Connect with us

Hi, what are you looking for?

सुख-दुख

गांधी को जन-जन के दिल से निकालने का ये अंदाज कितना ‘स्वच्छ’ है?

…तो क्या ये समझा जाए कि गांधी को लोगों के दिल से निकालने की रणनीति पर केंद्र सरकार कामयाब हो रही है… ये सवाल इस वजह से परेशान कर रहा है क्योंकि सरकार ने गांधी जयंती पर स्वच्छता अभियान की चोचलेबाज़ी पाल ली है जो कि सिर्फ दो अक्टूबर और प्रधानमंत्री के जन्मदिन पर ही याद आती है… मज़ेदार बात तो ये है कि सरकार ने गांधी के नाम को गिराने के लिए भी गांधी का ही सहारा लिया और उनको स्वच्छता की श्रद्धांजलि का ढोंग रचा…

<p>...तो क्या ये समझा जाए कि गांधी को लोगों के दिल से निकालने की रणनीति पर केंद्र सरकार कामयाब हो रही है... ये सवाल इस वजह से परेशान कर रहा है क्योंकि सरकार ने गांधी जयंती पर स्वच्छता अभियान की चोचलेबाज़ी पाल ली है जो कि सिर्फ दो अक्टूबर और प्रधानमंत्री के जन्मदिन पर ही याद आती है... मज़ेदार बात तो ये है कि सरकार ने गांधी के नाम को गिराने के लिए भी गांधी का ही सहारा लिया और उनको स्वच्छता की श्रद्धांजलि का ढोंग रचा...</p>

…तो क्या ये समझा जाए कि गांधी को लोगों के दिल से निकालने की रणनीति पर केंद्र सरकार कामयाब हो रही है… ये सवाल इस वजह से परेशान कर रहा है क्योंकि सरकार ने गांधी जयंती पर स्वच्छता अभियान की चोचलेबाज़ी पाल ली है जो कि सिर्फ दो अक्टूबर और प्रधानमंत्री के जन्मदिन पर ही याद आती है… मज़ेदार बात तो ये है कि सरकार ने गांधी के नाम को गिराने के लिए भी गांधी का ही सहारा लिया और उनको स्वच्छता की श्रद्धांजलि का ढोंग रचा…

आप समझिए और सोचिए कि दो अक्टूबर को गांधी जयंती की बजाय अब सिर्फ स्वच्छता का राग अलापा जा रहा… कुछ बदलेगा ऐसा दिखाई नहीं देता… क्योंकि लोग जैसे माहौल में हैं, खुश हैं… लेकिन उन्हें राजनीतिक दुख दिखाकर मजबूर किया जा रहा क्योंकि अपना नंबर बढ़ाया जा सके… क्या स्वच्छता दिवस से पहले लोग कीचड़ में रहा करते थे… क्या इस ढोंग से पहले लोग कूड़े के ढेर पर सोया करते थे… क्या इस नौटंकीरूपी कार्यक्रम से पहले लोग नाले में बैठकर काम किया करते थे…

Advertisement. Scroll to continue reading.

सच्चाई तो ये है कि कोई भी गंदगी में रहना पसंद नहीं करता… ऐसे में सरकार की ये पाठशाला सिर्फ BC (बातचीत) ही दिखाई देती है… टीवी चैनल गदंगी की तस्वीर दिखा कर खींसे बगार दे रहे हैं… और खुद को तुर्रमखां समझ कर दांत चियार रहे हैं… बात सिर्फ इतनी भर नहीं है… बात तो हरियाणा में और बढ़ चुकी है… अब स्वच्छता दिवस की नौटंकी के साथ-साथ ग्राम सचिवालय दिवस की होशियारी भी दिखाई जा रही… और इस पर भी राजनीति कर हंगामा खड़ा किया जा रहा… ताकि कांग्रेस भी गांधी को भूल जाए… और सरकार से ज़ुबानी जंग में उलझा रहे…

आप आरएसएस को अच्छे से जानते होंगे… और ये पूरी सरकार वहीं पर बचपना बिता चुकी है… तो इसे आप और अच्छे से समझ सकेंगे… मतलब यही समझ आ रहा कि गांधी को दिलों से भगाने की कोशिश तेज़ है… कुछ समय बाद 14 नवंबर पर भी किसी तरह का ढोंग रच कर जवाहर लाल नेहरू का नाम मिटाने की कोशिश की जाएगी… आप बस देखते रहिए…

Advertisement. Scroll to continue reading.

पत्रकार संजय सिंह की एफबी वॉल से. संपर्क : [email protected]

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement