Shashank Pandey Roushu : 15 मिनट पहले की घटना। भूतपूर्व विधायक हंड़िया इलाहबाद के पुत्र आजकल उनकी जगह पर विधायक हो गए हैं, उनकी आकस्मिक मृत्यु के कारण। अभी UP STATE BRIDGE CORP. LTD. ने बैरागिया नाला पर सेतु बनाने हेतु टेंडर निकल है। इस टेंडर में मैं भी भाग ले रहा हूँ और विधायक जी के बड़े भाई रिंकू भी। कल उन लोगों ने मुझ पर एवं सभी अन्य टेंडर फॉर्म लेने वालों के ऊपर दबाव बनाकर बाकी सबके फॉर्म ज़बरदस्ती ले लिए परंतु मैंने अपना फॉर्म उन्हें नहीं दिया और मैंने टेंडर प्रक्रिया में शामिल होने के लिए फॉर्म भर कर जमा भी करवा दिया है।
अभी 9 बजे के लगभग उनके चेले मेरे घर के सामने आये और मेरे ऊपर अपशब्द भी कहे। उनके सारे आदमी असलहों से लैस थे। कल शाम 5 बजे टेंडर खुलेगा और मुझे पूर्ण विश्वास है की इसके बाद इनके गुंडे मेरे घर पर धावा बोलेंगे। अपने सभी मित्रों से मेरा ये सवाल है कि जनतंत्र में क्या मुझे इतना भी हक़ नहीं मिला है की मैं स्वतंत्र होकर कार्य कर सकूँ? मुझे आपलोगों का सुझाव चाहिए कि क्या मुझे गीदड़ की तरह डरकर अपना फॉर्म वापस ले लेने चाहिए या फिर एक हिंदुस्तानी की तरह उनसे डटकर मुकाबला करना चाहिए?
मैं अपने कुछ प्रशासनिक एवं पत्रकार मित्रों से ये भी जानना चाहता हूँ की क्या आप लोग किसी तरह से मेरी सहायता में आगे आ सकते हैं?
जय हिन्द!
इलाहाबाद निवासी शंकर पांडेय रोशू के फेसबुक वॉल से. उपरोक्त स्टेटस पर इलाहाबाद की प्रगतिशील महिला सुमन सिंह का कमेंट कुछ यूं है…
Suman Singh : हमारे पारिवारिक मित्र हैं Shashank Pandey Roushu। अभी यहाँ फेसबुक पर इनकी पीड़ा/ दुःख/समस्या को पढ़ा। आहत तो हूँ.. क्योंकि इनको मै जानती हूँ। पर अभ्यस्त भी हूँ ऐसी घटनाओं से.. जहां हम सब लम्पट सत्ताधारियों के खौफ के आगे बेबस हो जाते हैं। मुझे इनके लिए चिंता भी हो रही है, की ये सुरक्षित रहें.. क्या इनकी कोई मदद हो सकती है ? कुछ लोगों की वाल तक ये बात पहुंचाना चाहती हूँ जिससे शायद बहुत से लोग ये बात जान सकें — Yashwant Singh Samar Anarya Mohammad Anas Akbar Rizvi Sandhya Navodita Rahul Pandey Himanshu Pandey Krishna Kant Pankaj Mishra (टैग के लिए मुआफ़ी सहित)