एक रोज सुबह सैर के बाद हम दोस्त पार्क में चाय पी रहे थे. तभी दैनिक भास्कर अखबार आया. हम सब नियमित पाठक हैं. खासकर सोमवार ‘नो नेगेटिव’ एडिशन के. लेकिन बड़ा अफसोस हुआ पढके. लुधियाना भास्कर में मुख्य खबर लगी कि सिंधवा नहर में विश्व का पहला सोलर प्लांट लग रहा है. हमने जब यह पढा तो गुजरात में कारोबार के सिलसिले में जाने वाला मेरा दोस्त बोला कि ये तो गलत है, गुजरात में तो नर्मदा नदी पर ऎसे अनेक सोलर प्लांट लग चुके हैं वो भी तब जब प्रधानमन्त्री नरेंदर मोदी वहां के मुख्यमंत्री थे. अब तो वो तीन साल से पीएम हैं.
दूसरे दोस्त ने बताया कि पटियाला में घगर पर भी ऎसा प्लांट है. भास्कर हमेशा हमारा ज्ञान बढाता है लेकिन अब डर लग रहा है कि कहीं हमें झूठी जानकारियां तो नहीं पढ़ाई जा रही हैं. सकारात्मक खबरों का विचार वाला आइडिया अच्छा है परंतु उसके बहाने झूठ पढाना तो बिल्कुल ही ठीक नहीं लग रहा. हमने कितनों से अखबार के मालिक का नंबर मांगा परंतु एक जानकार ने कहा कि भड़ास को भेज देंगे तो भास्कर के मालिकों तक खुद पहुंच जाएगा. इसलिए हम ये भड़ास के पास भेज रहे हैं.
पहले भी कितने दोस्त बहस करते थे परंतु हम लुधियाना भास्कर में छपे होने की बातें कहते हुए अड़ जाते थे. लेकिन आगे से अड़ने से पहले सोचना पड़ेगा कि लुधियाना भास्कर जो बता रहा है वह कितना सही है. हमें उम्मीद है कि पाठकों की परेशानी आप जरूर भास्कर के मालिक तक पहुंचाएंगे. संबंधित खबर की कटिंग भी भेज रहे हैं.
एक पाठक
लुधियाना