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सियासत

मैंने बेयर ग्रिल्स के साथ पब्लिक रिलेशंस वाली वो बकवास नहीं देखी!

Nitin Thakur : मैंने बेयर ग्रिल्स के साथ पब्लिक रिलेशंस वाली वो बकवास नहीं देखी। प्रोमो देखकर ही समझ गया था कि प्रधानमंत्री को ग्रिल्स में कोई इंटरेस्ट नहीं है। दोनों ही नहीं जानते कि वो हिंदी/अंग्रेज़ी में क्या कह रहे हैं। दोनों के लिए सिर्फ अपने फैन्स को इंप्रेस करना प्राथमिकता था सो उन्होंने वही किया। एक-दूसरे के लिए वो माध्यम से ज़्यादा कुछ नहीं थे… मगर ऐसा नहीं कि मैंने ड्रामेबाज़ी की वजह से वो शो नहीं देखा।

मैंने तो शो ना देखकर पुलवामा में शहीद हुए जवानों को अपने ढंग से श्रद्धांजलि दी। अगर कोई वोटखोर उस दुर्घटना पर देश के फर्स्ट टाइम वोटर से वोट मांग सकता है जिस पर उसे अपनी चूक मानते हुए इस्तीफा देना चाहिए था या फिर कम से कम शर्मिंदा होना चाहिए था तो मैं भी ये सोचकर शो छोड़ सकता हूं कि ये तब बनाया जा रहा था जब पुलवामा में शहादतों की बुरी खबर से दिल चाक हो रहे थे।

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Rajeev Dhyani : कैमरे के सामने नक़ली करतबों के दो सबसे माहिर खिलाड़ी एक साथ डिस्कवरी चैनल पर… डिस्कवरी चैनल पर मैन वर्सेज़ वाइल्ड नाम का एक एडवेंचर कार्यक्रम बहुत लोकप्रिय है। इसमें बेयर ग्रिल्स नामक एक व्यक्ति को दुर्गम जंगलों, रेगिस्तानों, बर्फीले निर्जन क्षेत्रों में बिना खाना-पानी के अकेला छोड़ दिया जाता है।

अक्सर उसके पास पहने हुए कपड़ों के अलावा एक चाकू, एक आग जलाने वाला पत्थर, एक लम्बी रस्सी, एक पानी की बोतल जैसी कुछ चीजें ही होती हैं। इन्हीं चीजों के सहारे बेयर ग्रिल्स को कई -कई दिन जंगली में जानवरों, ख़तरनाक मौसम और भोजन-पानी की कमी के बीच गुज़ारा करना पड़ता है। कभी वह कंदमूल खोदकर, तो कभी कीड़े मकोड़े खाकर भूख मिटाता है। रात में पेड़ों के पत्तों पर पड़ी ओस पीकर पानी की कमी पूरी करता है। अक्सर उसे ठंडी बर्फ या गर्म रेत में गड्ढे कर उनमें पूरी रात घुसे रहना पड़ता है। इस दुस्साहसी व्यक्ति के कारनामे देखकर अच्छे-अच्छों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं।

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कार्यक्रम की प्रस्तुति और बेयर ग्रिल्स के कारनामे इतने रोमांचक होते हैं कि हम भूल जाते हैं अगर बेयर ग्रिल्स उस खतरनाक जंगल में पूरी रात अकेले रहा, तो उसके इन दुस्साहसों को शूट कौन कर रहा था। हम भूल जाते हैं कि कम से कम दो-तीन कैमरे और पांच सात लोगों की टीम के बिना यह शूटिंग कैसे संभव हो पाती। तो हो गया न धोखा? आप जिस बेचारे बेयर ग्रिल्स को जंगल में या बर्फीली चोटी पर अकेला समझ रहे थे, वह तो दरअसल 5-7 लोगों की टीम और शूटिंग के भारी-भरकम साजोसामान के साथ वहां मौजूद था। बेयर ग्रिल्स बेचारा तो सिर्फ एक कलाकार है। उसे जो स्क्रिप्ट लिख कर दी जाती है, वह उसके मुताबिक अभिनय करता है। झूठा अगर कोई है, तो वह है डिस्कवरी चैनल, जो नादान दर्शकों से असलियत छुपाता है।

बताया जाता है कि जिस दिन पुलवामा में आतंकी हमला हुआ उस समय हमारे प्रधानमंत्री जी इसी महाझुट्ठे कार्यक्रम मैन वर्सेस वाइल्ड यानी इंसान बनाम जंगल के लिए उत्तराखंड के जिम कॉर्बेट पार्क में शूटिंग कर रहे थे। देश के यशस्वी प्रधानमंत्री और बेयर ग्रिल्स की तूफ़ानी जोड़ी डिस्कवरी चैनल पर अवतरित हुई। दोनों अपने अपने चैनलों के मंझे हुए कलाकार। दोनों ही खतरों के खिलाड़ी दिखाई देते हैं। दोनों ही को डायरेक्टर की ओर से जो स्क्रिप्ट दी जाती है, वे उसके मुताबिक इतना जीवंत अभिनय करते हैं, कि दर्शक भाँप ही नहीं पाते, कि यह असलियत है या अभिनय। जो हम सब अभी तक देश के सभी चैनलों पर देख रहे थे, वही कहानी डिस्कवरी चैनल पर भी आ गई। कैमरे के सामने नक़ली करतबों के दो सबसे माहिर खिलाड़ी एक साथ आए।

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पत्रकार नितिन ठाकुर और राजीव ध्यानी की एफबी वॉल से.

कुछ अन्य प्रतिक्रियाएं-

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Yashwant Singh : पीएम मोदी पॉलिटिक्स के शो मैन हैं। इनने सेल्फ मार्केटिंग को जो हाइट दी है, वो अभूतपूर्व है। प्रेस कांफ्रेंस से दूर भागने वाले मोदी जी के कंधे को बार बार ठोंक रहा एक विदेशी लौंडा, और वो खुश हैं, चहंक रहे हैं। नर्वसनेस के सवाल पर मोदी जी चाहे जो फेकें हों, सच्चाई करण थापर वाले इंटरव्यू को देख कर हर कोई समझ जाता है जब तीखे सवाल पर पानी पानी कहने-मांगने लगते हैं। वैसे, भारत की जनता को असल में जैसा नेता चाहिए था, वो मोदीजी के रूप में मिल गया है। कहीं कोई संकट नहीं। सब ठीक चल रहा है।

Ramji Tiwari : ये ‘मैन वर्सेज वाइल्ड’ न होकर एक एकालाप ही है। गोदी मीडिया, प्रसून जोशी और अक्षय कुमार से होता हुआ वह ब्रेयर ग्रिल के सहारे हम तक पहुंच रहा है।

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1 Comment

1 Comment

  1. deven

    August 15, 2019 at 5:43 pm

    Shayad ye pulwama attack ke din hi shoot kiya gaya tha AB satta aa chuki vote maange ja chuke hai to release kar diya. 18-20 ghante bina chutti liye kaam karne wale apne PM ne iske liye samay kab nikala iski shooting kab ki, ye bhi batate to achha hota.

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