Raj Kumar Singh : जूतेबाजी के बहाने जातीय कटुता पैदा करने की कोशिश… बीजेपी सांसद शरद त्रिपाठी द्वारा बीजेपी विधायक राकेश सिंह बघेल को जूतों से पीटे जाने के बाद जातीय कटुता को भी हवा दी जाने लगी है. इसे ब्राम्हण बनाम ठाकुर का रंग दे दिया गया है. सोशल मीडिया पर कई पढ़े लिखे लोग भी इस रौ में बह गए हैं.
मेरा फिलहाल क्षत्रियों से ये कहना है कि किसी विधायक के पिट जाने का आपके सम्मान से कोई मतलब नहीं है. क्षत्रियों का सम्मान और बहादुरी राजपूत रेजिमेंट से है, सेना में परमवीर पाने वालों से है, इस लिस्ट में इनकी संख्या सर्वाधिक है. आपका सम्मान राम से है, बुद्ध से है, राणा प्रताप से है. वैज्ञानिक लालजी सिंह से है, आलोचक नामवर सिंह से है.
बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के बाद सामाजिक न्याय के दूसरे बड़े पुरोधा वीपी सिंह से है. अन्याय के खिलाफ लड़ने और जान देने वाले बहादुरों से है. इन छोटे मोटे विधायकों, कुछ माफियाओं और गुंडों से नहीं है. इसे अपने सम्मान से न जोड़ें. जातीय कटुता फैलाने वालों की साजिश में न आएं. साफ कहने की आदत है सो साफ रह रहा हूं.
नवभारत टाइम्स लखनऊ के वरिष्ठ पत्रकार राज कुमार सिंह की एफबी वॉल से.
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One comment on “जूताकांड : अब ब्राम्हण बनाम ठाकुर रंग देने की कोशिश”
कहीं का ईंट कहीं का रोड़ा?? बघेल पिछड़ी जाति में गिने जाने वाले समुदाय से हैं। राजकुमार जी पत्रकार हैं फिर भी नहीं जानते?