रहना चाहिए.
इसी तरह मनीष राय एक प्रापर्टी डीलर हैं. अपने फ्लैट से वे प्रापर्टी का काम करते हैं और रात में यहां से अपने बाहर वाले घर चले जाते हैं रहने. मतलब वो भी यहां नहीं रहते और जितना वक्त वे रहते हैं, प्रापर्टी डीलिंग का काम करते हैं. उन्हें भी नैतिक आधार पर और न्याय के नैसर्गिक सिद्धांत के आधार पर एढाक कमेटी में नहीं होना चाहिए.
तीसरा गंभीर आपत्ति का विषय है वरुण उपाध्याय और शिवानी सक्सेना से जुड़ा. शिवानी जी एढाक एओए की जनरल सेक्रेट्री बनाई गई हैं. वे वरुण उपाध्याय की पत्नी हैं. वरुण उपाध्याय एढाक एओए के माडरेटर हैं. पिछली एढाक में ये एडमिन थे. तो माडरेटर यानि प्रस्तावक ने अपनी पत्नी के नाम का प्रस्ताव कैसे कर दिया. ये तो शुद्ध शुद्ध परिवारवाद है. पति -पत्नी एक साथ कैसे स्वतंत्र विचार के साथ काम कर सकते हैं. ये भी न्याय के नैसर्गिक सिद्धांतों के खिलाफ है.
हम यहां ये तो नहीं कहेंगे कि स्थानीय रेजीडेंट भाई अनिल पांडेय, जिन्होंने साफ सफाई से लेकर बाहर रोड पर पेड़ कटवाने, आईजीएल पाइपलाइऩ के लिए मीटिंग कराने समेत दर्जनों काम अपने संपर्कों संबंधों से इंडिविजुवल लेवल पर कराए, उन्हें एढाक में क्यों नहीं रखा गया. हम जानते हैं कि सीआर आफिस की मंशा एक पपेट और पालतू एढाक को नियुक्त करने की थी जिसमें वो सफल हुआ.
लेजर पार्क एक दुर्भाग्यपूर्ण सोसाइटी का नाम है. इसका ग्रहण कब खत्म होगा नहीं पता. सीआर आफिस और एनबीसीसी नहीं चाहते कि उनसे कोई सवाल पूछने वाला व्यक्ति एढाक बनाए, उनसे मेंटेनेंस का हिस्सा मांगने वाला शख्स एढाक बनाए, उनसे डूवल मीटर समेत अन्य मदों का पैसा मांगने वाला शख्स एढाक बनाए. उन्हें ऐसे ही लोग चाहिए थे जैसे एढाक में लाए गए हैं. लेकिन कम से कम इतना तो ध्यान रखते कि सोसाइटी के अंदर प्रापर्टी डीलिंग करने वाले लोगों को एढाक का हिस्सा न बनाते. वे अभी तक फ्लैट बेचते हैं, एढाक के जरिए कहीं सोसाइटी ही बेचने पर न तुल जाएं.
दोस्तों, आप लोग समझदार हैं. सब विद्वान हैं और ज्ञान व तर्क से भरे हुए है. क्या ये मांग करना उचित नहीं रहेगा कि हीरालाल, मनीष राय और शिवानी सक्सेना को एढाक से हटाकर इसे पुन:पुन:संशोधित करते हुए जारी किया जाए? बाकी लोगों के नामों पर हम लोगों को कोई खास आपत्ति नहीं है. हालांकि अध्यक्ष अवनीश कुमार खुद अभी रहते नहीं है. अमोल खुद यहां रहते नहीं है. किन्हीं अभिषेक का नाम है कमेटी में लेकिन उनका फ्लैट नंबर तक नहीं लिखा गया है. यानि बिना फ्लैट वाले भी एढाक एओए में घुसा दिए गए हैं. इसी तरह अऩ्य कई लोग भी रहते नहीं है. पर फिलहाल ये रहना न रहना वाला मुद्दा छोड़ देते हैं. एढाक एओए अब वक्त की जरूरत है, चाहे जो बनाए. लेकिन बस प्रापर्टी डीलरों और एक ही परिवार के दो लोगों को इसमें न रखा जाए. बिना फ्लैट वालों को इसमें न रखा जाए. जो बाहर रहते हैं उन्हें इसमें न रखा जाए. बाकी जो है सब कुबूल है.
