Yashwant Singh : सुबह सुबह एक फोन आया. आवाज आई- मैं मनीष राय बोल रहा हूं, मऊ से. मैंने कहा- बोलिए. मनीष जी ने अपना परिचय दिया और जो कुछ बताया उसे सुनकर मैं सन्न रह गया. आखिर दैनिक जागरण जैसे बड़े अखबार अगर इस तरह की गिरी हरकत और गैर-जिम्मेदार हरकत करेंगे तो इस देश में मीडिया की बची खुची प्रतिष्ठा में खत्म हो जाएगी. मनीष एक जमाने में पत्रकार हुआ करते थे. फिर वह राजनीति में आ गए और ब्लाक प्रमुख बन गए. इसके बाद उन्होंने एक ट्रामा सेंटर खोला. दैनिक जागरण में उनके ट्रामा सेंटर से संबंधित खबर छपी कि वहां मरीज की किडनी निकाल ली गई.
मनीष राय ने खुद डीएम को पत्र लिखकर मरीज की लाश कब्र से निकाल कर पोस्टमार्ट कराने का अनुरोध किया ताकि उन पर लग रहे आरोप-दाग की सत्यता सामने आ जाए. परिजनों और अस्पताल प्रशासक दोनों की मांग को देखते हुए कब्र से लाश निकलवा कर डाक्टरों के एक पैनल ने पोस्टमार्टम किया और बताया कि किडनी सलामत है. जब दैनिक जागरण की ब्रेकिंग न्यूज फर्जी साबित हो गई तो जागरण के पत्रकारों ने थूक कर चाटने का काम शुरू किया. इन्होंने छापा कि किडनी गायब नहीं थी.
मनीष राय का कहना है कि किसी की इज्जत एक झूठी खबर से कैसी उतारी जाती है और उसके ब्रांड इमेज को किस तरह बर्बाद किया जाता है, यह इस घटना से जाना जा सकता है. उन्होंने कहा कि वे दैनिक जागरण प्रबंधन के खिलाफ मुकदमा करने का मन बना रहे हैं. इस मामले को लेकर वह प्रेस काउंसिल और कोर्ट दोनों जगह जाएंगे और झूठी खबर चलाने वाले पत्रकारों को सबक सिखाएंगे.
भड़ास के एडिटर यशवंत सिंह की एफबी वॉल से.
vivek kumar
July 27, 2017 at 1:33 pm
जानकारी के लिए बात दूं भईया, मनीष राय के भाई मनोज राय ब्लॉक प्रमुख रहे हैं… मऊ सदर से बसपा के प्रत्याशी भी रहे, लेकिन मुख्तार अंसारी के बसपा में आ जाने से उनका पत्ता कट गया था… उनके भाई मनीष राय “प्रकाश हॉस्पिटल एवं ट्रामा सेंटर” के संचालक हैं…