जीवन में मैंने ख़ुद अपने लिए कभी लड़ाई नहीं लड़ी। दूसरों के लिए लड़ते न्याय दिलाते उम्र बीत गई। मुझे उम्मीद है मेरे लिये भी ज़रूर कोई आगे आएगा। ये पत्र है गृह मंत्री के नाम। अगर आपका कोई लिंक / परिचय गृह मंत्रालय में हो तो इस पत्र को फॉरवर्ड करके निष्पक्ष जाँच कराने की माँग कर लीजिए। – यशवंत
माननीय गृह मंत्री
अमित शाह जी
भारत सरकार
महोदय, दो अक्टूबर 2023 को एक फ़र्ज़ी मुक़दमे की जांच में शामिल होने के लिए मैं दिल्ली के भारत नगर थाने पहुंचा जहां एसीपी संजीव कुमार और इंस्पेक्टर सूरज पाल ने मुझसे पूछताछ की और धमकाते हुए कई काग़ज़ों पर साइन कराया. बाद में मेरा आईफोन जिसमें एयरटेल सिम 9999330099 था, को जांच के नाम पर जब्त कर लिया. लेकिन फोन जब्ती का कोई भी कागज, रसीद मुझे नहीं दिया है.
मुझे आशंका है कि मेरे फोन का दुरुपयोग किया जा सकता है. मैं ये सब इसलिए आपके संज्ञान में ला रहा हूं क्योंकि पूछताछ करने वाले अधिकारी एसीपी संजीव कुमार और इंस्पेक्टर सूरजपाल का रवैया काफी उग्र और मारपीट की धमकियों वाला था. बिना जांच कंप्लीट हुए किसी को अपराधी मानकर ट्रीट करना बेहद शर्मनाक है. मैंने इससे पहले वाली मेल में जांच में सहयोग करने हेतु थाने पहुंचने और अभी तक एफआईआर की कापी न मिलने का जिक्र किया है.
मैं बताना चाहूंगा कि एससी एसटी एक्ट का फ़र्ज़ी मुक़दमा मेरे पर किया गया है। जिसने ये एफ़आईआर लिखाया है, उससे आज तक मिला नहीं हूँ। इसी से समझा जा सकता है कि किस लेवल का फ़र्ज़ी केस है। अभी भी मुझे एफआईआर की कापी नहीं दी गई है. फोन भी छीन लिया गया जिसके जरिए फर्जी साक्ष्य गढ़े जाने की आशंका है.
मुझे पता चला है कि एसीपी संजीव कुमार और इंस्पेक्टर सूरज पाल ने फ़र्ज़ी एफ़आईआर लिखने और मुझे परेशान-प्रताड़ित करने के लिये लाखों रुपये रिश्वत के बतौर लिए हैं।
इसके पहले आईजीआई एयरपोर्ट पर मेरे ख़िलाफ़ फ़र्ज़ी मुक़दमा लिखाया गया। ये सब खबरें लिखने के कारण और सच उजागर करने के चलते कुछ सफ़ेदपोश लोगों द्वारा सिस्टम का दुरुपयोग करके कराया जा रहा है।
इस मामले की जाँच के लिए दिल्ली पुलिस सीपी संजय अरोड़ा को मेल कर चुका हूँ लेकिन अभी तक कुछ हुआ नहीं।
आपसे न्याय की उम्मीद करता हूँ। कृपया त्वरित कार्रवाई करते हुए समुचित निर्देश देने की कृपा करें.
आभार
यशवंत सिंह
संपादक
भड़ास4मीडिया डाट काम
पूर्व संपादक
आईनेक्स्ट
दैनिक जागरण
अमर उजाला
मोबाइल 9999330099