इसी मुद्दे को लेकर आज शाम साढ़े चार बजे क्लब हाउस पर जुटना है, एक प्रतीकात्मक विरोध प्रदर्शन करने के लिए. ताकि हम अपना विरोध दिखा सकें कि हम एढाक तो चाहते हैं और सीआर आफिस ने जो एढाक थोपा है वो हमें भी कुबूल है, बस इसमें से एक ही परिवार के दो लोगों को न रखें, प्रापर्टी डीलरों को न रखा जाए. जो लोग बाहर रहते हैं, उन्हें न रखा जाए, जिनका फ्लैट नहीं है, उन्हें न रखा जाए. बाकी जो नाम हैं वो सबको कुबूल है. दुबारा जबरन और गुपचुप थोपे गए एढाक एओए के कई नामों पर आपत्ति जताने हेतु आप आज संडे को शाम साढ़े चार बजे क्लब हाउस पहुंचिए. शांतिपूर्ण ढंग से हम अपना विरोध दर्ज कराएंगे और अपने अपने घरों को लौट जाएंगे.
आज हुए प्रदर्शन के बाद लेजर पार्क बायर्स के ग्रुप में ये संदेश प्रसारित किया गया, तस्वीरों के साथ…
जनहित में जारी…
दोस्तों, जैसा कि आप सबको पता है कि अपने लेजर पार्क में इस बार संगठित प्रॉपर्टी डीलरों द्वारा बिना किसी बायर्स को कुछ बताए पहले वाले गुपचुप एडहॉक AOA के समर्थन से जबरन नया एडहॉक AOA कल देर रात बना लिया गया।
इसके विरोध में हम उपलब्ध बायर्स ने आज शाम लेजर पार्क में अपना प्रतिरोध दर्ज कराया।
इसे लेकर कल हम सब ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी, गौतम बुद्ध नगर के डीएम साहब और पुलिस कमिश्नर, सीआर साहब और मेरठ रजिस्ट्रार ऑफिस से मिलकर शिकायत करने जा रहे हैं। उन्हें बताया जाएगा कि कैसे ये प्रॉपर्टी डीलर गैंग और कुछ स्वार्थी लोग अपने निहित स्वार्थ में तल्लीन हो गए हैं कि सभी के सुरक्षा (किसी को भी अंदर आने की छूट दे रखी है, कोई किसी के फ्लैट तक पहुंच जा रहा है) और पूरे लेजर पार्क को ताक पर रख तांडव मचा रखा है। तमशाही फरमान सुनाने लगे हैं।
इनके द्वारा रेजिडेंशियल लेजर पार्क में इनके अपने घरों और किराए पर लिए गए फ्लैटों में NBCC और कॉन्ट्रेक्टर VCL के मिली भगत से कमर्शियल काम के लिए प्रॉपर्टी डिलिंग का ऑफिस खोल रखा गया है। इसे तुरंत सील किया जाय और इन्हें सोसाइटी से बाहर किया जाय जिससे लेजर पार्क के लोग सुरक्षित रह सकें।
साथ ही हम सीआर ऑफिस से इन सबको जल्द से जल्द हटा कर एडहॉक AOA के चुनाव की मांग एक बार फिर से करेंगे।
दोस्तों याद रखे अभी आप सब सरेंडर कर देंगे और सोचेंगे कि कौन दर्द ले तो याद रखिएगा यह सभी तानाशाही गैंग पूरे लेजर पार्क को बर्बाद करने में देर नहीं लगाएंगे, इसलिए चुप मत रहिए, सही को सही और गलत को गलत कहने की हिम्मत रखिए, वरना 13 साल बाद, एक लंबे संघर्ष के बाद जो सपनो का आशियाना हम सबको मिला है उसे ये लोग मिल बांट कर खा लेंगे।
जनहित में जारी
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