Connect with us

Hi, what are you looking for?

सुख-दुख

जीएसटी का सच (पार्ट 13 से 23 तक) : जीएसटी से बेरोजगारी की कगार पर खड़े एक पत्रकार की डायरी

जीएसटी का सच (17) : जीएसटी में रीवर्स चार्ज क्या है

Advertisement. Scroll to continue reading.

संजय कुमार सिंह
[email protected]

जीएसटी में रीवर्स चार्ज की व्यवस्था सबसे चर्चित है। लोग इसके बारे में जानना चाहते हैं और बहुत कम लोग इसे समझ रहे हैं। हालांकि, कुल मिलाकर स्थिति यही है कि सरकार ने टैक्स लगा दिया है तो देना पड़ेगा और दुकानदार या सेवा प्रदाता रसीद दे रहा है तो क्या किया जा सकता है। आपने देखा होगा, अभी तक यही व्यवस्था थी कि आप कोई सामान खरीदते थे या सेवा लेते थे तो दुकानदार या सेवा प्रदाता अपने शुल्क या कीमत के अलावा टैक्स मद में एक निश्चित राशि लेता था। यह राशि दुकानदार या सेवा प्रदाता आपकी ओर से सरकारी खाते में जमा कराता था। सर्विस टैक्स या बिक्री कर जमा कराने की जिम्मेदारी आपकी यानी सेवा का उपयोग करने वाले या खरीदार की नहीं थी।

Advertisement. Scroll to continue reading.

अगर आप किसी छोटे विक्रेता या सेवा प्रदाता की सेवा लें तो टैक्स नहीं लगता था। पर अब आयात या अन्य अधिसूचित आपूर्ति के मामले में टैक्स जमा करने की यह जिम्मेदारी उपभोक्ता या सेवा प्राप्तकर्ता पर डाली जा सकती है। यही रीवर्स चार्ज व्यवस्था है। रीवर्स चार्ज का मतलब है कि टैक्स देने का दायित्व सेवा या सामान प्राप्त करने वाले का है, ना कि सेवा प्रदाता या विक्रेता का।   

जीएसटी कानून में दो तरह के रीवर्स चार्ज की कल्पना है। पहला आपूर्ति की प्रकृति या आपूर्तिकर्ता की प्रकृति के अनुसार और दूसरा किसी गैरपंजीकृत व्यक्ति (या संस्था) द्वारा किसी पंजीकृत व्यक्ति (या संस्था) को आपूर्ति या बिक्री। इस तरह, जीएसटी कानून की भिन्न धाराओं के प्रावधानों के तहत सरकार सामान या सेवा अथवा दोनों की श्रेणी निश्चित कर सकती है और तब इस कानून के सभी प्रावधान सेवा प्राप्त करने वाले पर लागू होंगे और सेवा प्राप्त करने वाला व्यक्ति टैक्स चुकाने के लिए जिम्मेदार होगा। इसका मतलब हुआ कि जब भी कोई जीएसटी पंजीकृत व्यक्ति किसी अपंजीकृत व्यक्ति या आपूर्तिकर्ता से सेवा या सामान प्राप्त करता है वह रीवर्स चार्ज आधार पर टैक्स देने के लिए जिम्मेदार हो जाता है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

इसका नुकसान यह है कि पहले कोई कंपनी किसी छोटे सेवा प्रदाता या विक्रेता की सेवा लेती थी तो कंपनी को टैक्स नहीं देना पड़ता था या सेवा सस्ती पड़ती थी। यह छोटे कारोबारियों के लिए प्रेरणा की तरह काम करता था। अब ऐसा नहीं रहा। उसे सेवा या आपूर्ति प्राप्त करने वाले को टैक्स की यह राशि अपने पास से देना होगा। इसे ऐसे समझिए कि टैक्स तो खरीदार को पहले भी देना था अगर वह किसी छोटे, गैर पंजीकृत सेवा प्रदाता की सेवा लेता था तो टैक्स बच जाता था अब वह नहीं बचेगा। उसे खुद सरकार को देना होगा। सरकार दावा कर सकेगी कि टैक्स मद में ज्यादा राशि एकत्र हुई है। सेवा प्रदाता, अगर वह अपंजीकृत रहने की श्रेणी में है तो टैक्स और टैक्स जमा कराने के दायित्व से मुक्त रहेगा। पर यह कोई प्रोत्साहन नहीं है और ऐसा भी नहीं है कि वह इनपुट टैक्स क्रेडिट ले सकेगा।

इसमें एक प्रावधान मेरे काम का बताया गया है और वह है अगर किसी अपंजीकृत सेवा प्रदाता से पंजीकृत सेवा प्रदाता द्वारा ली गई सेवा या आपूर्ति का कुल मूल्य 5000 रुपए प्रति दिन से कम का है तो यह रीवर्स चार्ज से मुक्त होगा। पर यह किस धारा में कहां है, अभी तक नहीं मिला है। ढूंढ़ना है। मुमकिन है नहीं भी हो। इसमें एक पेंच और है। अगर आप रोज पांच हजार रुपए से ज्यादा का सामान या सेवा किसी अपंजीकृत कारोबारी से लेते हैं तो आपका जीएसटी में पंजीकृत होना आवश्यक है। और आप पर 20 लाख रुपए (विशेष श्रेणी वाले राज्यों के लिए 10 लाख रुपए) की सीमा लागू नहीं होगी।

Advertisement. Scroll to continue reading.

जीएसटी की एक और बुराई यह है कि इसमें टैक्स देने वालों यानी कारोबार करने वालों की सुविधाओं का जरा भी ख्याल नहीं रखा गया है उल्टे उनपर भारी जिम्मेदारी डाल दी गई है और इतना रिकार्ड रखने की जिम्मेदारी है कि उसमें भी गलती हो जाए तो वे फंसेंगे। इस सोच या रुख के तहत ऊपर बताये गए इनपुट टैक्स का भुगतान नकद किया जाना है और यह इनपुट टैक्स क्रेडिट (मोटे तौर पर पूर्व में जमा हो चुके अतिरिक्त टैक्स) में समायोजित नहीं होगा।

इसके आगे का पढ़ने के लिए नीचे क्लिक करें….

Advertisement. Scroll to continue reading.

Advertisement. Scroll to continue reading.

Pages: 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement