Amitabh Thakur : मैं अपने साथी और बैचमेट राहुल शर्मा (1992 बैच, गुजरात कैडर आईपीएस), जिन्होंने हाल में सेवा से इस्तीफा दे दिया को सलाम करता हूँ. राहुल को आईजी पद पर प्रोमोशन नहीं मिला, उन पर 2 विभागीय जांच थे, उन्हें एक प्रतिकूल एसीआर मिला था पर जिस तरह उन्होंने 2002 गुजरात दंगों में एसपी भावनगर के रूप में पूर्णतया निष्पक्ष और न्यायसंगत भूमिका निभायी थी.
जिस प्रकार उनके कॉल डिटेल रिकार्ड्स से माया कोदनानी और बाबू बजरंगी सहित तमाम नेताओं को सजा मिलने में मदद मिली, उससे मेरी निगाह में वे अकेले सभी राज्यों के डीजीपी को मिलकर बने समूह से अधिक सम्मानित हैं. उन्होंने इस प्रक्रिया में कई ताकतवर शत्रु बनाए पर एक पल के लिए भी वे सत्य और कर्तव्य के पथ से विलग नहीं हुए. राहुल, आपको नमन.
आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर के फेसबुक वॉल से.