
आईआरएस अफसर एसके श्रीवास्तव को निपटाने के लिए सारा सिस्टम बहुत तेजी से कर रहा है काम…. पहले जमानत अर्जी खारिज, फिर भगोड़ा घोषित करने का आदेश जारी, फिर कुर्की का आदेश पारित… काश, ऐसी ही तेजी उन असली के भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ भी सरकारें-जांच एजेंसियां दिखा पातीं जिनके नाम सीवीसी की लिस्ट से लेकर कई अन्य सरकारी दस्तावेजों में दर्ज है…
यूपी समेत पूरे देश में हजारों ऐसे बड़े भ्रष्ट नौकरशाह हैं जिन्होंने अरबों-खरबों की संपत्ति अपने मंत्रियों-नेताओं के संरक्षण में जमा कर लिया है… इन पर चूंकि सरकारों की, मंत्रियों की, नेताओं की मेहरबानी है, ये रीढविहीन चापलूस अफसर हैं जो केवल यस सर यस सर करना जानते हैं, इसलिए इनके सारे अपराध माफ….
एक बेचारे संजय श्रीवास्तव हैं, आईआरएस अफसर, जिन्होंने एनडीटीवी, प्रणय राय, पी चिदंबरम से लेकर जाने किस किस के घपले-घोटाले उजागर करने का जुनून सवार था… इसी जुनून के चलते सरकार साहब लोगों ने इन्हें पागलखाने तक भेज दिया… फिर भी इनका जज्बा जुनून कम न हुआ… अब इन्हें आईआरएस की नौकरी से हटा दिया गया है… इन्हें कई आरोपों में इतना तगड़ा घेर लिया गया है कि इनकी गिरफ्तारी तय है…
गिरफ्तार करने के लिए सीबीआई लगातार एक के बाद एक आदेश अदालत से हासिल करती जा रही है… इन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया गया है… इनकी संपत्ति कुर्की करने का आदेश ले लिया गया है… देखते हैं कितने दिन बचते हैं श्रीवास्तव जी… हां, करप्शन के खिलाफ लड़ने का दावा करने वाले भक्त लोग जरूर अपने बासेज से पूछें कि आखिर कांग्रेस राज के कुछ बड़े घोटाले खोलने वाले इस शख्स से भाजपा शासन के आकाओं को क्या परेशानी हो गई थी… वो न बताएंगे… हम बता देते हैं… इसे कहते हैं चोर चोर मौसेरे भाई…..
ज्ञात हो कि सीबीआई अदालत और इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पहले ही पूर्व आयकर आयुक्त संजय कुमार श्रीवास्तव की अग्रिम जमानत अर्जी नामंजूर कर दी है. नोएडा के आयकर अपीलीय अधिकरण में तैनात रहे संजय कुमार को 11 जून 2019 को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी गई थी. सीबीआई ने उनके यहां छापा मारा और मुकदमा दर्ज किया है. गिरफ्तारी से बचने के लिए संजय श्रीवास्तव ने अग्रिम जमानत की मांग की थी.
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