Connect with us

Hi, what are you looking for?

टीवी

अरुण पुरी वाले इंडिया टुडे ग्रुप में पत्रकार नहीं, गुलाम रखे जाते हैं! देखें ये मेल

यशवंत सिंह-

अरुण पुरी वाला इंडिया टुडे समूह दिन प्रतिदिन क्रूर से क्रूरतम होता जा रहा है. यह समूह कभी जनसरोकार वाली पत्रकारिता के लिए जाना जाता था लेकिन अब यह गोदी मीडिया में शीर्ष स्थान रखता है. इस समूह में जो लोग पत्रकार के रूप में नियुक्त किए जाते हैं उन्हें आधुनिक गुलाम बनने की दीक्षा दी जाती है. जो इस दीक्षा को कुबूल कर लेते हैं, वे इस समूह के पत्रकार बन जाते हैं. जो अपनी स्वतंत्र बौद्धिक चेतना और जनसरोकार के प्रति पक्षधरता के चलते सवाल पूछ देते हैं तो उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है. यकीन न हो तो इस ग्रुप के एचआर का एक मेल पढ़िए. इसका शीर्षक है इंटरिम सोशल मीडिया एडवाइजरी.

Advertisement. Scroll to continue reading.

इस एडवाइजरी में साफ साफ कहा गया है कि इस इंडिया टुडे समूह का कोई भी पत्रकार अपने फेसबुक ट्विटर आदि सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स पर निजी राजनीतिक विचार नहीं पोस्ट करेगा.

बताइए भला. जैसे आईएएस आईपीएस की सरकारी नौकरी हो गई कि राजनीतिक व्यूज नहीं लिखने कहने हैं. अरे भाई आप पत्रकार रखते हो. पत्रकार का काम है राजनीतिक मुद्दों पर तर्कशीलता के साथ बात करना. खासकर अपने निजी हैंडल्स पर तो लिख पढ़ ही सकता है. पर आपने तो उसके कलम छीन लिए. दिमाग गिरवी रखवा लिया. उसे गुलाम बना लिया. डिजिटल दौर के आधुनिक गुलाम ऐसे ही तो होते होंगे. जिन्हें सब कुछ की आजादी होगी बस खुद की बात रखने की आजादी न होगी.

Advertisement. Scroll to continue reading.

इस मेल में आगे लिखा गया है कि आप अपने परसनल हैंडल्स से ग्रुप के कंटेंट को प्रमोट करेंगे.

सुन लो भला. पूरी तरह खरीद लिया है क्या भइया. खुद के विचार लिखने न दोगे अपने निजी प्लेटफार्म्स पर. और, निजी प्लेटफार्मस पर लिखने के नाम पर इंडिया टुडे ग्रुप के कंटेंट को प्रमोट करवाओगे…. मतलब अपने पत्रकार रूपी गुलामों को पब्लिकली गुलाम साबित घोषित करके ही मानोगे.

मेल के लास्ट में ये भी गुलामों को समझा दिया गया है कि ये मेल किसी भी तरह से आपकी अभिव्यक्ति की आजादी या प्रेस की स्वतंत्रता का उल्लंघन नहीं है.

Advertisement. Scroll to continue reading.

सोचते रहो भाइयों, मुंह सील करके…. जबरा मारे और रोवे भी न दे. अरुण पुरी के मीडिया हाउसों का हाल दिन प्रतिदिन बुरा होता जा रहा है. आजतक, इंडिया टुडे सब के सब पब्लिकली गोदी मीडिया हो गए हैं. जो खुल कर गोदी मीडिया हैं, वे इनसे तो अच्छे हैं. कम से कम उनके स्टैंड तो क्लीयर हैं. दर्शक को पता होता है कि वहां जाने पर क्या देखने को मिलेगा. लेकिन ये इंडिया टुडे ग्रुप वाले पत्रकारिता के नाम पर जो सत्ता की जो भांड़गिरी करते कराते हैं वह बहुत भयानक है.

इस मेल को जारी हुए दो महीने होने वाले हैं लेकिन इंडिया टुडे के गुलामों की तरफ से कहीं कोई हरकत नहीं. आखिर भारी भरकम सेलरी के चलते मुंह आंख नाक कान तो बंद हो ही जाते हैं न…. और भला कोरोना काल के जाब विहीन दौर में नंबर एक मीडिया हाउस में काम करने का टैग भला कौन हटाना चाहेगा… सो एचआर चाहे जैसा नियम लागू कर दे, गुलाम पत्रकारों की तरफ से कहीं से कोई चूं चपड़ की आवाज न आने वाली….

Advertisement. Scroll to continue reading.

इन्हें भी पढ़ें-

आजतक भी जी न्यूज और रिपब्लिक भारत चैनलों की तरह गोदी मीडिया हो चुका है!

श्याम ने आजतक जॉइन करने की जानकारी दी तो कइयों ने कहा- वहां न जाना!

किसानों ने जी न्यूज, रिपब्लिक भारत के अलावा आजतक को भी गोदी मीडिया घोषित कर दिया

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement