Connect with us

Hi, what are you looking for?

सुख-दुख

ना ना… ईमानदार न बनिए… वरना पिटाएंगे.. देखिए इन गुरुजी की हालत!

गजब है अपना देश. ईमानदार होना तो जैसे गुनाह है. फील्ड चाहे कोई हो. ठगी, लालच, धूर्तई, धोखेबाजी, बेईमानी, छल, अवसरवादिता, निहित स्वार्थीपना .. ये सब हम भारतीयों के खून में है. हजारों सालों से हो रहे हमलों और हमारी हारों ने अपन लोगों को जिंदा रहने की खातिर इन सब हथियारों का सहारा लेने को मजबूर किया और इतने दिनों तक इसका सहारा लेते रहे कि अब इसकी आदत पड़ गई है. यह हमारे खून, दिल, दिमाग का हिस्सा हो गया है. सदियों से चलने वाले ठगी प्रथा को साफ करने में अंग्रेजों को दशकों लग गए.

<script async src="//pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js"></script> <script> (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({ google_ad_client: "ca-pub-7095147807319647", enable_page_level_ads: true }); </script><p>गजब है अपना देश. ईमानदार होना तो जैसे गुनाह है. फील्ड चाहे कोई हो. ठगी, लालच, धूर्तई, धोखेबाजी, बेईमानी, छल, अवसरवादिता, निहित स्वार्थीपना .. ये सब हम भारतीयों के खून में है. हजारों सालों से हो रहे हमलों और हमारी हारों ने अपन लोगों को जिंदा रहने की खातिर इन सब हथियारों का सहारा लेने को मजबूर किया और इतने दिनों तक इसका सहारा लेते रहे कि अब इसकी आदत पड़ गई है. यह हमारे खून, दिल, दिमाग का हिस्सा हो गया है. सदियों से चलने वाले ठगी प्रथा को साफ करने में अंग्रेजों को दशकों लग गए.</p>

गजब है अपना देश. ईमानदार होना तो जैसे गुनाह है. फील्ड चाहे कोई हो. ठगी, लालच, धूर्तई, धोखेबाजी, बेईमानी, छल, अवसरवादिता, निहित स्वार्थीपना .. ये सब हम भारतीयों के खून में है. हजारों सालों से हो रहे हमलों और हमारी हारों ने अपन लोगों को जिंदा रहने की खातिर इन सब हथियारों का सहारा लेने को मजबूर किया और इतने दिनों तक इसका सहारा लेते रहे कि अब इसकी आदत पड़ गई है. यह हमारे खून, दिल, दिमाग का हिस्सा हो गया है. सदियों से चलने वाले ठगी प्रथा को साफ करने में अंग्रेजों को दशकों लग गए.

Advertisement. Scroll to continue reading.

मतलब साफ है. जो चीजें हम लोगों से सदियों से करते रहे हैं, उसे भले कई वजहों से छोड़े हुए हों, कई किस्म के दबावों-मजबूरियों के कारण न करते हों, लेकिन अवचेतन में जिंदा है… अगर उचित मौका-अवसर मिले तो ये अपराधी डीएनए हुंकार भरने लगता है… धोखेबाज खून खौलने लगता है…. सो, सही कहा गया है- ‘हम भ्रष्टन के, भ्रष्ट हमारे’! 

बेइमानी के डीएनए वाले इस महा भ्रष्ट देश में इन्हीं ऐतिहासुक ‘गुणों’ की वजह से जनहित और देशहित में काम करने वाले सरोकारी टाइप लोग पगलेट माने जाते हैं. समाज-राजनीति से लेकर पेशे-महकमें के लोग तक इनका इलाज करने पर उतारू हो जाते हैं.

Advertisement. Scroll to continue reading.

पत्रकारों के साथ तो इन दिनों खास बुरा हो रहा है. बेंगलुरु से लेकर बनारस तक पत्रकार मारे जा रहे हैं या पिट रहे हैं. त्रिपुरा और नोएडा की घटनाएं भी हाल की हैं. मेरा हाल भी आप लोगों ने देखा ही था. पोलखोल खबरों के प्रकाशन के कारण मेरे उपर भी दिल्ली के हर्ट प्रेस क्लब आफ इंडिया में हमला किया गया. फिलहाल ताजा मामला नकल रोकने पर एक गुरुजी के पिटाने का है. आगरा के इन प्रोफ़ेसर महोदय ने नकल विहीन परीक्षा के लिए कमर कस ली थी. बस, इसी गलती पर इन पर जानलेवा हमला हो गया. हमलावर मरणासन्न स्थिति में इन्हें छोड़ कर भाग निकले.

इन्हें देखकर अब मैं खुद के बारे में सोचता हूं… दुनिया में कितना ग़म है, मेरा ग़म कितना कम है…

Advertisement. Scroll to continue reading.

युवा पत्रकार अंकित सेठी ने जानकारी दी है कि आगरा के सिकंदरा क्षेत्र के निवासी सीनियर प्रोफ़ेसर पीएस तिवारी को आरबी कॉलेज में चल रही लॉ की परीक्षाओं के लिए प्रभारी नियुक्त किया गया. सोमवार को परीक्षा के दौरान नक़ल करने से रोकने पर प्रोफ़ेसर तिवारी की कुछ छात्रों और एक साथी प्रोफेसर के साथ कहासुनी हो गई. मंगलवार सुबह लगभग सात बजे जब वह कॉलेज जाने के लिए निकले तो बाइक सवार अज्ञात हमलावरों ने उनकी गाडी रुकवाकर उन पर सरिया और लोहे की रोड से हमला कर दिया. पीड़ित ने बताया की हमलावर उन्हें परीक्षाओं में नकल को लेकर धमका रहे थे. उनका कहना है कि नक़ल विहीन परीक्षा कराने के उनके इरादों से परेशान होकर नक़ल माफिया, जिसमें कई प्रोफ़ेसर भी शामिल हैं, ने उन पर जानलेवा हमला करवाया है.

भड़ास एडिटर यशवंत सिंह की रिपोर्ट. संपर्क : [email protected]

Advertisement. Scroll to continue reading.

पूरे मामले को समझने के लिए इन्हें भी पढ़ें…

xxx

Advertisement. Scroll to continue reading.

xxx

xxx

Advertisement. Scroll to continue reading.

xxx

xxx

Advertisement. Scroll to continue reading.

xxx

xxx

Advertisement. Scroll to continue reading.

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement