कानपुर से संचालित ‘के न्यूज़’ चैनल 5 साल से चल रहा है लेकिन एम्प्लॉय का पीएफ और esic का पैसा कभी जमा नही किया. अप्रैल में चैनल को बंद करने की घोषणा की गई और कहा गया कि आप लोगों का पीएफ जल्द जमा कर दिया जायेगा. लगभग 70 लोगों का रिजाइन कंपनी ने दबाव …
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‘के न्यूज’ के चेयरमैन अनुराग अग्रवाल को भी ‘कोबरा पोस्ट’ ने डंसा, देखें वीडियो
कानपुर से प्रसारित होने वाला ‘के न्यूज़’ चैनल एक हिंदी भाषी क्षेत्रिय चैनल है। इसे 2005 में पांच प्रमोटरों द्वारा शुरू किया गया। अनुराग अग्रवाल इनमें से एक है। इस चैनल के यूपी और उत्तराखंड के कई शहरों जैसे देहरादून, नोएडा, और लखनऊ में ब्यूरो भी हैं। वरिष्ठ पत्रकार पुष्प शर्मा की के न्यूज़ के …
चुनाव खत्म होने के साथ ही ‘के न्यूज़’ चैनल में संकट शुरू
कानपुर से चलने वाला यूपी-उत्तराखंड का चैनल ‘के न्यूज़’ मालिकों की राजनीति का शिकार होता दिख रहा है। इस चैनल को चार लोग मिल कर चला रहे थे। यूपी का चुनाव खत्म होते ही संजीव दीक्षित चैनल से अलग हो गए। संजीव दीक्षित के कंपनी से अलग होते ही चैनल का प्रसारण डेन केबल पर बंद हो गया। डेन केबल पर चैनल बंद होने से चैनल एक तरह से यूपी के मार्केट से बाहर हो गया। चैनल के तीन मालिकों में अनुराग अग्रवाल कंपनी के चेयरमैन हैं और एडिटर इन चीफ अमिताभ अग्निहोत्री उनके विश्वासपात्र हैं।
अमिताभ के आते ही ‘के न्यूज’ में घमासान
कानपुर से चलने वाले के न्यूज में मालिकान के बीच गुटबाज़ी तेज़ हो गई है. दरअसल अभी तक चैनल का पूरा इस्तेमाल सिर्फ एक पार्टनर धर्मेश चतुर्वेदी कर रहे थे. चैनल के तमाम कर्मचारी धर्मेश चतुर्वेदी के जरिए बहाल किए गए हैं और एक साल भीतर इनपुट हेड से संपादक बने दुर्गेंद्र सिंह चौहान के साथ डायरेक्टर धर्मेश चतुर्वेदी ने चैनल के जरिए खूब कमाई की. तीन साल बाद चैनल के बाकी पार्टनर इस खेल को समझ गए और धर्मेश चतुर्वेदी के तमाम विरोधों को दरकिनार कर अमिताभ अग्निहोत्री को चैनल का बॉस बना दिया.
कानपुर से संचालित होने वाले के. न्यूज चैनल का सच : ”खुद कमाओ और हमे भी लाकर दो, तब हम जानेंगे तुम रिपोर्टर हो!”
: काम करवा कर वेतन नहीं देते है ‘के. न्यूज’ वाले : के. न्यूज की कहानी यहां नौ महीने तक काम करने वाले बनारस के मीडियाकर्मी प्रहलाद गुप्ता की जुबानी :
वाराणसी। चिल्ला-चिल्ला कर झूठ को बेनकाब करने का दावा करने वाले चैनलों का भीतरी सच क्या है? क्या है इनकी हकीकत? कैसे ये अपने यहां काम करने वालो का शोषण करते हैं? मेरा दावा है, चैनलों पर ऐसी कोई बेक्रिंग न्यूज कभी नहीं दिखेगी। कानपुर से संचालित होने वाले रीजनल चैनल ‘के.न्यूज’ के साथ काम कर के मुझे यही सबक मिला कि सच का दम भरने वाले इन चैनलों का भीतरी चेहरा कितना बदसूरत है।
कानपुर से संचालित ‘के. न्यूज’ चैनल तो पीएफ चोर निकला!
महोदय, आपको अवगत कराना चाहता हूँ कि ”के. न्यूज चैनल 24×7” में कार्यरत किसी कर्मचारी को पीएफ नहीं दिया जा रहा है. दो वर्ष से फर्म चल रही है जिसमें पीफ के नाम पर सिर्फ आश्वासन ही दिया जा रहा है. सबसे दुखद ये है कि ये लोग पीएफ के नाम पर हर महीने 12% सेलरी काट ले रहे हैं लेकिन इसे जमा नहीं कर रहे हैं. इस कारण किसी इंप्लाई को उसका पीएफ नम्बर तक नहीं दिया गया.