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चुनाव खत्म होने के साथ ही ‘के न्यूज़’ चैनल में संकट शुरू

कानपुर से चलने वाला यूपी-उत्तराखंड का चैनल ‘के न्यूज़’ मालिकों की राजनीति का शिकार होता दिख रहा है। इस चैनल को चार लोग मिल कर चला रहे थे। यूपी का चुनाव खत्म होते ही संजीव दीक्षित चैनल से अलग हो गए। संजीव दीक्षित के कंपनी से अलग होते ही चैनल का प्रसारण डेन केबल पर बंद हो गया। डेन केबल पर चैनल बंद होने से चैनल एक तरह से यूपी के मार्केट से बाहर हो गया। चैनल के तीन मालिकों में अनुराग अग्रवाल कंपनी के चेयरमैन हैं और एडिटर इन चीफ अमिताभ अग्निहोत्री उनके विश्वासपात्र हैं।

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कानपुर से चलने वाला यूपी-उत्तराखंड का चैनल ‘के न्यूज़’ मालिकों की राजनीति का शिकार होता दिख रहा है। इस चैनल को चार लोग मिल कर चला रहे थे। यूपी का चुनाव खत्म होते ही संजीव दीक्षित चैनल से अलग हो गए। संजीव दीक्षित के कंपनी से अलग होते ही चैनल का प्रसारण डेन केबल पर बंद हो गया। डेन केबल पर चैनल बंद होने से चैनल एक तरह से यूपी के मार्केट से बाहर हो गया। चैनल के तीन मालिकों में अनुराग अग्रवाल कंपनी के चेयरमैन हैं और एडिटर इन चीफ अमिताभ अग्निहोत्री उनके विश्वासपात्र हैं।

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चैनल के पास फिलहाल रीज़नल के चार बड़े नाम हैं। अमिताभ अग्निहोत्री यूपी/उत्तराखंड के बड़े पत्रकारों में शुमार हैं। समाचार प्लस के बाद टीवी में दूसरी बड़ी पारी वो के न्यूज के साथ खेल रहे हैं। दूसरे बड़े चेहरे के तौर पर मनीष बाजपेई हैं मनीष इंडिया टीवी, न्यूज नेशन, न्यूज एक्सप्रेस में काम कर चुके हैं और इंडिया टीवी में रजत शर्मा की कोर टीम का हिस्सा रह चुके हैं। तीसरा बड़ा नाम असित नाथ तिवारी का है। असित महुआ, मौर्य और ज़ी न्यूज़ का हिस्सा रह चुके हैं। असित जन सरोकार से गहरा जुड़ाव रखने वाले पत्रकार हैं। चैनल में चौथा बड़ा नाम संजय कटियार हैं। संजय हिंदुस्तान अखबार के बरेली एडिशन के एडिटर रहे हैं। कंटेंट पर जबर्दस्त पकड़ रखने वाले संजय एक बेहतर टीम लीडर भी हैं।

सब कुछ होते हुए भी चैनल फिलहाल संकट में है। यूपी में स्ट्रिंगर्स को पैसे नहीं दिए जा रहे हैं। उल्टा स्ट्रिंगर्स से कमा कर देने को कहा जा रहा है। चैनल के मौजूदा संकट के पीछे मालिकों के बीच मनमुटाव है। चेयरमैन अनुराग अग्रवाल, डायरेक्टर अंशुल बंसल और डायरेक्टर धर्मेश चतुर्वेदी के बीच गहरा मनमुटाव हो गया है। इस मनमुटाव की वजह से चैनल में असमंजस की हालत है। यूपी चुनाव बीतने के साथ ही समाचार प्लस में 15 लोगों को नोटिस दिया चुका है और अब के न्यूज़ के बंद होने का ख़तरा सामने है। ऐसे में पत्रकारों के सामने एक बार संकट मुंह बाए खड़ा है।

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