मुंबई : जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड मामले में कामगार आयुक्त कार्यालय के साथ लगातार असहयोग कर रहे दैनिक भास्कर की प्रबंधन कंपनी डीबी कॉर्प को अब अपना वर्ष 2007 से 2010 तक की बैलेंसशीट देनी ही पड़ेगी। जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड मामले में डी बी कॉर्प के धर्मेन्द्र प्रताप सिंह, जो दैनिक भास्कर के मुम्बई यूनिट में प्रिंसिपल करेस्पॅान्डेंट हैं, के अलावा रिसेप्शनिस्ट लतिका आत्माराम चव्हाण और आलिया शेख ने 17 (1) का रिकवरी क्लेम और उत्पीड़न का मामला लगाया है। इन दोनों मामलो की सुनवाई कामगार आयुक्त कार्यालय में रखी गयी थी।
नेशनल यूनियन आफ जर्नलिस्ट (महाराष्ट्र) की महासचिव शीतल करदेकर तथा मुम्बई के निर्भीक पत्रकार शशिकान्त सिंह ने सुनवाई के दौरान इस बात पर कड़ा एतराज जताया कि दैनिक भास्कर संचालित करने वाली मूल कंपनी का प्रबंधन आखिर अपना 2007 से 2010 तक की बैलेंसशीट क्यों नहीं दे रहा है? इस पर सहायक कामगार आयुक्त नीलांबरी भोसले ने शीतल करदेकर और शशिकान्त सिंह के एतराज को सही बताया और डीबी कॉर्प के एडवोकेट अविनाश पाटिल को निर्देश दिया कि आप एक सप्ताह के अंदर कंपनी की बैलेंसशीट लेकर आइये, नहीं तो शिकायतकर्ताओं के क्लेम को सही मान कर एक पक्षीय आदेश जारी कर दिया जाएगा।
इस सुनवाई में शीतल करदेकर, जो राज्य सरकार द्वारा गठित मजीठिया वेज बोर्ड की टीम की सदस्य भी हैं, ने महिला कर्मचारियों के उत्पीड़न पर घोर चिंता जताई और कहा कि अगली सुनवाई पर डीबी कॉर्प की सहायक महाप्रबंधक (कार्मिक) श्रीमती अक्षता करंगुटकर को बुलाया जाय, क्योंकि वह सिर्फ एक डेट पर आई हैं, जिस पर उन्हें उपस्थित रहने का निर्देश दिया गया। अगली तिथि पर श्रीमती करंगुटकर को स्वयं उपस्थित रह कर कर्मचारियों द्वारा लगाए गए उत्पीड़न के आरोप पर स्पष्टीकरण देना होगा।
शशिकान्त सिंह
पत्रकार और आरटीआई एक्सपर्ट
मुंबई
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